सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Featured Post

scan line polygon fill algorithm in computer graphics

constants in C in hindi and variable in c in hindi

आज हम C language tutorial in hindi मे हम constants in C in hindi के बारे में जानकारी देते क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- 

constants in C in hindi:-

एल्फाबेट ( A to Z ) , अंक ( 0 से 9 ) स्थिरांक और विशेष चिह्न मिलकर Constants   बनाते हैं
वे Quantities जो परिवर्तित नहीं हो सकती हैं , स्थिरांक ( Constants ) कहलाती हैं । जैसे कोई संख्या , किसी व्यक्ति का नाम , रोल नं . , किसी व्यक्ति का जन्मदिवस आदि स्थिरांक हैं । 
Example:- 10.12
                   35 
                   Ram 
Constants कम्प्यूटर की मेमोरी में किसी भी  Location में store किये जा सकते हैं ।

Types of Constants in hindi:-

( a ) इंटीजर स्थिरांकों के नियम ( Rules for Integer Constants ) :-

( i ) integer constant में कम से कम एक अंक होना चाहिए ।
( ii ) इसमें दशमलव बिन्दु नहीं होना चाहिए । 
( iii ) यह ऋणात्मक या धनात्मक संख्या हो सकती है ।
( iv ) integer constant की संख्या के मध्य कोमा ( , ) या रिक्त स्थान ( Blank Space ) का प्रयोग नहीं किया जा सकता है । 
( v ) integer constant की संख्या सीमा है - 32768 से + 32767 
Example:- 0
                   426
                   - 1
                  + 782

( b ) फ्लोट स्थिरांकों के नियम ( Rules for Float Constants ):-

( i ) फ्लोट स्थिरांक में कम से कम एक Digit होना चाहिये।
( ii ) इसकी संख्या में Decimal Point होना आवश्यक है। 
( iii ) यह धनात्मक या ऋणात्मक हो सकता है । 
( iv ) इसकी संख्या में कोमा ( , ) या रिक्त स्थान ( Blank space ) का प्रयोग नहीं किया जाता है ।
Example:- + 325.34
                      426.0
                    - 32.76
                    - 48.5792

( c ) करेक्टर स्थिरांक के नियम ( Rules for Character Constants ) :-

( i ) एक करेक्टर टाइप स्थिरांक , वर्णमाला का Letter या  Special Symbol होता है , जिसे Single inverted comma- ' .. ' के मध्य रखा जाता है । 
( ii ) करेक्टर स्थिरांक में अधिकतम एक करेक्टर हो सकता है । 
Example:- 5 : ' A ' , ' , ' 5 ' 
( iii ) करेक्टर स्थिरांक की valid limit 128 से + 127 है यह एक amazing facts है कि करेक्टर की सीमा संख्याओं में दी गई है । इसका कारण है कि C- भाषा में करेक्टर और इंटीजर स्थिरांक परस्पर परिवर्तित हो सकते हैं ।
 Example :- ' A ' और 65 C- भाषा में समान हैं क्योंकि ' A ' का ASCIH मान 65 होता है ।

( d ) स्ट्रिंग स्थिरांक के नियम ( Rules for String Constants ) :-

( i ) करेक्टरों का समूह स्ट्रिंग स्थिरांक होता है जिसे डबल कोट्स ( Double Quotes " .... " ) में रखा जाता है ।
 Example:- "Hello " 
                   " 44 - A , Ganpati Plaza "
                   " 34.567 " 
( ii ) String Constant जब मेमोरी में store होता है तो इसके अन्त में 10 ' एक विशेष चिह्न store होता है जिसे String Terminator कहते हैं , ' \0 ' का अर्थ है स्ट्रिंग की समाप्ति।

Variable in c in hindi:-

( a ) वेरियेबल तैयार करने के नियम ( Rules for creating Variables ) :-

( i ) एक वेरियेबल के नाम में 1 से 8 तक एल्फाबेट , अंक या Underscore का प्रयोग किया जा सकता है । 
( ii ) वेरियेबल के नाम का प्रथम करेक्टर वर्णमाला का Letter होना चाहिये ।
( iii ) वेरियेबल के नाम में कोमा ( , ) या Blank space का प्रयोग नहीं किया जा सकता है ।
( iv ) Underscore के अलावा कोई अन्य विशेष चिह्न का प्रयोग वेरियेबल के नाम में नहीं करते हैं । 
Example:- roll no salary dt_birth gross_sal

