सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Oracle transaction | RDBMS in hindi - transaction

 आज हम RDBMS in hindi - transaction in hindi के बारे मे जानेगे क्या होता है तो चलिए शुरु करते हैं :-

Transaction in hindi (कार्यसम्पादन):-

डेटाबेस में डेटा से सम्बन्धित कई प्रकार के कार्य किए जाते हैं , उन कार्यों को transact ( सम्पादित ) करना ही transaction  ( कार्यसम्पादन ) कहलाता है । एक ट्रांजेक्शन के अन्तर्गत डेटा को पढ़ना तथा किसी सूचना को संग्रहित करना दोनों प्रकार के कार्य किए जा सकते हैं । 
एक ट्रांजेक्शन तभी पूर्ण या समाप्त माना जाता है जब उसे commit या rollback दे दिया जाए । यह दो सफल commits के मध्य निष्पादित किए जाने वाले कार्यों की एक logical unit ( तार्किक इकाई ) है । 
जब भी कोई ट्रांजेक्शन प्रारम्भ होता है तो डेटाबेस inconsistent ( असंगत ) स्थिति में आ है । inconsistent 
( असंगत ) स्थिति के अन्तर्गत एक ही प्रकार के समूह की एक से अधिक वैल्यूज़ के लिए एक से अधिक संख्या में परिणाम दिया जाता है । एक ही डेटाबेस से एक ही समूह की सूचनाओं को एक से अधिक जाता प्रयोगकर्ताओं के द्वारा access करना client server तकनीक की एक महत्वपूर्ण गतिविधि है । किसी ट्रांजेक्शन का प्रारम्भ प्राय : दो प्रकार से होता है-
1. Implicitly ( अस्पष्ट रूप से ) 
2. Explicitly ( स्पष्ट रूप से ) 

1. Implicitly ( अस्पष्ट रूप से ) :-

इस प्रकार का transaction ( कार्यसम्पादन ) DML स्टेटमेन्ट देने पर Implicitly ( अस्पष्ट रूप से ) स्वतः ही प्रारम्भ हो जाता है , इस प्रारम्भ को implicit प्रारम्भ कहा जाता है । इसे नियंत्रित करने के लिए locks का use किया जाता है । इन्हें shared lockexclusive lock कहा जाता है । 

2. Explicitly ( स्पष्ट रूप से ) :-

यदि कोई transaction in hindi ( कार्यसम्पादन ) explicitly तरीके से contral किया जाता है तो यह user पर निर्भर करता है कि वह इन transaction ( कार्यसम्पादन ) के द्वारा किए जाने वाले ऑपरेशन की कोडिंग किस प्रकार करता है।

Transaction states (Transaction की अवस्थाएं):-

1. Active State ( सक्रिय अवस्था ) 
2. Partially Committed state ( आंशिक रूप से प्रतिबद्ध अवस्था ) 
3. Aborted State ( विफल अवस्था ) 
4. Failed State ( असफल अवस्था ) 
5. Committed State ( प्रतिबद्ध अवस्था)

1. Active State ( सक्रिय अवस्था ):-

किसी transaction ( कार्यसम्पादन ) इस अवस्था पर तब पहुंचता है जब किसी transaction ( कार्यसम्पादन ) का initialization आरंभीकरण ) किया जाता है । जब transaction ( कार्यसम्पादन ) को प्रारम्भ करने की प्रथम कमाण्ड दिया जाता है तब यह कहा जा सकता है कि transaction ( कार्यसम्पादन ) सक्रिय स्थिति में है । 

2. Partially Committed state ( आंशिक रूप से प्रतिबद्ध अवस्था ) :-

transaction ( कार्यसम्पादन ) इस अवस्था पर तब पहुंचता है जब डेटाबेस transaction ( कार्यसम्पादन ) का अंतिम स्टेटमेन्ट execute ( कार्यान्वित ) कर देता है ।

3. Aborted State ( विफल अवस्था ) :-

जब transaction ( कार्यसम्पादन ) की सामान्य प्रक्रिया सिस्टम के किसी हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर के फेल होने के कारण सिस्टम प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ा सकता है तो ऐसी स्थिति में transaction in hindi( कार्यसम्पादन ) विफल अवस्था में आ जाता है । 

4. Failed State ( असफल अवस्था ):-

Transaction in hindi


यदि कोई ट्रांजेक्शन विफल की अवस्था में आ चुका है , उसके बाद वह असफल की अवस्था में जा जाएगा तथा वह ट्रांजेक्शन अपनी सामान्य अवस्था अर्थात् ट्रांजेक्शन प्रारम्भ होने से पूर्व की अवस्था में पहुंच जाता है । 

5. Committed State ( प्रतिबद्ध अवस्था ) :-

जब टेबल पर किए गए सभी बदलाव तथा सभी ऑपरेशन सफलता पूर्वक हो जाते हैं तो किसी ट्रांजेक्शन को प्रतिबद्ध कहा जाता है ।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

half adder and full adder in hindi

  आज हम  computer in hindi  मे  आज हम half adder and full adder in hindi - computer system architecture in hindi   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- half adder and full adder in hindi:- 1. half adder in hindi 2. full adder in hindi  1. Half adder in hindi:- half adder  सबसे basic digital arithmetic circuit 2 binary digits का जोड़ है।  एक combination circuit जो दो bits के arithmetic जोड़ को display करता है उसे half adder कहा जाता है।   half adder के इनपुट variable को Augend और addend bits कहा जाता है। आउटपुट योग और Carrie को बदलता है। दो आउटपुट variable Specified करना आवश्यक है क्योंकि 1 + 1 का योग बाइनरी 10 है, जिसमें दो अंक हैं। हम दो इनपुट वेरिएबल्स के लिए x और y और दो आउटपुट वेरिएबल के लिए S (योग के लिए) और C (कैरी के लिए) असाइन करते हैं। C output 0 है जब तक कि दोनों इनपुट 1 न हों। S आउटपुट योग के कम से कम महत्वपूर्ण बिट का Representation करता है। दो आउटपुट के लिए boolean function सीधे t

physical address and logical address in hindi

आज हम  computer course in hindi  मे हम  physical address and logical address in hindi  के बारे में बताएगें तो चलिए शुरु करते हैं-  physical address and logical address in hindi:- physical address and logical address  कोई भी address CPU द्वारा बनाया जाता है उसे लॉजिकल एड्रेस (logical address) कहते हैं और जो address memory में दिखता है उसे हम फिजिकल मैमोरी एड्रैस कहते हैं ) जिसमें Compile time और Load time address binding है कुछ converted करता है जब logical और physical address समान होते हैं अर्थात् एक जैसे होते हैं लेकिन action time address binding scheme में कुछ change आता है और जब logical और physical में अंतर होता है । इसलिये हम logic address को वर्चुअल एड्रैस ( Virtual Address ) भी कहते है और इसी का प्रयोग करते हैं । logical या virtual address हम कह सकते हैं और सारे logical address जो कि एक प्रोग्राम के द्वारा बनाये जाते हैं उन्हें लॉजिकल एड्रैस स्पेस ( Logical Address Space ) कहते हैं । इसके साथ ही जो physical address इन logical address के साथ होते हैं उन्हें हम फिजिकल एड्रैस स्पेस (