Computer ka introduction and history of computer in hindi me (सूचना प्रौद्योगिकी एवं कंप्यूटर एक परिचय)
कॉम्पुटर आज हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है । वैसे तो भारत में कॉम्पुटर का प्रचलन सन् 1980 के दशक में आरंभ हुआ था । तब बहुत ही कम लोग इसका प्रयोग जानते थे , परंतु दिन - प्रतिदिन कंप्यूटर का विकास होता रहा और इसकी उपयोगिता बढ़ती गई । साथ ही इसे प्रयोग करना आसान हो गया , जिस कारण यह जल्दी ही सभी क्षेत्रों में आवश्यक टूल की तरह प्रयोग किया जाने लगा । हमारी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति करनेवाली यह मशीन दिन - प्रतिदिन विकसित होती जा रही है और अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार कर रही है । यदि किसी व्यक्ति के पास इंटरनेट और मल्टीमीडिया - युक्त कंप्यूटर है तो उसे घड़ी , कैलेंडर , टेप रिकॉर्डर , रेडियो , टेलीविजन , वी.सी.आर. , सी.डी. प्लेयर , टाइपराइटर आदि खरीदने की आवश्यकता नहीं , क्योंकि इनके कार्य कंप्यूटर पर किए जा सकते हैं । कंप्यूटर में कृत्रिम बुद्धि होती है , जिसके आधार पर वह किसी बात को याद रखने , कैलकुलेशन का परिणाम देने और तर्क - वितर्क द्वारा सोच विचारकर समस्या का समाधान करने में उपयोगी है । कंप्यूटर की कृत्रिम बुद्धि को प्रोग्राम कहते हैं , जिसके आधार पर ही कंप्यूटर कार्य करता है । कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है , जिसमें हम ' रॉ - डेटा ' देकर उसे ' Program ' के नियंत्रण द्वारा ' Meaningful information '8 में बदल सकते हैं । अब हमें यह जानना होगा कि raw data , program और computer ki Meaningful information क्या है ?
रॉ - डेटा (raw data):-
कंप्यूटर को दिए जाने वाले इनपुट raw data कहलाते हैं । उदाहरण के लिए , यदि आप बिजली का बिल बनाना चाहते हैं तो उपभोक्ता का नाम , पता , खर्च की गई बिजली की यूनिट एवं अवधि raw data के रूप में कंप्यूटर को देने होंगे । आधुनिक कंप्यूटर में डेटा शब्दों में ही नहीं , बल्कि आवाज , चित्र , चलचित्र , वीडियो आदि किसी भी रूप में दिया जा सकता है अर्थात् जिस तरह हम समाचार - पत्र पढ़कर , रेडियो पर समाचार सुनकर या टेलीविजन पर घटनाओं का वीडियो देखकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और उसे अपने मन - मस्तिष्क से एडिट करके दूसरों को बता सकते हैं , वैसे ही कंप्यूटर भी नाना प्रकार से मिलने वाले इनपुट को प्राप्त करके प्रोसेस कर सकता है और मनचाहे रूप में उससे परिणाम प्राप्त किया जा सकता है ।
introduction to computer program:-
निर्देशों के क्रमबद्ध समूह को Program कहते हैं । कंप्यूटर में प्राकृतिक बुद्धि नहीं होती है । कंप्यूटर एक कृत्रिम मशीन है । यह केवल विद्युत् संकेतों और स्विचों की ऑन - ऑफ अवस्थाओं को समझ पाता है । कंप्यूटर को क्या काम करना है और वह कैसे किया जाएगा , यह निर्देश कंप्यूटर की विशेष भाषाओं (Programming language ) में लिखकर देने होते हैं । कार्य के प्रत्येक स्टेप को बहुत ही स्पष्ट करते हुए क्रमबद्ध करके लिखा जाता है , ताकि कंप्यूटर उस प्रोग्राम में दिए गए प्रत्येक स्टेप को बारी - बारी से समझते हुए उसका अनुपालन कर सके । कंप्यूटर को दिए जानेवाले निर्देशों के इस समूह को ही program कहते हैं ।
