Relational database management system : रिलेशनल डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (RDBMS) क्या होता है:-
Relational database management system (RDBMS):-
DBMS का विस्तारित रूप रिलेश्नल डेटाबेस मेनेजमेन्ट सिस्टम है । यह एक डेटाबेस सॉफ्टवेयर होता है जो कि रिलेश्नल डेटाबेस को बनाने व उसका प्रबन्धन करने की सुविधा देता है । यह डेटा को टेबल के रूप में संग्रहित करता है ।
एक रिलेश्नल डेटाबेस टेबल्स का सैट होता है , जिनमें पूर्वनिर्धारित प्रारूप में डेटा फीड किया जा सकता है । ये पूर्वनिर्धारित प्रारूप ( Integer , Varchar , date आदि ) हो सकते हैं । रिलेश्नल डेटाबेस में बनाई गई टेबल को रिलेशन भी कहा जाता है , ये एक या अधिक फील्ड्स का समूह होती हैं । प्रत्येक टेबल में एक फील्ड ऐसी होती है जिसमें यूनीक वैल्यू होती है , तथा यह फील्ड NULL वैल्यू को नहीं लेता है , ऐसे फील्ड को प्राइमेरी - की एंट्रीब्यूट ( primary key attribute ) कहा जाता है । इस फील्ड के द्वारा ही टेबल्स के मध्य रिलेशन बनाया जाता है ।
आर . डी . बी . एम . एस . (RDBMS) में डेटा को टेबल के रूप में ही संग्रहित ( store ) किया जाता है . तथा उसे row अर्थात् tupple के रूप में प्रदर्शित किया जाता है । वर्तमान में रिलेश्नल डेटाबेस बहुत ही प्रचलित है , तथा इसका प्रयोग बहुतायत में हो रहा है , क्योंकि यह विभिन्न टेवल्स को आपस में कनैक्ट कर उनमें से डेटा प्राप्त करने की सुविधा देता है।
रिलेश्नल डेटाबेस में सम्पूर्ण डेटा को एक ही टेबल में संग्रहित ना करके उसे अलग अलग टेबल्स में संग्रहित किया जाता है । इससे किसी एक टेबल के डिलीट या क्रैश होने पर सम्पूर्ण डेटा ही हानि नहीं होती है । टेबल्स में संग्रहित डेटा को आवश्यकता होने पर डेटा को आसानी से प्राप्त भी किया जा सकता है । रिलेश्नल डेटाबेस में जिन टेबल्स को आपस में link जाता है , उनमें यह आवश्यक होता है कि उन टेबल्स का एक कॉलम समान हो ताकि संबंधित डेटा को आसानी से प्राप्त किया जा सके । अधिकतर रिलेश्नल डेटाबेस क्वैरी लैंग्वेज के रूप में SQL का प्रयोग करते हैं । आमतौर पर प्रचलित रिलेश्नल डेटाबेस oracle , MYSQL Server , DB2 आदि है।
RDBMS एक ऐसा DBMS है जो कि E.F. Codd के द्वारा प्रतिपादित रिलेश्नल डेटाबेस मॉडल पर आधारित होता है । रिलेश्नल मॉडल में नेटवर्क मॉडल व हिराकीकल मॉडल दोनों ही समायोजित होते हैं , अर्थात् रिलेश्नल मॉडल में नेटवर्क मॉडल व हिरारकीकल मॉडल दोनों के गुण होते हैं ।
उदाहरण के तौर पर मान लेते हैं कि ABC शॉपिंग मॉल अपनी वस्तुओं की बिक्री की detail को 2 टेबल्स में स्टोर करती है जिनका नाम Items व customer है । वस्तुओं की बिक्री संबंधित detail को जैसे कि किस दिनांक को किस ग्राहक ने कौनसी वस्तु खरीदी आदि की जानकारी items टेबल में संग्रहित की जाती है तथा ग्राहकों की detail को customer टेबल में संग्रहित किया जाता है ।
1 . Items टेबल में निम्नलिखित फील्ड्स हैं-
Itemname , sellprice , selldate , custid
2 . Customer टेबल में निम्नलिखित फील्ड्स हैं-
custid , custname , address , phone
