पर्सनल कंप्यूटर क्या है? ( Personal Computer kya hai ?) :-
personal computer definition :-
ये Personal computer क्या है शायद हम सभी लोगों यह पता होगा क्यूंकि इसे हम अपने घरों में, offices में, दुकानों में देखते हैं
Personal computer (PC) किसी भी उपयोगकर्ता के उपयोग के लिए बनाये गए किसी भी छोटे और सस्ते कंप्यूटर का निर्माण किया गया । सभी कम्प्युटर Microprocessors के विकास पर आधारित हैं। Personal computer का उदाहरण माइक्रो कंप्यूटर, डेस्कटॉप कंप्यूटर, लैपटॉप कंप्यूटर, टैबलेट हैं।
Personal computer (PC) किसी भी उपयोगकर्ता के उपयोग के लिए बनाये गए किसी भी छोटे और सस्ते कंप्यूटर का निर्माण किया गया । सभी कम्प्युटर Microprocessors के विकास पर आधारित हैं। Personal computer का उदाहरण माइक्रो कंप्यूटर, डेस्कटॉप कंप्यूटर, लैपटॉप कंप्यूटर, टैबलेट हैं।
पर्सनल कंप्यूटर के प्रकार ( personal computer types ):-
● डेस्कटॉप कंप्यूटर (Desktop)
● नोटबुक (Notebook)
● टेबलेट (tablet)
● स्मार्टफोन (Smartphone)
कम्प्युटर का इतिहास ( personal computer history) :-
कम्प्यूटर के विकास (personal computer evolution) के आरम्भ में जो भी कम्प्यूटर विकसित किया जाता था , उसकी अपनी एक अलग ही संरचना होती थी । तथा अपना एक अलग ही नाम होता था । जैसे - UNIVAC , ENIAC , MARK - 1 आदि । सन् 1970 में जब INTEL CORP ने दुनिया का पहला माइक्रोप्रोसेसर ( INTEL 4004 ) विकसित किया तो सभी कम्प्यूटर निर्माताओं ने इस विप को जिसे माइक्रोप्रोसेसर कहते हैं , अपने कम्प्यूटर में एक मुख्य कम्पोनेन्ट के रूप में प्रयोग करना शुरू किया तथा तभी से इन कम्प्यूटरों का सामान्य नाम माइक्रोकम्प्यूटर पड़ा । लेकिन , माइक्रोप्रोसेसर के विकास के काफी समय पश्चात् तक कम्प्यूटर का उत्पादन उतना नहीं बढ़ा जितना अनुमानित था । करीब दस साल पश्चात् 1981 में अमेरिका में स्थित एक व्यावसायिक संगठन आई बी एम कॉरपोरेशन ( IBM : International Business Machine ) ने बड़े पैमाने पर कम्प्यूटर का उत्पादन शुरू किया तथा विश्व भर में उनकी बिक्री आरम्भ की । IBM के द्वारा उत्पादित कम्प्यूटर आकार में छोटे तथा व्यक्तिगत जरूरत का ध्यान में रखकर बनाये गये थे । अत : उनका ट्रेडमार्क पर्सनल कम्प्यूटर रखा गया । एक लम्बे समय तक विश्व को कम्प्यूटर सप्लाई करने के कारण IBM का ट्रेडमार्क कम्प्यूटर जगत में एक मानक के रूप में स्थापित हो गया । आज विश्व के कई देशों में विभिन्न कम्पनियों द्वारा कम्प्यूटरों का उत्पादन होता है , लेकिन उन्हें भी अपने कम्प्यूटर की बिक्री के लिए विज्ञापन में लिखना होता है कि उनके कम्प्यूटर भी IR 1981 में प्रथम PC बनाने के बाद IBM ने कई प्रकार के PC बनाये जिनका IBM / PC कम्प्यूटर के समानान्तर ही हैं ।
personal computer uses :-
उपयोगिता के कारण ही आज कम्प्यूटर मानव जीवन का एक अंग बन गया है । कार्य करने की त्वरितता , मेमोरी एवं लॉजिकल निर्णय लेने की क्षमता इस यंत्र के अत्याधिक प्रभावशाली गुण हैं । आज कम्प्यूटर का उपयोग हम निम्नलिखित क्षेत्रों में कर सकते हैं-
● शिक्षा ( EDUCATION ) :-
