कम्प्यूटर का विकास ( EVOLUTION OF COMPUTER ) :-
वर्तमान समय में प्रयुक्त Computer प्रणालियाँ इलेक्ट्रोनिक तकनीक पर आधारित मशीनों से मिलकर बनी होती हैं । सबसे पहली इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर प्रणाली सन् 1946 में विकसित की गई थी । लेकिन कम्प्यूटर का इतिहास इससे कहीं अधिक प्राचीन है । मानव सभ्यता के आरम्भ से ही मनुष्य ने गणना के लिए विभिन्न विधियों और यंत्रों को विकसित किया है । हजारों वर्ष पूर्व सबसे पहला गणनायंत्र तैयार किया गया था , जिसे अबेकस ( Abacus ) के नाम से जाना जाता है । अबेकस का प्रयोग आज भी विद्यालयों में गणना करने के लिए होता है ।
सन् 1642 में सबसे पहला यांत्रिक गणनायंत्र तैयार किया गया था । पास्कलाइन ( Pascaline ) नामक इस गणना यंत्र को ब्लेज पास्कल ने तैयार किया था । इसके बाद सन् 1673 में जर्मन गणितज्ञ व दर्शनिक गॉटफ्रेड वॉन लेबनीज ( Gotfried Von Leibnitz ) ने पास्कलाइन का नाम रूप तैयार किया , जिसे रेकनिंग मशीन ( Reckoning Machine ) कहते हैं । पास्कलाइन गणनायंत्र केवल जोड़ने व घटाने की क्रिया करने में सक्षम था , जबकि रेकनिंग मशीन जोड़ व बाकी के अलावा गुणा व भाग की क्रिया भी कर सकती थी ।
सन् 1801 में फ्रांसीसी बुनकर जोसेफ जेकॉर्ड ( Joseph Jacquard ) ने कपड़े बुनने के ऐसे लूम ( Loom ) का आविष्कार किया जो , कपड़ों में डिजाइन व पैटर्न स्वचालित रूप से नियंत्रित करता था । जैकार्ड के इस लूम की विचारधारा से पंचकार्ड का सिद्धांत प्रतिपादित किया गया , जिसे बाद यांत्रिक कम्प्यूटर्स में एक सूचना संग्रहण माध्यम के रूप में प्रयुक्त किया जाने लगा ।
सन् 1822 में चार्ल्स बैवेज ने डिफरेन्स इंजिन ( Difference Engine ) नामक एक गणनायंत्र का आविष्कार किया । चाल्स बैबेज ने अपने डिफरेंस इंजिन को विकसित करके सन् 1833 में एक नवीन संस्करण विकसित किया , जिसका नाम एनालिटिकल इंजिन ( Analytical Engine ) था । एनालिटिकल इंजिन में निर्देशों ( Instructions ) को संग्रहित ( Store ) किया जा सकता था ।
चार्ल्स बैबेज के इस एनालिटिकल इंजिन ने कम्प्यूटर विज्ञान के मूल सिद्धान्त को प्रतिपादित किया था , इसीलिए चार्ल्स बैबेज को ' फादर ऑफ कम्प्यूटर साइंस ' ' कहा जाता है । ।
इसके बाद सन् 1896 में हर्मन होलेरिथ ने पंचकार्ड यंत्र बनाने की एक मशीन का उत्पादन आरम्भ किया । उसने अपनी कम्पनी का नाम ' टेबुलेटिंग मशीन कम्पनी ' ( Tabulating Machine Company ) रखा था । इस कम्पनी का नाम सन् 1911 में ' कम्प्यूटर टेबुलेटिंग रिकॉर्डिंग कम्पनी ' हो गया । इसी प्रकार आगे चलकर सन् 1924 में यह कम्पनी इन्टरनेशनल बिजनेस मशीन ( International Business Machine - IBM ) के नाम से प्रकाश में आयी ।
सन् 1945 में एटानासोफ ( Atanasoff ) ने एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन को विकसित किया , जिसका नाम ABC ( Atanasoff Berry Computer ) था । इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर्स का निर्माण आरम्भ हो गया था । इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर के विकास को विभिन्न पीढ़ियों के रूप में वर्गीकृत किया गया है ।
Abacus:-
हजारों वर्ष पूर्व सबसे पहला गणनायंत्र तैयार किया गया था , जिसे अबेकस ( Abacus ) के नाम से जाना जाता है । अबेकस का प्रयोग आज भी विद्यालयों में गणना करने के लिए होता है ।
