आउटपुट डिवाइस क्या हैं ( What is output devices? )
क्या आप जानते हैं की Output device का मतलब क्या होता है ?
आउटपुट ( output ) का मतलब हैै out का मतलब बाहर, और PUT का मतलब रखना होता है । Device में हम output को देखते हैं। अर्थात् Output device एक ऐसा डिवाइस है जिसमें हम कंप्यूटर में डाटा के रिजल्ट को देख सकते हैं मूल रूप से कहा जाए तो आउटपुट डिवाइस को हम विद्युत यंत्र यानी ( Electrical device) भी कहते हैं। जो Digital data को कंप्यूटर से प्राप्त करता है और उसे हमारे पास समझ में आने वाली भाषा में स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करता है। कंप्यूटर में आउटपुट 0 और 1 के form में देता है जिसे हम Machine language बोलते हैं मॉनिटर और स्पीकर ऐसे आउटपुट डिवाइस है जिसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है।इन दोनों डिवाइस में हमें तुरंत प्रतिक्रिया प्राप्त होती है
जैसे मॉनिटर में हमने जो भी शब्द हम लिखते हैं या इनपुट करते हैं उसे मॉनिटर अपने स्क्रीन पर आउटपुट के रूप में दर्शाता है।
उसी प्रकार स्पीकर से हम तुरंत वह डेटा या गाना सुन लेते हैं जिसे हम कंप्यूटर के playlist से चुनते हैं।
आउटपुट डिवाइस की परिभाषा ( define of output device)
कम्प्यूटर में संग्रहित सूचना अथवा कम्प्यूटर की किसी भी प्रक्रिया के परिणाम को हम प्राप्त करते हैं, उन्हें आउटपुट डिवाइस ( output device ) कहते हैं ।
>कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस
>सॉफ्टवेयर क्या हैं
>कंप्यूटर हार्डवेयर क्या है
>प्रोग्रामिंग भाषा क्या है
आउटपुट डिवाइस के प्रकार (type of output device)
ये आउटपुट सामान्यता टेक्स्ट ग्राफिक्स , फोटो ऑडियो / विडियो के रूप में होते हैं । इस कार्य के लिए अब तक कई आउटपुट डिवाइसों का विकास हो चुका है , लेकिन फिर भी वीडियों मॉनीटर और प्रिन्टर सबसे अधिक प्रयोग में आने वाली आउटपुट डिवाइसें हैं ।
1 Monitor
2 Printer
3 Plotter
4 Head phone
5 Speaker
6 Projector
1 Monitor
2 Printer
3 Plotter
4 Head phone
5 Speaker
6 Projector
1. Monitor ( Video display unit )
इसे विडियों विजुअल डिस्प्ले यूनिट ( वीडीयू ) भी कहते है । मॉनीटर कम्प्यूटर से प्राप्त परिणाम को सॉफ्ट कॉपी के रूप में दिखाता है । मॉनीटर तीन प्रकार के होते हैं ; मोनोक्रोम डिस्प्ले मॉनीटर , R.G.B और कलर डिस्प्ले मॉनीटर ।
कुछ प्रमुख प्रयोग में आने वाले मॉनीटर निम्न है
》कैथोड रे टयूब ( Cathode Ray Tube - CRT ) : -
यह एक आयताकार बॉक्स की तरह दिखने वाला मॉनीटर होता है । इसे डेस्कटॉप कम्प्यूटर के साथ आउटपुट देखने के लिए प्रयोग करते हैं । यह आकार में बड़ा तथा भारी होता है । इसकी स्क्रीन में पीछे की तरफ फॉस्फोरस की एक परत लगाई जाती है । इसमें एक इलेक्ट्रॉन गन ( Electron Gun ) होती है । येे मुख्य रूप से television के लिए बनाए गए मगर ये monitor आज कल कम्प्युटर कम उपयोग मे लिए जातेे है।
》एलसीडी ( Liquid Crystal Display - LCD ) :-
LCD एक प्रकार की अधिक प्रयोग में आने वाली आउटपुट डिवाइस है । यह CRT की अपेक्षा काफी हल्का किन्तु महँगा आउटपुट डिवाइस है । इसका प्रयोग लैपटॉप में , नोटबुक में , पर्सनल कम्प्यूटर में , डिजिटल घड़ियों आदि में किया जाता है । LCD में दो प्लेट होती हैं । इन प्लेटों के बीच में एक विशेष प्रकार का द्रव ( Liquid ) भरा जाता है । जब प्लेट के पीछे से पर निकलता है तो प्लेट्स के अन्दर के द्रव एलाइन होकर चमकते हैं , जिससे चित्र दिखाई देने लगता है ।
