सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

what is array in javascript

आज हम javascript full course in hindi मे हम 
what is array in javascript के बारे में जानकारी देते क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- 

what is an array javascript:-

data item का एक समूह जिसका एक ही नाम हो ऐरे कहलाता है । ऐरे , एक वेरियेबल के समान constants की मेमोरी में स्थिति का नाम होता है जहाँ constant stored होते हैं । 
Example:- हम एक Roll नाम के ऐरे में अनेक विद्यार्थियों के रोल नं . Store करना चाहते हैं तो प्रत्येक रोल नं . को एक संख्या व्यक्त करती है जिसे सबस्क्रिप्ट या इंडेक्स ( Index ) कहते हैं । इंडेक्स को ऐरे के नाम के बाद बड़े कोष्ठक [ ] में लिखते हैं । जैसे Roll [ 10 ] ] , Roll एक ऐरे का नाम है जिसमें 10 इंडेक्स हैं इसमें 10 रोल नम्बर store किये जा सकते हैं । प्रत्येक रोल नं . ऐरे का एलीमेन्ट कहलायेगा । ऐरे किसी भी टाइप का हो सकता है । ऐरे के प्रयोग से हमें एक समान टाइप के अनेक constants को store करने वाले अनेक वेरियेबलों की आवश्यकता नहीं पड़ती है । केवल ऐरे के नाम और इंडेक्स संख्या द्वारा आवश्यक constants प्राप्त किया जा सकता है । 

ऐरे का प्रयोग ( Use of Array in hindi) :-

जावास्क्रिप्ट प्रोग्राम में ऐरे को वेरियेबल के समान उपयोग करने से Pre-declear करना आवश्यक होता है । इसे declear करने के लिये इसका टाइप और एलीमेन्ट की संख्या सबस्क्रिप्ट से define की जाती है । सबस्क्रिप्ट को बड़े कोष्ठक में लिखते हैं ।

( 1 ) Accessing Elements of Array :-

एलीमेन्ट को प्राप्त किया जा सकता है । इसके लिए सबस्क्रिप्ट [ ] का प्रयोग किया जाता है । ऐरे नेम के सभी एलीमेन्ट्स ऐरे declear करने के बाद इसके प्रत्येक को एक निश्चित संख्या दी जाती है जो 0 से प्रारम्भ होती है इसलिए marks [ 2 ] ऐरे का दूसरा Element नहीं है बल्कि यह तीसरा Element है । अत : marks [ 30 ] ऐरे में Element को marks [ 0 ] marks [ 1 ] . mark [ 29 ] से define किया जायेगा । ***** 

( 2 ) Storing Data into Array :-

Example:- 
< SCRIPT > 
marks = new Array ( 3 ) ; 
marks [ 0 ] = prompt ( " Enter first element " ) ; 
marks [ 1 ] = prompt ( " Enter Second element " ) ; 
marks [ 2 ] = prompt ( " Enter Third element " ) ; document.write ( " Entered elements are " ) ; 
document.write ( marks [ 0 ] ) ;
document.write ( marks [ 1 ] ) ; 
document.write ( marks [ 2 ] ) ; 
< / SCRIPT >

( 3 ) Assigning Constants Into Array: – 

ऐरे एलीमेन्ट में हम कोई मान ( constant ) एसाइन कर सकते हैं । ऐरे Declaration के बाद ऐरे एलीमेन्टों का मान एसाइन करने के लिये हम प्रत्येक ऐरे एलीमेन्ट का मान अलग - अलग कथन से एसाइन करते हैं ।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Query Optimization in hindi - computers in hindi 

 आज  हम  computers  in hindi  मे query optimization in dbms ( क्वैरी ऑप्टीमाइजेशन) के बारे में जानेगे क्या होता है और क्वैरी ऑप्टीमाइजेशन (query optimization in dbms) मे query processing in dbms और query optimization in dbms in hindi और  Measures of Query Cost    के बारे मे जानेगे  तो चलिए शुरु करते हैं-  Query Optimization in dbms (क्वैरी ऑप्टीमाइजेशन):- Optimization से मतलब है क्वैरी की cost को न्यूनतम करने से है । किसी क्वैरी की cost कई factors पर निर्भर करती है । query optimization के लिए optimizer का प्रयोग किया जाता है । क्वैरी ऑप्टीमाइज़र को क्वैरी के प्रत्येक operation की cos जानना जरूरी होता है । क्वैरी की cost को ज्ञात करना कठिन है । क्वैरी की cost कई parameters जैसे कि ऑपरेशन के लिए उपलब्ध memory , disk size आदि पर निर्भर करती है । query optimization के अन्दर क्वैरी की cost का मूल्यांकन ( evaluate ) करने का वह प्रभावी तरीका चुना जाता है जिसकी cost सबसे कम हो । अतः query optimization एक ऐसी प्रक्रिया है , जिसमें क्वैरी अर्थात् प्रश्न को हल करने का सबसे उपयुक्त तरीका चुना

Recovery technique in dbms । रिकवरी। recovery in hindi

 आज हम Recovery facilities in DBMS (रिकवरी)   के बारे मे जानेगे रिकवरी क्या होता है? और ये रिकवरी कितने प्रकार की होती है? तो चलिए शुरु करतेे हैं- Recovery in hindi( रिकवरी) :- यदि किसी सिस्टम का Data Base क्रैश हो जाये तो उस Data को पुनः उसी रूप में वापस लाने अर्थात् उसे restore करने को ही रिकवरी कहा जाता है ।  recovery technique(रिकवरी तकनीक):- यदि Data Base पुनः पुरानी स्थिति में ना आए तो आखिर में जिस स्थिति में भी आए उसे उसी स्थिति में restore किया जाता है । अतः रिकवरी का प्रयोग Data Base को पुनः पूर्व की स्थिति में लाने के लिये किया जाता है ताकि Data Base की सामान्य कार्यविधि बनी रहे ।  डेटा की रिकवरी करने के लिये यह आवश्यक है कि DBA के द्वारा समूह समय पर नया Data आने पर तुरन्त उसका Backup लेना चाहिए , तथा अपने Backup को समय - समय पर update करते रहना चाहिए । यह बैकअप DBA ( database administrator ) के द्वारा लगातार लिया जाना चाहिए तथा Data Base क्रैश होने पर इसे क्रमानुसार पुनः रिस्टोर कर देना चाहिए Types of recovery (  रिकवरी के प्रकार ):- 1. Log Based Recovery 2. Shadow pag