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digital enhanced cordless telecommunications

 आज हम computers in hindi मे digital enhanced cordless telecommunications - computer network in hindi के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- 

DECT in hindi:-

DECT एक डिजिटल संचारण स्तर ( digital communication standard ) है । प्रारम्भ में एनालॉग कॉर्डलैस फोन का उपयोग किया जाता था ये कम रेंज में कार्य करते थे तथा इनमें बहुत कम सुरक्षा थी । अधिक रेंज तथा सुरक्षा हेतु यूरोप में सन् 1987 में डिजिटल कॉर्डलैस फोन बनाये गये । कॉर्डलैस फोन में डेटा व ध्वनि के लिए DECT का प्रयोग किया जाता है । प्रारम्भ में इसका विकास यूरोप में हुआ था , तथा कुछ समय पश्चात् यूरोप के समस्त राष्ट्र में सार्वजनिक रूप से किया जाने लगा । कुछ वर्षों के पश्चात् अन्य राष्ट्रों के द्वारा भी इसका प्रयोग किया जाने लगा । 

Full form of DECT:- digital enhanced cordless telecommunications

यह एनालॉग फोन से बेहतर कार्य करते हैं । एनालॉग कॉर्डलैस फोन केवल सीमित सुरक्षा प्रदान करते हैं तथा इनमें एनक्रिप्शन तकनीक का प्रयोग नहीं किया जाता था , जबकि डिजिटल एनहैन्स्ड कॉर्डलैस में अधिक सुरक्षा उपलब्ध होती हैं , क्योंकि इनमें ट्रांस्मिशन के लिए एनक्रिप्शन तकनीक का प्रयोग किया जाता है ।

What is DECT 6.0 :-

DECT 6.0 एक शक्तिशाली विकास था , परन्तु यह different फ्रीक्वेंसी का प्रयोग करता था इस कारण यह अन्य क्षेत्रों में अन्य उपकरणों के साथ ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर सकता था । इस कमी का दूर करने के पश्चात् इसका form universal हो गया अर्थात् सम्पूर्ण विश्व में इसका प्रयोग किया जाने लगा । प्रारम्भ में इसका प्रयोग कार्यालयों में किया जाता था , परन्तु बाद में इसका इस्तेमाल घरों में भी होने लगा । यह कई प्रकार की सुविधाएं देता है , जैसे कि वॉइस एप्लीकेशन , डेटा एप्लीकेशन , रिमोट कन्ट्रोल एप्लीकेशन व औद्योगिक एप्लीकेशन आदि । वर्तमान मे DECT का प्रयोग किसी विशेष प्रकार के अनुप्रयोगों में तथा रिमोट कन्ट्रोल आदि को बनाने में किया जाता है । DECT ULE ( ultra low energy ) 1.9GHz बैण्ड पर कार्य करने में सक्षम है । इसे सुरक्षा अनुप्रयोग , घरेलू स्वचलित अनुप्रयोग व ऊर्जा संचालन अनुप्रयोग आदि में प्रयोग करने के लिए बनाया गया है ।
digital enhanced cordless telecommunications

यह एक flexible रेडियो एक्सेस स्टैण्डर्ड है । इसका प्रयोग कॉर्डलैस  communication में किया जाता है । इस प्रकार के फोन बाहरी अर्थात् खुले क्षेत्र में लगभग 100 मीटर तक की दूरी / सीमा ( range ) में किसी हस्तक्षेप के बजाय कार्य करते हैं । परन्तु कार्यालय या भवन में दीवारों की वजह से ये कम दूरी / सीमा ( range ) तक ही सीमित रह जाते हैं । इसका प्रयोग प्रायः डेटा नेटवर्क में अधिक किया जाता है । इसका ध्वनि कोड G 726 है तथा इसको बिट रेट 32Kbit प्रति सैकण्ड होती है । इसकी डेटा गति लगभग 500 Kbit प्रति सैकण्ड होती है । इस तकनीक में लगभग 1800-1930 MHz फ्रीक्वेंसी का प्रयोग विभिन्न रेंज में किया जाता है ।
DECT 6.0 स्पैक्ट्रम बैण्ड का विशेष रूप से उल्लेख नहीं करता है , यह ब्लूटुथ तथा WiFi से भी कम इन्टरफेस पर कार्य करता है । DECT का उपयोग ऑफिस , ट्रेड शोज ( Trade shows ) आदि में किया जाता है । इसका उपयोग वायरलेस लैन को implement करने में भी किया जाता है । इसकी चैनल की डेटा रेट 32 kbps तक होती है । DECT OSI Reference model का अनुसरण करता है । यह Physical layer . data link layer तथा Network layer पर कार्य करता है।
  • Physical Layer का कार्य मॉड्यूलेशन / डिमाड्यूलेशन , synchronization आदि होता है तथा इसमें Time Division Duplex ( TDD ) applied होता है । 
  • Data Link Control Layer का मुख्य कार्य मोबाइल टर्मिनल तथा बेस स्टेशन के मध्य एक विश्वसनीय कनैक्शन प्रदान करना होता है । 
  • नेटवर्क लेयर सभी कंट्रोल प्लेन ( C - Plane ) को परिभाषित करती हैं । यह लेयर fixed station और Mobile station के रिसोर्स के लिए निवेदन करना , उन पर नियंत्रण करना तथा रिसोर्सेस को release करना आदि सेवाएँ ( Services ) प्रदान करती है ।

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