》 LED (Light Emitted Dioded ) :-
एक प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है। यह एक Output device है जिसका प्रयोग कंप्यूटर से प्राप्त output को देखने के लिए करते हैं। यह आजकल घरों में टेलीविजन की तरह प्रयोग किया जाता है। इसके अंदर छोटे - छोटे LED (Liauid |Emitted Diode) लगे हुए हैं।आजकल LEDs लाल , हरा और नीला प्रकाश उत्पन्न कर सकते हैं इन सभी रंगो के सहयोग से विभिन्न रंग के चित्र LED पर दिखाई देते हैं।
टीएफटी ( Thin - Film - Transistor - TFT )
TFT और एक्टिव मैट्रिक्स LCD ( amlcd ) एक प्रकार की आउटपुट डिवाइस है TFT में एक पिक्सल को कण्ट्रोल करने के लिए एक से चार ट्रांजिस्टर लगे होते हैं । ये ट्रांजिस्टर पैसिव मैट्रिक्स की अपेक्षा स्क्रीन को काफी तेज , चमकीला , ज्यादा कलरफुल बनाते हैं । इस आउटपुट डिवाइस की मुख्य बात ये है कि हम इसमें बने चित्र को विभिन्न Angles से भी देख सकते हैं । जबकि अन्य मॉनीटर में यदि विभिन्न कोणों Angles से चित्र देखने पर चित्र स्पष्ट दिखाई नहीं देते हैं TFT अन्य मॉनीटर्स की अपेक्षा महँगा , लेकिन काफी अच्छी क्वालिटी का चित्र डिस्प्ले ( Display ) करने वाला output device है ।
2. Printers
Printer एक प्रकार का output device होता है । इसका प्रयोग कम्प्यूटर से प्राप्त डेटा और सूचना को किसी कागज पर प्रिंट करने के लिए करते हैं । यह ब्लैक और वाइट के साथ - साथ कलर डॉक्यूमेंट को भी प्रिंट कर सकते है । किसी भी printer की क्वालिटी उसकी प्रिंटिग की क्वालिटी पर निर्भर करती है अर्थात् जितनी अच्छी प्रिंटिंग क्वालिटी होगी , Printer उतना ही अच्छा माना जाएगा । किसी printer की गति कैरेक्टर प्रति सेकण्ड ( Character per secound - CPS ) में , लाइन प्रति मिनट ( Line per minute - LPM ) में और मेजेज प्रति मिनट (Pages per minute-PPM) में मापी जाती है।
किसी printer की क्वालिटी डॉट्स प्रति इंच में मापी जाती है अर्थात् पेपर पर एक इंच में जितने ज्यादा - से - ज्यादा बिन्दु होंगे प्रिंटिंग उतनी ही अच्छी होगी । प्रिंटर को दो भागों में बाँटा गया है।
●Impact Printer
●Non-Impact Printer
●Impact Printer
यह printer टाइपराइटर की तरह कार्य करता है । इसमें अक्षर छापने के लिए छोटे - छोटे पिन या हैमर्स का उपयोग होता हैं । इन पिनों पर अक्षर बने होते हैं । ये पिन स्याही से लगे हुए रिबन और उसके बाद पेपर पर प्रहार करते हैं , जिससे अक्षर पेपर पर छप जाते हैं । impact printer एक बार में एक कैरेक्टर या एक लाइन प्रिण्ट कर सकता है । इस प्रकार के printer ज्यादा अच्छी क्वालिटी की प्रिंटिंग नहीं करते हैं । ये printer ओर printers की तुलना में सस्ते होते हैं और प्रिंटिंग के दौरान आवाज अधिक करते हैं , इसलिए इनका प्रयोग कम होता है।
Impact printer चार प्रकार के होते हैं -
1 Dot matrix printer
2 Daisy wheel printer
3 Line printer
4 Drum printer
Impact printer चार प्रकार के होते हैं -
1 Dot matrix printer
2 Daisy wheel printer
3 Line printer
4 Drum printer
● Non-Impact Printer
