सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

System management ( सिस्टम मैनेजमेंट )

System management ( सिस्टम मैनेजमेंट ) :-

सिस्टम मैनेजमेंट में Control Panel के माध्यम से प्रिंटर , मॉडम जैसे उपकरणों को इंस्टॉल करना और हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल एवं अनइंस्टॉल करने जैसे अनेक कार्य किए जाते हैं । कोई भी सेटिंग बदलने के लिए पहले Control Panel पर जाने की आवश्यकता होती है । विधि इस प्रकार है 
1. Windows XP के डेस्कटॉप पर जाकर Start बटन पर क्लिक करें ।
2. Settings विकल्प पर पॉइंटर रखें । 
3. अब Control Panel option पर क्लिक करेंगे तो Control Panel का डायलॉग बॉक्स खुलकर स्क्रीन पर दिखाई देता है।
environmental system management


प्रिंटर की सेटिंग (Printer settings) :-

 यदि आपने अपने कंप्यूटर के साथ कोई नया Printer जोड़ा है और इसका प्रयोग करना चाहते हैं तो पहले उसे Windows XP द्वारा सेट करना पड़ता है । इसी प्रकार , यदि आप कोई प्रिंटर अपने कंप्यूटर से हटाते हैं तो उसकी सेटिंग भी हटानी पड़ेगी । मान लीजिए , आपने अपने कंप्यूटर में नया प्रिंटर लगाया है और उसकी सेटिंग करना चाहते हैं तो ये स्टेप लें
1. Control Panel पर उपलब्ध Printers विकल्प पर माउस द्वारा पॉइंटर ले जाकर Add Printer पर क्लिक करें । अब प्रिंटर की सेटिंग के लिए यह डायलॉग बॉक्स स्क्रीन पर आ जाएगा।
2. अब अपने प्रिंटर के ड्राइवर के अनुसार option को सेट करते जाएँ और अंत में Finish विकल्प पर क्लिक करें । इस तरह आपका प्रिंटर कंप्यूटर में Add हो जाएगा ।

Installing modem (Modem का इंस्टॉलेशन करना):-

how to connect modem to computer के लिए एक option Control Panel पर उपलब्ध होता है । इसके लिए निम्न स्टेप लेने होंगे
 1. यदि External Modem है तो कंप्यूटर के Serial Port से ( माउस की तरह ) मॉडम को कनेक्ट करके जोड़ लेते हैं और यदि Internal Modem है तो इसे कंप्यूटर की कैबिनेट में लगा देते हैं और PCI स्लॉट पर मॉडम कनेक्टर लगा देते हैं ।
( ध्यान रखें कि उपर्युक्त कार्य कंप्यूटर ऑफ करके ही करें । )
How connect modem to router

2. कंप्यूटर On करके Windows XP लोड होने की प्रतीक्षा करें । यदि Internal Modem लगाया गया है तो Windows XP उसे स्वयं ही इंस्टॉल कर लेगा । 
3. यदि External Modem प्रयोग किया गया है तो Control Panel पर जाएँ और Modem विकल्प पर क्लिक करें ।
4. Add बटन पर क्लिक करें । अपने मॉडम के अनुसार Specification प्राप्त करने के बाद जब आप OK बटन पर क्लिक करेंगे तो मॉडम का इंस्टॉलेशन शुरू हो जाएगा।

How to install MIDI Device?

 MIDI Device कैसे इंस्टॉल करें ? - यदि आप कंप्यूटर में ऐसा साउंड कार्ड लगा रहे हैं , जिसमें MIDI Port है तो उसकी सेटिंग भी Control Panel द्वारा करते हैं , जिसकी विधि इस प्रकार है 
1. कंप्यूटर ऑफ करके मदरबोर्ड पर Sound Card लगाएँ और उसे पेच से कस दें । CD - ROM ड्राइव और स्पीकर से भी इसका कनेक्शन कर दें । 
2. कंप्यूटर On करके Windows XP को लोड करें और Control Panel पर जाएँ । 
3. अब Sounds and Multimedia के Icon पर डबल क्लिक करें ।
4. MIDI Port विकल्प पर क्लिक करें और सेटिंग बनाएँ । इस तरह आपका Sound Card MIDI डिवाइस के लिए सेट हो जाता है ।