( b ) वेरियेबल को डिक्लेयर या घोषित करना ( Variable Declaration ) :-

जिस प्रकार constants के प्रकार इंटीजर , फ्लोट , करेक्टर , स्ट्रिंग आदि होते हैं । उसी प्रकार वेरियेबल भी इंटीजर , फ्लोट , करेक्टर , स्ट्रिंग , आदि प्रकार के होते हैं उसी प्रकार वेरियेबल भी इन्टीजर , फ्लोट , करैक्टर स्ट्रिंग आदि प्रकार के होते हैं । 
वेरियेबल जिस टाइप का Constant मेमोरी में संग्रह करेगा उसी प्रकार वेरियेबल भी इंटीजर , फ्लोट , करेक्टर , स्ट्रिंग , आदि प्रकार के होते हैं । वही टाइप वेरियेबल का होना चाहिये । इसलिये प्रोग्राम के प्रारम्भ में हम वेरियेबल का int, float, char, double या void में से कोई एक निर्धारित करते हैं । यह क्रिया वेरियेबल Declare करना कहलाती है । वेरियेबल डिक्लेयर करने का Format है 
टाइप ( Type ) वेरियेबल का नाम ;
Example :- int roll_no;
                    Float fees;
यहाँ roll_no एक वेरियेबल है जिसका टाइप int है यह अब int टाइप मान संग्रह कर सकता है । इसी प्रकार fees  float और code char टाइप वेरियेबल हैं । 
Note - वेरियेबल के नाम अर्थपूर्ण होने चाहिये ।
 जैसे रोल नं . के roll_no सही है जबकि r_n का कोई अर्थ नहीं है । इससे प्रोग्राम लिखने और समझने में आसानी रहती है ।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

window accessories kya hai

  आज हम  computer in hindi  मे window accessories kya hai (एसेसरीज क्या है)   -   Ms-windows tutorial in hindi   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- window accessories kya hai (एसेसरीज क्या है)  :- Microsoft Windows  कुछ विशेष कार्यों के लिए छोटे - छोटे प्रोग्राम प्रदान करता है इन्हें विण्डो एप्लेट्स ( Window Applets ) कहा जाता है । उनमें से कुछ प्रोग्राम उन ( Gadgets ) गेजेट्स की तरह के हो सकते हैं जिन्हें हम अपनी टेबल पर रखे हुए रहते हैं । कुछ प्रोग्राम पूर्ण अनुप्रयोग प्रोग्रामों का सीमित संस्करण होते हैं । Windows में ये प्रोग्राम Accessories Group में से प्राप्त किये जा सकते हैं । Accessories में उपलब्ध मुख्य प्रोग्रामों को काम में लेकर हम अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कार्यों को सम्पन्न कर सकते हैं ।  structure of window accessories:- Start → Program Accessories पर click Types of accessories in hindi:- ( 1 ) Entertainment :-   Windows Accessories  के Entertainment Group Media Player , Sound Recorder , CD Player a Windows Media Player आदि प्रोग्राम्स उपलब्ध होते है

ms excel functions in hindi

  आज हम  computer in hindi  मे ms excel functions in hindi(एमएस एक्सेल में फंक्शन क्या है)   -   Ms-excel tutorial in hindi   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- ms excel functions in hindi (एमएस एक्सेल में फंक्शन क्या है):- वर्कशीट में लिखी हुई संख्याओं पर फॉर्मूलों की सहायता से विभिन्न प्रकार की गणनाएँ की जा सकती हैं , जैसे — जोड़ना , घटाना , गुणा करना , भाग देना आदि । Function Excel में पहले से तैयार ऐसे फॉर्मूले हैं जिनकी सहायता से हम जटिल व लम्बी गणनाएँ आसानी से कर सकते हैं । Cell Reference में हमने यह समझा था कि फॉर्मूलों में हम जिन cells को काम में लेना चाहते हैं उनमें लिखी वास्तविक संख्या की जगह सरलता के लिए हम उन सैलों के Address की रेन्ज का उपयोग करते हैं । अत : सैल एड्रेस की रेन्ज के बारे में भी जानकारी होना आवश्यक होता है । सैल एड्रेस से आशय सैल के एक समूह या श्रृंखला से है । यदि हम किसी गणना के लिए B1 से लेकर  F1  सैल को काम में लेना चाहते हैं तो इसके लिए हम सैल B1 , C1 , D1 , E1 व FI को टाइप करें या इसे सैल Address की श्रेणी के रूप में B1:F1 टाइ

foxpro commands in hindi

आज हम computers in hindi मे  foxpro commands  क्या होता है उसके कार्य के बारे मे जानेगे?   foxpro all commands in hindi  में  तो चलिए शुरु करते हैं-   foxpro commands in hindi:-  (1) Clear command in foxpro in hindi:-  इस  command  का प्रयोग  foxpro  की main स्क्रीन ( जहां रिकॉर्ड्स / Output प्रदर्शित होते हैं ) को Clear करने के लिए किया जाता है ।  (2) Modify Structure in foxpro in hindi :-  इस  command  का प्रयोग वर्तमान प्रयुक्त  डेटाबेस  फाईल के स्ट्रक्चर में आवश्यक परिवर्तन करने के लिए किया जाता है । इसके द्वारा नये फील्ड भी जोड़े जा सकते हैं तथा पुराने फील्ड्स को हटाया व उनके साईज़ में भी परिवर्तन किया जा सकता है ।  (3) Rename in foxpro in hindi :-  इस  command  के द्वारा किसी  database  file का नाम बदला जा सकता है जिस फाईल को Rename करना हो वह मैमोरी में खुली नहीं होनी चाहिए ।   Syntax : Rename < Old filename > to < New filename >  Foxpro example: -  Rename Student.dbf to St.dbf (4) Copy file in foxpro in hindi :- इस command के द्वारा किसी एक डेटाबेस फाईल के रिकॉ