ये printer कागज पर प्रहार नहीं करते , बल्कि अक्षर या चित्र प्रिट करने के लिए स्याही की फुहार कागज पर छोड़ते हैं । नॉन इम्पैक्ट printer प्रिंटिंग में इंकजेट तकनीकी का प्रयोग करते हैं । इसके द्वारा उच्च क्वालिटी के ग्राफिक्स और अच्छे अक्षरों को छापता है । ये printer , impact printer से महँगे होते हैं , किन्तु इनकी छपाई Impact printer की अपेक्षा ज्यादा अच्छी होती है ।
Non-Impact Printer के प्रकार निम्न है-
1 Inkjet printer
2 Thermal printer
3 Laser printer
4 Elector magnetic printer
5 Elector static printer
प्रिंटर की अधिक जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें ।
प्लॉटर एक Output device है , जिसका प्रयोग बड़ी ड्राइंग या चित्र जैसे कि कंस्ट्रक्शन प्लान्स ( Construction Plans ) , मैकेनिकल वस्तुओं की ब्लूप्रिंट आदि के लिए करते हैं । इसमें ड्रॉइंग बनाने के लिए पेन , पेन्सिल , मार्कर आदि राइटिंग टूल का प्रयोग होता है । यह प्रिंटर की तरह होता है। इसके द्वारा छपाई अच्छी होती है , परन्तु ये बहुत धीमे होते हैं तथा मूल्य भी अपेक्षाकृत अधिक होता है । लेजर प्रिंटरों के आ जाने के बाद इनका प्रयोग लगभग समाप्त हो गया है ।
प्लॉटर की अधिक जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें ।
Non-Impact Printer के प्रकार निम्न है-
1 Inkjet printer
2 Thermal printer
3 Laser printer
4 Elector magnetic printer
5 Elector static printer
प्रिंटर की अधिक जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें ।
3. Plotter
प्लॉटर की अधिक जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें ।
4. Head Phones
Head Phones एक प्रकार की Output device है । जिसमें लाउड स्पीकर होते है तथा इसकी बनावट ऐसी होती है कि ये सिर पर बेल्ट की तरह पहना जा सकता है तथा दोनों स्पीकर मनुष्य के कान के ऊपर आ जाते हैं । इसलिए इसकी आवाज सिर्फ इसे पहनने वाला व्यक्ति ही सुन सकता है । किसी - किसी हैड फोन के साथ माइक भी लगा होता है , जिससे सुनने के साथ - साथ बात भी की जा सकती है । इस उपकरण का प्रयोग प्रायः टेलीफोन ऑपरेटरों , कॉल सेण्टर ऑपरेटरों , कमेण्टेटरों आदि द्वारा किया जाता है ।
5. Speaker
यह एक प्रकार का output device होता है।जो कम्प्यूटर से प्राप्त आउटपुट से प्राप्त आउटपुट को आवाज के रूप में सुनाता है । यह कम्प्यूटर से डेटा विद्युत धारा के रूप में प्राप्त करता है । इसे सीपीयू से जोड़ने के लिए साउण्ड कार्ड की जरूरत पड़ती है । यही साउण्ड कार्ड साउण्ड उत्पन्न करता है । इसका प्रयोग गाने सुने मे करते हैं । कम्प्यूटर स्पीकर वह स्पीकर होता है जो कम्प्यूटर में आन्तरिक या बाह्य रूप से लगा होता है ।
6. Projector
यह एक प्रकार का output device है , जिसका प्रयोग कम्प्यूटर से प्राप्त सूचना या डेटा को एक बड़ी स्क्रीन पर देखने के लिए करते हैं । इसकी सहायता से एक समय में बहुत सारे लोग एक समूह में बैठकर कोई परिणाम देख सकते हैं । इसका प्रयोग क्लास रूम ट्रेनिंग या एक बड़े कॉन्फ्रेन्स हॉल जिसमें ज्यादा संख्या में दर्शक हों , जैसी जगहों पर किया जाता है । इसके द्वारा छोटे चित्रों को बड़ा करके सरलतापूर्वक देखा जा सकता है । यह एक प्रकार का अस्थायी output device है ।
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