Abacus तारों के प्रकार का होता है । Abacus का उपयोग जोड़ने, घटाने, गुणा करने तथा भाग देने के काम आती हैं|
Blade Pascal:-
Blade Pascal अंकों की गणनाएं करने के लिए बनाई गई थी ।
सन् 1642 में सबसे पहला यांत्रिक गणनायंत्र तैयार किया गया था । पास्कलाइन ( Pascaline ) नामक इस गणना यंत्र को ब्लेज पास्कल ने तैयार किया था । इसके बाद सन् 1673 में जर्मन गणितज्ञ व दर्शनिक गॉटफ्रेड वॉन लेबनीज ( Gotfried Von Leibnitz ) ने पास्कलाइन का नाम रूप तैयार किया , जिसे रेकनिंग मशीन ( Reckoning Machine ) कहते हैं । पास्कलाइन गणनायंत्र केवल जोड़ने व घटाने की क्रिया करने में सक्षम था , जबकि रेकनिंग मशीन जोड़ व बाकी के अलावा गुणा व भाग की क्रिया भी कर सकती थी । । इसको एंडिंग मशीन (Adding Machine) भी कहते थे, क्योकि यह केवल जोड़ या बाकी ही कर सकती थी । यह मशीन घड़ी के सिद्धान्तों पर कार्य करती थी ।
What is रेकनिंग मशीन ( Reckoning Machine ):-
1673 में जर्मन गणितज्ञ व दर्शनिक गॉटफ्रेड वॉन लेबनीज ( Gotfried Von Leibnitz ) ने पास्कलाइन का नाम रूप तैयार किया , जिसे रेकनिंग मशीन ( Reckoning Machine ) कहते हैं । पास्कलाइन गणनायंत्र केवल जोड़ने व घटाने की क्रिया करने में सक्षम था , जबकि रेकनिंग मशीन जोड़ व बाकी के अलावा गुणा व भाग की क्रिया भी कर सकती थी ।
Jacquard’s Loom:-
सन् 1801 में फ्रांसीसी बुनकर जोसेफ जेकॉर्ड ( Joseph Jacquard ) ने कपड़े बुनने के ऐसे लूम ( Loom ) का आविष्कार किया जो , कपड़ों में डिजाइन व पैटर्न स्वचालित रूप से नियंत्रित करता था । जैकार्ड के इस लूम की विचारधारा से पंचकार्ड का सिद्धांत प्रतिपादित किया गया , जिसे बाद यांत्रिक कम्प्यूटर्स में एक सूचना संग्रहण माध्यम के रूप में प्रयुक्त किया जाने लगा ।
Charles Babbage:-
सन् 1822 में चार्ल्स बैवेज ने डिफरेन्स इंजिन ( Difference Engine ) नामक एक गणनायंत्र का आविष्कार किया । चाल्स बैबेज ने अपने डिफरेंस इंजिन को विकसित करके सन् 1833 में एक नवीन संस्करण विकसित किया , जिसका नाम एनालिटिकल इंजिन ( Analytical Engine ) था । एनालिटिकल इंजिन में निर्देशों ( Instructions ) को संग्रहित ( Store ) किया जा सकता था ।
चार्ल्स बैबेज के इस एनालिटिकल इंजिन ने कम्प्यूटर विज्ञान के मूल सिद्धान्त को प्रतिपादित किया था , इसीलिए चार्ल्स बैबेज को ' फादर ऑफ कम्प्यूटर साइंस ' कहा जाता है ।
Dr. Howard Aiken’s Mark-I:-
इसके बाद सन् 1896 में हर्मन होलेरिथ ने पंचकार्ड यंत्र बनाने की एक मशीन का उत्पादन आरम्भ किया । उसने अपनी कम्पनी का नाम ' टेबुलेटिंग मशीन कम्पनी ' ( Tabulating Machine Company ) रखा था । इस कम्पनी का नाम सन् 1911 में ' कम्प्यूटर टेबुलेटिंग रिकॉर्डिंग कम्पनी ' हो गया । इसी प्रकार आगे चलकर सन् 1924 में यह कम्पनी इन्टरनेशनल बिजनेस मशीन ( International Business Machine - IBM ) के नाम से प्रकाश में आयी ।
A.B.C. (Atanasoff – Berry Computer):-
सन् 1945 में एटानासोफ ( Atanasoff ) ने एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन को विकसित किया , जिसका नाम ABC ( Atanasoff Berry Computer ) था । इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर्स का निर्माण आरम्भ हो गया था । इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर के विकास को विभिन्न पीढ़ियों के रूप में वर्गीकृत किया गया है ।
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