how to uninstall software (सॉफ्टवेयर को Uninstall कैसे करें ?) :-

Windows XP में कंप्यूटर में प्रयोग होने वाले सभी सॉफ्टवेयर की सेटिंग रहती है , अतः यदि कोई सॉफ्टवेयर हटाया या बदला जाता है तो उसका इंस्टॉलेशन भी हटाना होता है । Uninstall करने के लिए निम्न स्टेप लेते हैं
1. सॉफ्टवेयर को Uninstall करने के लिए Start बटन पर क्लिक करके Control Panel पर जाएँ ।
2. Windows XP के Control Panel पर जाकर Add or Remove Programs के Icon पर डबल क्लिक करें ।
3. उस प्रोग्राम को माउस द्वारा सिलेक्ट करिए , जिसे Uninstall करना चाहते हैं ।
इसके बाद Uninstall के बटन पर क्लिक कर दीजिए । इस तरह किसी भी सॉफ्टवेयर को विधिवत् समाप्त किया जा सकता है।

How to remove hardware (हार्डवेयर को कैसे हटाएँ ):-

सामान्यतः लोग कंप्यूटर से किसी भी हार्डवेयर को हटाते समय यह ध्यान नहीं रखते कि उसका संबंधित ड्राइवर प्रोग्राम भी हटा देना चाहिए , अन्यथा उस हार्डवेयर की अनुपस्थिति में Windows जब उसे नहीं पाएगा तो एक Error मेसेज दिखाएगा । यदि आपने कंप्यूटर से कोई हार्डवेयर हटाया है तो उसका ड्राइवर प्रोग्राम भी हटा देना चाहिए । इसके लिए निम्न स्टेप लेते हैं
1. Windows XP के Start बटन पर क्लिक करके Control Panel पर क्लिक करें ।
2. Control Panel का डायलॉग बॉक्स खुल जाएगा ।
3. System के Icon पर क्लिक करें ।
4. Hardware विकल्प के अंतर्गत Device Manager के बटन पर क्लिक करने से डिवाइसेज की लिस्ट सामने आती है ।
5. अब माउस द्वारा उस डिवाइस को सिलेक्ट करें , जिसे हटाना चाहते हैं । इसके बाद Remove बटन पर क्लिक करें अथवा Refresh बटन पर क्लिक करें ।

Computer System Tools and Maintenance :-

सिस्टम टूल्स और मेंटेनेंस Windows एक्सेसरीज में सिस्टम टूल्स का प्रयोग करके computer और उसके स्टोरेज मीडिया का मेंटेनेंस कार्य किया जाता है ।
System Tools विकल्प पर जाने की विधि है -
1. Windows XP के Desktop Startबटन पर click करके pointer को Programs पर ले जाएँ ।
2. पॉईटर Accessories पर ले जाएँ ।
3. अब जब System Tools पर पॉइंटर ले जाते हैं तो स्क्रीन पर उन सभी टूल्स की लिस्ट आ जाती है , जिन्हें प्रयोग करके आप System Tools में मेंटेनेंस कर सकते हैं ।
4. अब आप किसी भी System Tools को प्रयोग कर सकते हैं । यदि आप Disk को साफ करना चाहते हैं तो Disk Cleanup विकल्प पर क्लिक करें , जिससे Select Drive डायलॉग बॉक्स स्क्रीन पर आएगा ।
5. Select Drive डायलॉग बॉक्स में Drives विकल्प में उस ड्राइव को सिलेक्ट करें , जिसे आप Clean करना चाहते हैं ।
6. अब OK बटन पर क्लिक करें । इससे आपके द्वारा सिलेक्ट की गई Drive Clean होने लगती है और उसके बाद स्क्रीन मॉनीटर पर दिखाई देती है।
7. डायलॉग बॉक्स में उन फाइलों को सिलेक्ट करें , जिन्हें आप Delete करना चाहते हैं और OK बटन पर क्लिक करें । इससे फाइल computer से हट जाएंगी ।

How to create backup?  