Introduction to Meaningful information ( कंप्यूटर की जानकारी ) :-
कंप्यूटर द्वारा डेटा प्रोसेसिंग के बाद जो जानकारी प्राप्त होती है उसे meaningful information कहते हैं । उदाहरण के लिए , यदि आप बिजली का बिल तैयार कर रहे हैं तो मीटर रीडिंग के आधार पर खर्च की गई यूनिट कैलकुलेट करके बिल , जिसे प्रिंट किया जाता है , वही मीनिंगफुल इन्फॉर्मेशन है ।
Introduction to personal computer (कंप्यूटर की जानकारी ):-
Personal computer , जिसे पी.सी. भी कहते हैं , सर्वाधिक प्रयोग होनेवाला कंप्यूटर है । पी.सी. में लगने वाले प्रमुख कंपोनेंट , जिसे माइक्रोप्रोसेसर कहते हैं , उसके नाम और ब्रांड के आधार पर कंप्यूटर को पेंटिअम- I , पेंटिअम- II , पेंटिअम- III , पेंटिअम- IV आदि नामों से भी पुकारा जाता है ।
introduction to computer maintenance :-
maintenance आइए , अब इस कंप्यूटर के भागों की जानकारी प्राप्त करें । Personal computer के प्रमुख चार भाग होते हैं -
1. Computer keyboard introduction
2. computer mouse introduction
3. computer System Unit or CPU introduction
4. computer monitor introduction
2. computer mouse introduction
3. computer System Unit or CPU introduction
4. computer monitor introduction
1. computer keyboard introduction :-
keyboard defination:- keyboard computer की प्रमुख Input device है । कंप्यूटर में टाइप करके text के रुप में डेटा देने के लिए keyboard का प्रयोग किया जाता है । यदि keyboard ठीक काम नहीं करता है तो कंप्यूटर कार्य करने हेतु तैयार नहीं होता और error message दिखाता है । Keyboard पर उपस्थित पुश बटन को key कहते हैं । प्रत्येक ' key'दबाकर आप एक भिन्न प्रकार का अक्षर या कमांड टाइप कर सकते हैं ।
2. computer mouse introduction:-
Mouse एक Input device है , जो स्क्रीन पर ग्राफिकल इमेज या मेन्यू को डायरेक्ट चुनकर प्रयोग करने में सहायक है । यह वीडियो गेम खेलने के लिए प्रयोग होने वाली Joy Stick की तरह ही स्क्रीन पर डायरेक्ट मूवमेंट करवाता है।
3. computer System Unit introduction:-
System unit ही मुख्य कंप्यूटर है । system unit को C.P.U. नाम से भी पुकारा जाता है । बॉक्स रूपी यह कंप्यूटर का प्रमुख भाग है । कंप्यूटर में होनेवाले सभी कार्य जैसे memory storage, calculation, processing आदि इसी सिस्टम यूनिट में किए जाते हैं । सिस्टम यूनिट के प्रमुख भीतरी भाग इस प्रकार हैं-
1. Motherboard
2. Microprocessors
3. Memorychip
4. Hard disk
5. C. D. ROM
6. Moniter
1. Motherboard:-
Motherboard कंप्यूटर का मुख्य सर्किट बोर्ड है । ,microprocessors memory(RAM) चिप एवं अन्य सभी कंपोनेंट्स इसी बोर्ड में लगे होते हैं । Input और Output के लिए Key board और मॉनीटर के एडॉप्टर को भी इसी पर जोडा जाता है ।
2. Microprocessors:-
3. Memorychip
4. Hard disk
5. C. D. ROM
6. Moniter
1. Motherboard:-