जैसा कि हम जानते हैं कि कम्प्यूटर का आविष्कार मूलत : गणितीय समस्याओं के समाधान के लिए हुआ था ।. अतः आज इसका सबसे अधिक उपयोग गणित , सांख्यिकी , अर्थशास्त्र जैसे जटिल विषयों को समझने या समझा का में किया जाता है । विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थी अपने शोध कार्यों में कम्प्यूटर का उपयोग करते हैं । स्कूलों में भी कम्प्यूटर एडेड लर्निग ( CAL ) आधारित सॉफ्टवेयर बाजार में उपलब्ध हैं , जिनमें कम्प्युटर का उपयोग शिक्षक के रूप में होता है । शिक्षण - संस्थाओं में छात्रों के व्यक्तिगत विवरण भी कम्प्यूटर की मेमोरी में स्टोर कर सकते हैं जिसे आवश्यकतानुसार वापस प्राप्त किया जा सकता है ।
● प्रशासन ( ADMINISTRATION ) :-
प्रशासन के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग निरन्तर बढ़ रहा है । दफ्तरों में कर्मचारियों से सम्बन्धित सूचनाओं को कम्प्यूटर में स्टोर करके आवश्यकतानुसार निकाला जा सकता है । पुलिस विभाग में अपराधों एवं अपराधियों के डाटा कम्प्यूटर में स्टोर किये जा सकते हैं । सभी लिखित कार्य भी आज कम्प्यूटर की सहायता से किये जाते है।
● डेस्क टॉप पब्लिशिंग ( DESK Top PUBLISHING ) :-
समाचार पत्र , किताबें , निमंत्रण पत्र आदि सभी कार्य डेस्क टॉप पब्लिशिंग के अन्तर्गत आते हैं । परम्परागत तरीके से इन सभी की छपाई ब्लॉक , प्रिटिंग प्रेस में बड़ी - बड़ी मशीनों के द्वारा किया जाता था । छपाई के सभी कार्यों को कम्प्यूटर की मेमोरी में डाला जाता है फिर विभिन्न सॉफ्टवेयर्स की सहायता से सुन्दर पृष्ठ तैयार किये जाते हैं । अन्त में ऑफसेट या स्क्रीन प्रिटिंग तकनीक के द्वारा इन पृष्ठों की छपाई की जाती है ।
● संचार ( CoMMUNICATION ) :-
किसी भी देश की आधुनिक आज उसकी संचार व्यवस्था से लगाई जाती है । सूचना प्रौद्योगिकी आज की संचार व्यवस्था इतनी सरल हो गई है कि विश्व के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति से सम्पर्क करना अब सिर्फ कुछ बटन दबाने जितना दूर हो गया है। ,E-mail संचार का माध्यम है।
● केड - केम ( CAD/CAM ) :-
कम्प्यूटर एडेड डिजाइन तथा कम्प्यूटर एडेड मैन्यूफेक्चरिंग ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ कम्प्यूटर का उपयोग सर्वाधिक किया जाता है । इनके उपयोग से कार्य क्षमता , उत्पादन एवं गुणवत्ता में वृद्धि होती है । केड ( CAD ) में इस्तेमाल किये जाने वाले विभिन्न सॉफ्टवेयर्स की सहायता से आर्किटेक्चरल डिजाइन से लेकर इन्जिनीयरिंग डिजाइन तक सभी तरह की ड्रॉइंग कम समय में एवं सही माप के साथ तैयार की जा सकती है । फैशन डिजाइनिंग में भी अब कम्प्यूटर की - उपयोगिता प्रचुर मात्रा में होने लगी है । उत्पादन के क्षेत्र में भी कम्प्यूटर का योगदान काफी देखा जा सकता है । कई कारखानों में बड़ी - बड़ी मशीनों को कम्प्यूटर के द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है ।
● इलेक्ट्रॉनिक मेल ( ELECTRONIC MAIL ) :-
Mail का मतलब होता है - डाक और अगर यह डाक कम्प्यूटर नेटवर्क की सहायता से एक स्थान से दूसरे स्थान - पर भेजी जाए तो इसे हमें इलेक्ट्रॉनिक मेल कहते हैं । कागज रहित ऑफिस ( Paperless Office ) बनाने में ई - मेल व का उपयोग एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे कागज एवं समय दोनों की बचत होती है ।
● व्यापार और वाणिज्य ( TRADE AND BUSINESS ) :-