Computer में हार्डडिस्क पर स्टोर किए गए डेटा को सुरक्षित रखने के लिए यदि आप उसे सी.डी. पर कॉपी करना चाहते हैं तो उस समय समस्या आती है जब फाइल की साइज आपकी सी.डी. की क्षमता से अधिक हो तो बैकअप बनाते समय आपके द्वारा बैकअप में दी गई सेटिंग के अनुसार फाइलों को सामान्य या Compressed करके ( साइज छोटा करके ) सी.डी. मे कॉपी किया जाता है यदि उसका साइज डिस्क से बड़ा है तो लगातार दूसरी डिस्क लगाते जाएँ और जितनी डिस्क भी आवश्यक हो , उन्हें एक Chain के रूप में रखा जा सके । बैकअप बनाई गई फाइलों को सीधे खोलकर प्रयोग नहीं किया जा सकता , क्योंकि बैकअप बनाते समय उसका फॉरमेट बदल जाता है । उसे जब दोबारा हार्डडिस्क में Restore कर लेते हैं , तभी प्रयोग किया जा सकता है । बैकअप बनाने की विधि इस प्रकार है -
1. Windows XP के डेस्कटॉप पर Start बटन पर क्लिक करके माउस पॉइंटर को Programs पर ले जाएँ । 
2. Accessories पर पॉइंटर ले जाकर System Tools पर जाएँ ।
3. Backup पर क्लिक करते हैं तो एक डायलॉग बॉक्स स्क्रीन पर आ जाता है।
 4. उपर्युक्त डायलॉग बॉक्स में backup बटन पर क्लिक करने पर एक डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा।
5. यदि आप कुछ फाइलें चुनकर उनका बैकअप बनाना चाहते हैं तो Backup Option चुनते हैं और यदि पहले बनाए गए बैकअप में केवल वे फाइलें जोड़ना चाहते हैं , जो पिछले बैकअप के बाद बनाई गई हैं तो Restore option चुनते हैं ।
6. अब आप जिन फाइलों का Backup बनाना चाहते हैं , उन फाइलों के आगेवाले बॉक्स में क्लिक करके।
7. Backup Media or File Name में उस डिस्क को चुनें , जिसमें आप बैकअप बनाकर रखना चाहते हैं ।
8. अब Start backup पर क्लिक करके आप वह सेटिंग दे सकते हैं कि Backup किस तरह का होना चाहिए ।
9. Start Backup बटन पर क्लिक करें तो फाइल का Backup बनने लगता है ।
10. इस प्रकार फाइल का Backup बन जाता है और Backup Progress का डायलॉग बॉक्स स्क्रीन पर आ जाता है ।

How to Re-Store?

यदि आपने फाइलों का बैकअप बनाकर रखा है तो उसे तब तक प्रयोग नहीं कर सकेंगे , जब तक कि उन्हें री - स्टोर न कर लिया जाए । बैकअप को पुनः हार्डडिस्क में री - स्टोर करने की विधि है 
1. Windows XP के डेस्कटॉप में Start बटन पर क्लिक करके माउस पॉइंटर को Programs पर ले जाएँ ।
2. अब Accessories पर जाकर माउस पॉइंटर को System Tools पर रखें । 
3. Backup पर क्लिक करने पर एक डायलॉग बॉक्स स्क्रीन पर आ जाता हे।
4. अब Restore पर क्लिक करें ।
5. री - स्टोर करने वाली फाइलों को सिलेक्ट करते हैं और उन्हें कहाँ री स्टोर करना है , यह भी Specify करते हैं ।
6. Start Restore बटन पर क्लिक करें । अब Confirm Restore का डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा , जिसमें फाइल को री - स्टोर करने की Confirmation माँगी जाती है ।
7.OK बटन पर क्लिक करें , जिससे Enter Backup File Name की लिस्ट स्क्रीन पर दिखाई देती है । Restore from backup file में उस सोर्स को सिलेक्ट करते हैं , जहाँ से फाइल को Restore करना है । 
8. OK बटन पर क्लिक करने से फाइल री - स्टोर हो जाती है और निम्न डायलॉग बॉक्स स्क्रीन पर दिखाई देता है।

How to increase free disk space?

