सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

कंप्यूटर हार्डवेयर क्या है और विभिन्न प्रकार के Computer Hardware

● कंप्यूटर हार्डवेयर का परिचय ( Computer hardware introduction ) :-

 हैैलो दोस्तोंं आपका स्वागत है मेरे ब्लॉग पर आज में आपको बताऊंगा कंप्यूटर हार्डवेयर क्या है (What Is Computer Hardware kya hai In Hindi) और विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर हार्डवेयर (Types Of Computer Hardware ) से संबधित विषय कि अच्छे तरीके से जानकारी देने वाले हैं जैसे की हम जानते है computer hardware ( कम्प्युटर हार्डवेयर ) जब हम पर्सनल कम्प्यूटर या माइक्रोकम्प्यूटर के बारे में सोचते हैं तो हमारा ध्यान इसके उपकरण यानि मॉनिटर या की - बोर्ड पर जाता है । माइक्रोकम्प्यूटर में इससे अधिक बहुत कुछ होता है ।
कम्प्युटर हार्डवेयर ( COMPUTER HARDWARE ) पणाली ( System ) विशिष्ट कार्यों को सम्पादित करने के लिए कई उपकरणों , विधियों तथा प्रक्रियाओं का समूह है जो नियमित रूप से परस्पर कार्य करके सम्पूर्ण संगठित इकाई बनाती है । कम्प्यूटर भी एक प्रणाली है जहाँ इनपुट, प्रोसेसिंग , आउटपुट तथा मेमोरी इसके प्रमुख कम्पोनेन्ट हैं । कम्प्यूटर में ऐसे अनेक उपकरण होते हैं जो उसके सभी कार्य जैसे डाटा तैयार करना , कम्प्यूटर में इनपुट करना , गणनायें , नियंत्रण , स्टोरेज आदि सम्पन्न करते हैं ।

Computer hardware kya h?

 ● कंप्यूटर हार्डवेयर की परिभाषा ( Computer hardware definitions ):-

वे सभी उपकरण जो कम्प्यूटर से सीधे जुड़े होते हैं ऑन लाइन ( Online ) उपकरण कहलाते हैं तथा जो उपकरण अलग से उपयोग किये जाते हैं । तथा कम्प्यूटर से जुड़े नहीं होते हैं ऑफलाइन ( Offline ) कहते हैं । इन उपकरणों और साधनों को ही हार्डवेयर (Hardware) कहा जाता है ।
कम्प्यूटर के वे सभी यांत्रिक विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जिन्हें देखा एवं छुआ जा सकता है कम्प्यूटर हार्डवेयर  की श्रेणी में आते है । कम्प्यूटर की समस्त इनपुट तथा आउटपुट इकाईयाँ कम्प्यूटर हार्डवेयर की श्रेणी में आते है । स्टैण्डर्ड डिवाइस जैसे की - बोर्ड , फ्लॉपी ड्राइव , हार्ड डिस्क , प्रिन्टर आदि इसके अन्तर्गत वे डिवाइस जिन्हें कम्प्यूटर से जोड़ा जाता है पैरीफेरल डिवाइस दोनों को सम्मिलित रूप से कम्प्यूटर हार्डवेयर कहते है । अतः कम्प्यूटर सिस्टम वे सभी भौतिक उपकरण / मशीन इनपुट , आउटपुट तथा सीपीयू मानीटर , प्रिन्टर , अन्य कम्प्यूटर पैरीफेरल आदि इसके अन्तर्गत वे सभी विधियाँ / कार्यप्रणालियाँ आते हैं जो कम्प्यूटर उपकरणों के निर्माण , रख - रखाव तथा सुधारने संबंधी कार्य के काम आते हैं । कम्प्यूटर मशीन से जुड़ी हुई सभी इनपुट - आउटपुट युक्तियों को पेरीफेरल युक्तियाँ भी कहा जाता हैं ।

● कम्प्युटर हार्डवेयर के घटक ( Components of computer hardware in hindi ) :-

1 इनपुट :- Trackball, Touchpad, Microphone, keyboard                   Sensors, Mouse, Joystick, Scanner, Web                         Cam 

2 Processing :-Motherboard, Processor (CPU),                                      Memory

3 आउटपुट:- Monitor, Printer, Head phone, speaker,                          Touchscreen, Projectors etc.