यदि कम्पनी को समस्त ग्राहकों की detail देखनी हो तो उसे customer टेबल से प्राप्त किया जाएगा । यदि बिक्री की डिटेल देखनी हो तो उसे Items टेबल में से देखा जा सकता है । एक ग्राहक की detail को customer table में केवल एक बार ही संग्रहित किया जाता है , तथा उसके द्वारा खरीदी गई वस्तुओं को items टेबल में संग्रहित किया जाता है । यदि कम्पनी को itemname , sellprice , custmame , address देखनी है तो यह दोनों टेबल्स के relation द्वारा यह सम्भव है । यदि किसी ग्राहक ने एक से अधिक बार खरीदी की है तो उसका नाम तथा पता ( जो कि टेबल में तो एक बार ही संग्रहित है ) परन्तु बिक्री की डिटेल के साथ स्वतः ही बार - बार प्रदर्शित होगा । रिलेश्नल डेटाबेस में रिपीट होने वाले डेटा को रोका जा सकता है ।
रिलेश्नल डेटाबेस (RDBMS) के जुड़े लाभ ( Advantages Associated With Relational Database):-
आज के समय में रिलेश्नल डेटाबेस बहुत प्रचलित है । इसका मुख्य कारण विशेषताएं तथा इससे जुड़े लाभ हैं । एक रिलेश्नल डेटाबेस प्रयोगकर्ता ( user ) को विभिन प्रकार की सुविधाएं देता है । जिससे उसके प्रयोग व गुणवत्ता में वृद्धि हुई है । एक रिलेश्नल डेटाबेस डिजाईन से जुड़े लाभ निम्नलिखित हैं-
उपयोग में आसान ( Easy to Use ):-
रिलेश्नल डेटाबेस को इस प्रकार डिजाईन किया गया है कि यह प्रयोग में अत्यन्त आसान होता है । कोई नवीन प्रयोगकर्ता ( new user ) के लिए भी यह प्रयोग में तथा समझने मेंआसान होता है ।
डेटा स्वतंत्रता ( Data Independence ):- डेटाबेस के नियम के अनुरूप डेटा का स्वतंत्र रूप से संग्रहित होना आवश्यक होता है ताकि आवश्यकता होने पर वांच्छित डेटा को आसानी से प्राप्त किया जा सके । रिलेश्नल डेटाबेस डिजाईन में डेटा को normalization के द्वारा अधिक आसानी से स्वतंत्र बनाया जा सकता है जबकि यह कार्य ट्री स्ट्रक्चर के द्वारा कठिन होता है ।
लोचशीलता ( Flexibility ):-
रिलेश्नल डेटाबेस डिजाईन के अन्तर्गत यह तक किया गया कि सम्पूर्ण डेटा को एक ही टेबल में संग्रहित ना करके उसे अलग - अलग टेबल्स में विभाजित कर दिया जाए । उन विभिन्न टेबल्स ( जिनमें डेटा को विभाजित कर संग्रहित ( Store ) किया गया था ) को आपस में link कर दिया जाता है । इससे एक ही डेटाबेस पर अधिक लोड नहीं होता है । विभिन्न प्रयोगकर्ता अपनी आवश्यकतानुसार अपनी टेबल्स व संबंधित टेबल्स से आसानी से डेटा प्राप्त कर सकते हैं । विभिन्न टेबल्स से joins के द्वारा डेटा को प्राप्त किया जा सकता है ।
सुरक्षा ( Security ):-
रिलेश्नल डेटाबेस डिजाईन के अन्तर्गत डेटा की सुरक्षा को अत्यधिक महत्व दिया गया है । चूंकि इस तकनीक में डेटा एक टेबल में संग्रहित ना होकर विभिन्न टेबल्स में संग्रहित होता है अत : रिलेश्नल डेटाबेस में डेटा को अधिक सुरक्षा दी जाती है , इसके लिए डेटा को एक विशिष्ट प्रारूप ( fonnat ) में संग्रहित ( Store ) किया जाता है ताकि किसी अनाधिकृत व्यक्ति ( Unauthorised person ) के द्वारा डेटा कॉपी ना किया जा सके । किसी डेटाबेस में एक अधिकत प्रयोगकर्ता किसी अन्य प्रयोगकर्ता के डेटा को भी बिना इजाज़त के प्राप्त नहीं कर सकता ।
डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (DBMS) की जानकारी के नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :-https://computernetworksite.blogspot.com/2019/03/what-is-data-base-management-system.html
डिस्ट्रीब्यूटेड डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (DDBMS) की जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें:-DDBMS-distributed-database-management
रिलेश्नल डेटाबेस (RDBMS) के जुड़े लाभ ( Advantages Associated With Relational Database):-
आज के समय में रिलेश्नल डेटाबेस बहुत प्रचलित है । इसका मुख्य कारण विशेषताएं तथा इससे जुड़े लाभ हैं । एक रिलेश्नल डेटाबेस प्रयोगकर्ता ( user ) को विभिन प्रकार की सुविधाएं देता है । जिससे उसके प्रयोग व गुणवत्ता में वृद्धि हुई है । एक रिलेश्नल डेटाबेस डिजाईन से जुड़े लाभ निम्नलिखित हैं-
उपयोग में आसान ( Easy to Use ):-
रिलेश्नल डेटाबेस को इस प्रकार डिजाईन किया गया है कि यह प्रयोग में अत्यन्त आसान होता है । कोई नवीन प्रयोगकर्ता ( new user ) के लिए भी यह प्रयोग में तथा समझने मेंआसान होता है ।
डेटा स्वतंत्रता ( Data Independence ):- डेटाबेस के नियम के अनुरूप डेटा का स्वतंत्र रूप से संग्रहित होना आवश्यक होता है ताकि आवश्यकता होने पर वांच्छित डेटा को आसानी से प्राप्त किया जा सके । रिलेश्नल डेटाबेस डिजाईन में डेटा को normalization के द्वारा अधिक आसानी से स्वतंत्र बनाया जा सकता है जबकि यह कार्य ट्री स्ट्रक्चर के द्वारा कठिन होता है ।
लोचशीलता ( Flexibility ):-
रिलेश्नल डेटाबेस डिजाईन के अन्तर्गत यह तक किया गया कि सम्पूर्ण डेटा को एक ही टेबल में संग्रहित ना करके उसे अलग - अलग टेबल्स में विभाजित कर दिया जाए । उन विभिन्न टेबल्स ( जिनमें डेटा को विभाजित कर संग्रहित ( Store ) किया गया था ) को आपस में link कर दिया जाता है । इससे एक ही डेटाबेस पर अधिक लोड नहीं होता है । विभिन्न प्रयोगकर्ता अपनी आवश्यकतानुसार अपनी टेबल्स व संबंधित टेबल्स से आसानी से डेटा प्राप्त कर सकते हैं । विभिन्न टेबल्स से joins के द्वारा डेटा को प्राप्त किया जा सकता है ।
सुरक्षा ( Security ):-
रिलेश्नल डेटाबेस डिजाईन के अन्तर्गत डेटा की सुरक्षा को अत्यधिक महत्व दिया गया है । चूंकि इस तकनीक में डेटा एक टेबल में संग्रहित ना होकर विभिन्न टेबल्स में संग्रहित होता है अत : रिलेश्नल डेटाबेस में डेटा को अधिक सुरक्षा दी जाती है , इसके लिए डेटा को एक विशिष्ट प्रारूप ( fonnat ) में संग्रहित ( Store ) किया जाता है ताकि किसी अनाधिकृत व्यक्ति ( Unauthorised person ) के द्वारा डेटा कॉपी ना किया जा सके । किसी डेटाबेस में एक अधिकत प्रयोगकर्ता किसी अन्य प्रयोगकर्ता के डेटा को भी बिना इजाज़त के प्राप्त नहीं कर सकता ।
डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (DBMS) की जानकारी के नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :-https://computernetworksite.blogspot.com/2019/03/what-is-data-base-management-system.html
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