भारत में तो कम्प्यूटरीकृत व्यापार एवं वाणिज्य का आरम्भ ही हुआ है , परन्तु विश्व के कई विकसित देशों में यह प्रचलन बहुत पुराना है । ई - कॉमर्स ( E - Commerce ) कम्प्यूटर की ऐसी शाखा है , जिससे दो व्यापारिक संगठन आपस में या कोई व्यक्ति किसी विश्व बाजार से व्यापारिक लेन देन कर सकता है । अब तो विश्व के कई बैंकों ने ई - कॉमर्स का उपयोग अपना लिया है जिससे रूपये पैसों का लेन देन भी कम्प्यूटर की सहायता से किया जा सकता है।
पर्सनल कम्प्यूटर के भाग (Personal computer types) :-
प्रारम्भ में विश्व की कुछ कम्पनियाँ ही कम्प्यूटर का उत्पाद करती थीं तथा सभी कम्प्यूटर एक अलग नाम से जाने जाते थे । सर्वप्रथम 70 के दशक में अमेरिका को IBM कम्पनी आरम्भ किया । इनके बनाए गए सभी माइक्रोकाप्यूटर पर्सनल कम्प्यूटर के नाम से जाने जाते हैं । इस कम्प्यूटर ने बहुत अधिक ख्याति प्राप्त की और पर्सनल कम्प्यूटरों की संरचना के क्षेत्र में मानक ( Standard ) स्थापित कर दिये जो कि अनेक निर्माताओं को मान्य हो गये । IBMPC की सफलता के बाद IBM कम्पनी ने और अधिक शक्तिशाली मशीनों जैसे IBMPC / XT एवं IBMPC / AT का निर्माण किया । इनकी निम्नलिखित विशेषताएँ हैं:-
1 IBMPC
Name IBM Personal Computer
Processor Intel 8088
Co-Processor Socket for Intel 8087
Speed up to 7 Mhz
Memory 256k RAM Expandable 640k
Keyboard Detachable 88 Key's with 10 function keys
Storage 360k double sided S 25" Floppy disk drive
Expansion Five Expansion Slots
Monitor monochrome display Monitor
2 IBMPC/XT :
Name IBM Personal Computer Extended Technology
Processor Intel 8088
Co-Processor Socket for Intel 8087
Speed up to 7 Mhz
Memory 256k RAM Expandable 640k
Keyboard Detachable 88 Key's with 10 function keys
Storage 20M Hard disk drive 360k double sided S 25" Floppy disk drive
Expansion Eight Expansion Slots
Monitor Monochrome display Monitor
3 IBMPC/AT :-
Name IBM Personal Computer Advance Technology
Processor Intel 680-286/386/486/586/686
Co-Processor Socket for higher processor
Speed up to 550 Mhz
Memory 1 MB RAM Expandable 32 MB
Keyboard 111 key enhanced keyboard with 12 function keys.
Storage 40M to 8 GB Hard disk drive
1.2 MB 5.25" Floppy disk drive
1.22 MB 3.12" Floppy disk drive
CD-ROM
Expansion Eight Expansion Slots
Monitor 14" VGA Colour Monochrome Monitor
पर्सनल कम्प्यूटर्स की कार्य प्रणाली ( WORKING METHODS OF PERSONAL COMPUTER ) :-
एक कम्प्यूटर सिस्टम कई प्रकार के छोटे - छोटे से उपकरणों को जोड़कर बनाया जाता है । इन उपकरणों के नाम हैं - की - बोर्ड ( Keyboard ) मॉनिटर ( Monitor ) सीपीयू ( CPU ) प्रिन्टर ( Printer ) आदि । कम्प्यूटर किसी भी कार्य को करने के लिए की - बोर्ड या किसी अन्य इनपुट डिवाइस ( Input Device ) से निर्देश प्राप्त करता है । सीपीय जिसका पूरा नाम सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट ( Central Processing Unit ) है , की - बोर्ड से प्राप्त निर्देशों के अनसार क्रियान्वित होकर परिणामों की गणना करता है । इसमें सभी प्रकार की गणितीय ( Arithmatical ) एवं तार्किक Logical ) समस्याओं का समाधान किया जाता है । प्रोसेसिंग ( Processing ) के पश्चात् प्राप्त किये गये परिणामों को मॉनिटर अथवा प्रिन्टर की सहायता से कम्प्यूटर हमें दे देता है ।
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