4 Storage:- Hard disk Drive

● कम्प्युटर हार्डवेयर के प्रकार (Types of Computer Hardware in Hindi) 

कम्प्यूटर में हार्डवेयर उपकरणों को विभिन्न भागों में विभाजित  किया जा सकता है । कम्प्यूटर निर्देशों के समूह ( प्रोग्राम ) के नियंत्रण में कार्य करता है । यह इनपुट किये गये डाटा पर क्रिया करके परिणाम देता है ।

Keyboard 

यह एक प्रकार का इनपुट डिवाइस होता है।की - बोर्ड एक केबल के द्वारा कम्प्यूटर से जुड़ा होता है जिसका एक सिरा की - बोर्ड तथा दूसरा सिरा CPU के पीछे लगे एक सॉकेट में लगाया जाता है । टाइपराइटर की तुलना में की - बोर्ड में कई अतिरिक्त Keys होती हैं , जिनसे अनके प्रकार के कार्य किये जा सकते । हैं । की - बोर्ड के सबसे ऊपरी दाहिनी ओर तीन light देने वाले इन्डिकेटर लगे हुए होते हैं । ये Caps Lock , Num  Lock तथा Scroll Lock keys  स्थिति दिखाते रहते हैं । 

Mouse 

माउस इनपुट के काम आने वाला एक छोटा डिवाइस है , जिसके ऊपर की तरफ पर दो या तीन बटन लगे होते हैं तथा नीचे की तरफ  पर एक छोटी सी गेंद होती है । यह एक तार की सहायता से कम्प्यूटर के CPU से जुड़ा होता है । एक तीर के जैसा पॉइन्टर स्क्रीन के ऊपर होता है । जिसे माउस पॉइन्टर ( Mouse Pointer ) कहते हैं । माउस को एक समतल सतह  पर रखकर हाथ से इधर - उधर सरकाया जाता है , इससे माउस पॉइन्टर स्क्रीन पर इधर - उधर सरकता है ।

Monitor 

 इसे विडियों विजुअल डिस्प्ले यूनिट ( वीडीयू ) भी कहते है । मॉनीटर कम्प्यूटर से प्राप्त परिणाम को सॉफ्ट कॉपी के रूप में दिखाता है । यह एक electronic device है। यह हमें आउटपुट परिणाम देता है। यह CPU से आने वाली सूचना को अपनी screen पर दिखाता है। तीन तरह के मॉनिटर सामान्यत : होते हैं ।
( i ) मोनोक्रोम ( Monochrome ) - यह CPU से आने वाली सूचनाओं  को सिर्फ दो रंग ( Black & White ) में दिखाते हैं ।
( ii ) आर . जी . बी ( R . G . B or Red Green Blue ) - ये CPU से आने वाली सूचनाओं को तीन रंग ( लाल , हरा , नीला ) में से किसी एक रंग में दिखाते हैं । 
( iii ) कलर ( Colour ) - यह CPU से आने वाली सूचनाओं को उनके स्वाभाविक रंगों में दिखाते हैं । यह मॉनिटर आजकल सर्वाधिक प्रचलन में है ।

Scanner 

स्कैनर एक प्रकार की इनपुट डिवाइस है यह सूचना को चित्र रूप से कम्प्यूटर में भेजने की क्षमता रखता है यह शीघ्र एवं बिल्कुल ठीक रूप से डाटा का कार्य करता है । इस डिवाइस का उपयोग सूचना जैसे फोटोग्राफ एवं पेपर पर डाक्यूमेंट को केप्चर करने तथा कम्प्यूटर इमेज में अनुवाद करने के लिए किया जाता है ।

Speaker 

यह एक प्रकार का आउटपुट डिवाइस होता है इसका उपयोग हम  ध्वनि सुनने के लिए करते हैं। ये कम्प्युटर से डेटा प्राप्त करता है और आउटपुट आवाज के रूप मे सुनाता है।

Printers

प्रिण्टर्स एक आउटपुट डिवाइस होता है । इसका प्रयोग कम्प्यूटर से आने वाली सूचना को और डेटा को किसी कागज पर प्रिंट करने के काम आता हैं। प्रिण्टर्स सेे आने वाली सूचना को hardcopy भी कहते हैं।यह ब्लैक और वाइट के साथ - साथ कलर डॉक्यूमेंट को भी प्रिंट करता है । किसी भी प्रिंटर की क्वालिटी उसकी प्रिंटिग की गई क्वालिटी पर निर्भर करता है मतलब जितनी अच्छी प्रिंटिंग क्वालिटी होगी, प्रिंटर उतना ही अच्छा माना जाता है।

Memory

वास्तव में , मैमोरी कम्प्यूटर का वह भाग है , जिसमें सभी डेटा और प्रोग्राम रखा जाता हैं । यदि यह भाग नही हो , तो कम्प्यूटर को दिया जाने वाला कोई भी डेटा तुरन्त नष्ट/ केैैश हो जाएगा । इसलिए इस भाग का महत्त्वपूर्ण है । मैमोरी मुख्यतया दो प्रकार की होती है । मुख्य मैमोरी ( Main Memory ) तथा सहायक मैमोरी ( Auxiliary Memory )

DVD Drive

DVD Drive CPU और Laptop में लगा होता है . जिसेOptical Drive भी कहा जाता हैं। यह  CD केे समान ही होता है वैसे तो पर इसमें अधिक डेटा स्टोर किया जा सकता है।