Windows XP में एक सुविधा उपलब्ध है , जिसके द्वारा आप Temporary Internet Files , Downloaded Program files , Recycle Bin और Temporary Files में से कुछ या सभी फाइलों को मिटाकर डिस्क का खाली स्थान बढ़ा सकते हैं । Windows XP के Accessories में System Tools के अंतर्गत Disk Cleanup प्रोग्राम द्वारा यह सुविधा मिलती है । विधि इस प्रकार है 
1. Windows XP Desktop में Start बटन पर क्लिक करके माउस पॉइंटर को Programs पर ले जाएँ ।
2. अब माउस पॉइंटर को Accessories पर ले जाएँ । 
3. माउस द्वारा पॉइंटर को System Tools पर ले जाकर Disk Cleanup पर क्लिक करें ।
4. Select Drive का डायलॉग बॉक्स स्क्रीन पर आ जाएगा।
5. जिस ड्राइव को Clean करना चाहते हैं , उसे सिलेक्ट करें । 
6. Select Drive के डायलॉग बॉक्स पर OK क्लिक करने पर डिस्क Clean होने लगती है । 
7. कुछ क्षणों में डिस्क Clean हो जाती है और निम्न डायलॉग बॉक्स स्क्रीन पर आ जाता है।
Screen पर उन फाइलों के प्रकार दिखाए जाते हैं , जिन्हें आप हटा सकते हैं । जिस तरह की फाइलें हटाना चाहते हैं , उन्हें चुनकर OK बटन पर क्लिक कर दें । इस तरह डिस्क पर खाली स्थान बढ़ जाता है ।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Query Optimization in hindi - computers in hindi 

 आज  हम  computers  in hindi  मे query optimization in dbms ( क्वैरी ऑप्टीमाइजेशन) के बारे में जानेगे क्या होता है और क्वैरी ऑप्टीमाइजेशन (query optimization in dbms) मे query processing in dbms और query optimization in dbms in hindi और  Measures of Query Cost    के बारे मे जानेगे  तो चलिए शुरु करते हैं-  Query Optimization in dbms (क्वैरी ऑप्टीमाइजेशन):- Optimization से मतलब है क्वैरी की cost को न्यूनतम करने से है । किसी क्वैरी की cost कई factors पर निर्भर करती है । query optimization के लिए optimizer का प्रयोग किया जाता है । क्वैरी ऑप्टीमाइज़र को क्वैरी के प्रत्येक operation की cos जानना जरूरी होता है । क्वैरी की cost को ज्ञात करना कठिन है । क्वैरी की cost कई parameters जैसे कि ऑपरेशन के लिए उपलब्ध memory , disk size आदि पर निर्भर करती है । query optimization के अन्दर क्वैरी की cost का मूल्यांकन ( evaluate ) करने का वह प्रभावी तरीका चुना जाता है जिसकी cost सबसे कम हो । अतः query optimization एक ऐसी प्रक्रिया है , जिसमें क्वैरी अर्थात् प्रश्न को हल करने का सबसे उपयुक्त तरीका चुना

acid properties in dbms - computers in hindi

 आज हम computers in hindi के अन्दर Properties of Transaction (acid properties in dbms) के बारे मे जानेगे क्या होता है तो चलिए शुरु करते हैं:- Properties of Transaction ( कार्यसम्पादन के गुण ) (ACID in hindi) :- Atomicity , Consistency , Isolation , Durability - ACID सामान्यत : किसी transaction की 4 प्रॉपर्टीज़ होती हैं-  1. Atomicity  2. Consistency  3. Isolation  4. Durability  1. Atomicity transaction :-   Atomicity transaction की प्रॉपर्टी के द्वारा यह comfirm किया जाता है की transaction   के द्वारा किए जाने वाले सभी ऑपरेशन पूर्ण होंगे या उनमें से एक भी execute नहीं होगा । इसमें transaction के प्रत्येक ऑपरेशन को एक अकेली यूनिट की भांति व्यवहार किया जाता है । आइए इसे एक example की सहायता से समझते हैं। acid properties with example :-  यदि प्रथम ऑपरेशन सफल पूर्ण हो जाए तथा द्वितीय ऑपरेशन पर आते ही transaction असफल अर्थात् फेल हो जाए तो ऐसी स्थिति में प्रथम ऑपरेशन भी rollback हो जाएगा । Atomicity को transaction manager के द्वारा नियंत्रित किया जाता है । transaction manager डेटाबेस