Light Pen

माउस , जॉयस्टिक आदि की तरह लाइट पेन भी एक पॉइन्टिंग इनपुट डिवाइस है । स्क्रीन पर उपस्थित सूचनाओं को चुनने तथा स्क्रीन पर ही चित्र बनाने के लिए लाइट पेन का प्रयोग किया जाता है । जब पेन को स्क्रीन के पास ले जाया जाता है तो निब मॉनिटर की रोशनी को महसूस करता है।



इनपुट और आउटपुट डिवाइस ( Inputloutput Devices )

इनपुट  और आउटपुट डिवाइस ( Inputloutput Devices ) : -

 कम्प्यूटर को सूचनाएं देने के लिए और आउटपुट लेने के लिए जिन उपकरणों की सहायता ली जाती है वो इनपुट डिवाइस एवं जिन उपकरणों के द्वारा कम्प्यूटर से सूचनाएं हम प्राप्त करते हैं । उन्हें आउटपुट डिवाइस कहा जाता है । इनके कुछ उदाहरण निम्न प्रकार हैं 
 Fax Machine : - कम्प्यूटर के आधार पर ही कार्य करने वाली एक मशीन जो कि एक जगह से इमेज फाईल लेकर दूसरी जगह उनको प्रिंट कराती है । यह आदान प्रदान के लिए दूरसंचार प्रणाली का सहारा लेती है । 
Multifunctional Devices ( MFD ) : - एक ऐसा डिवाइस जिसके एक से अधिक उपयोग हो मल्टीफंक्शनल डिवाइस कहलाता है । 
जैसे - प्रिंटर में प्रिंटर , स्कैनर , कॉपीयर , फैक्स आदि का एक साथ होना । 
Modem : - मॉडम एक ऐसा डिवाइस है जो कि टेलिफोन लाइन के डाटा को कम्प्यूटर संचार प्रणाली में इनपुट एवं आउटपुट डेटा की जगह काम लेने योग्य बनाता है ।

हार्डवेयर के अन्य पार्ट ( Hardware parts) 

Trackball, Joystick, Graphic Tablets , Midi device, Bar code reader, Microphone, Web Cam, head phone etc



Releted notes 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Recovery technique in dbms । रिकवरी। recovery in hindi

 आज हम Recovery facilities in DBMS (रिकवरी)   के बारे मे जानेगे रिकवरी क्या होता है? और ये रिकवरी कितने प्रकार की होती है? तो चलिए शुरु करतेे हैं- Recovery in hindi( रिकवरी) :- यदि किसी सिस्टम का Data Base क्रैश हो जाये तो उस Data को पुनः उसी रूप में वापस लाने अर्थात् उसे restore करने को ही रिकवरी कहा जाता है ।  recovery technique(रिकवरी तकनीक):- यदि Data Base पुनः पुरानी स्थिति में ना आए तो आखिर में जिस स्थिति में भी आए उसे उसी स्थिति में restore किया जाता है । अतः रिकवरी का प्रयोग Data Base को पुनः पूर्व की स्थिति में लाने के लिये किया जाता है ताकि Data Base की सामान्य कार्यविधि बनी रहे ।  डेटा की रिकवरी करने के लिये यह आवश्यक है कि DBA के द्वारा समूह समय पर नया Data आने पर तुरन्त उसका Backup लेना चाहिए , तथा अपने Backup को समय - समय पर update करते रहना चाहिए । यह बैकअप DBA ( database administrator ) के द्वारा लगातार लिया जाना चाहिए तथा Data Base क्रैश होने पर इसे क्रमानुसार पुनः रिस्टोर कर देना चाहिए Types of recovery (  रिकवरी के प्रकार ):- 1. Log Based Recovery 2. Shadow pag

method for handling deadlock in hindi

आज हम  computer course in hindi  मे हम   method for handling deadlock in hindi  के बारे में जानकारी देते क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- method for handling deadlock in hindi:- deadlock  को बचाने या हटाने के लिये हमें protocol  का प्रयोग करना पड़ सकता है और जब हम यह fixed कर लें कि सिस्टम को deadlock की state में नहीं जायेगा । हम सिस्टम को deadlock की state में पहचान करने एवं recover करने के लिए जाने दे सकते है । हम सारी परेशनियों को एक साथ हटा सकते हैं , और सिस्टम में फिर दुबारा से deadlock मौजूद नहीं होगा । यह solution कई ऑपरेटिंग सिस्टम एवं UNIX के द्वारा use में लिया जाता है , यह fix करने के लिये कि deadlock कभी नहीं होगा , सिस्टम को या तो  deadlock  बचाव scheme का use करना पड़ेगा या फिर deadlock को हटाने की scheme का use करना पड़ेगा । एक methods का set है जो यह fix करता है कि स्थिति में से एक को sald नहीं किया जा सकता । यह method को रोकते हैं Constraining के द्वारा resource की जरूरत पड़ती है । दूसरी तरफ , deadlock को हटाने की जरूरत पड़ती है ऑपरेटिंग सिस्टम की advanced addition