Motherboard कंप्यूटर का मुख्य सर्किट बोर्ड है । ,microprocessors memory(RAM) चिप एवं अन्य सभी कंपोनेंट्स इसी बोर्ड में लगे होते हैं । Input और Output के लिए Key board और मॉनीटर के एडॉप्टर को भी इसी पर जोडा जाता है ।
2. Microprocessors:-
यह computer की प्रमुख चिप होती है । microprocessors ही कंप्यूटर का मस्तिष्क होता है । कंप्यूटर की कार्यक्षमता microprocessors पर ही निर्भर करती है । आजकल pentium 4 और dual core microprocessors सर्वाधिक प्रचलित हैं ।
3. Memory chip:-
Memory chip या RAM computer में दिए गए Input और कार्य के समय प्रयोग होने वाले प्रोग्राम को रखने के लिए स्थान प्रदान करती है । आजकल 2 गीगाबाइट से 4 गीगाबाइट तक मेमोरी का चलन है ।
8 बिट = 1 बाइट ,
1024 बाइट = 1 किलोबाइट ,
1024 किलोबाइट = 1 मेगाबाइट ,
1024 मेगाबाइट = 1 गीगाबाइट ।
4. Hard disk:-
Hard disk कंप्यूटर की परमानेंट स्टोरेज डिवाइस है । hard disk में स्टोर किए गए program को कंप्यूटर पर कार्य करते समय किसी भी समय वर्किंग मेमोरी पर लेकर प्रयोग किया जा सकता है । hard disk की स्टोरेज क्षमता बहुत अधिक होती है , अतः इस पर Read - Write का कार्य भी तीव्र गति से होता है । आजकल 80 गीगाबाइट ( GB ) से 1000 गीगाबाइट तक क्षमता की hard disk का प्रचलन है ।
1024 मेगाबाइट = 1 गीगाबाइट ।
5. C.D. Rom:-
'Compact disk read only memory' कंप्यूटर की स्टोरेज डिवाइस है । इसमें कॉम्पैक्ट डिस्क ( CD ) को लगाकर इसके डेटा या प्रोग्राम को तो read करते ही हैं , इसके अतिरिक्त ड्राइव में म्यूजिक या वीडियो CD को भी लगाकर Play किया जा सकता है।
6. Moniter:-
Monitor कंप्यूटर की अपेक्षा प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखता है और उसकी रिपोर्ट हमें स्क्रीन पर देता रहता है । कंप्यूटर में होनेवाली सभी घटनाओं और इनपुट व आउटपुट को वीडियो के रूप में स्क्रीन पर देखने के लिए monitor का प्रयोग किया जाता है।
Computer hardware and software introduction:-
1. Introduction to computer hardware :-
Hardware computer के सभी भौतिक भाग , जिन्हें आप देख सकते हैं और स्पर्श कर सकते हैं , hardware कहलाते हैं ; जैसे Key board , moniter , systemunit , mouse , Printer , hard disk , floppy drive , microprocessors एवं अन्य components chip और mother board हैं ।
2. Introduction to computer Software:-
Computer के वे सभी भाग जो अदृश्य रहकर काम करते हैं , software कहलाते हैं । सामान्यतः कंप्यूटर को दिए जाने वाले प्रोग्राम्स के समूह Software कहलाते हैं ।
Use of computer in various fields ( कॉम्पुटर का उपयोग ):-
आज के आधुनिक समाज में कंप्यूटर का बहुत बड़ा योगदान है । शायद ही कोई क्षेत्र होगा , जहाँ कंप्यूटर महत्त्वपूर्ण भूमिका न निभाता हो । लगभग सभी सरकारी , अर्धसरकारी एवं प्राइवेट संस्थानों में कंप्यूटर का खूब प्रयोग हो रहा है ।
1. Bank:-
बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थानों में कंप्यूटर का प्रयोग खाते रखने के लिए किया जाता है । हजारों व्यक्तियों के खातों का ब्यौरा मोटे - मोटे लैजर में ढूँढ़ना असुविधाजनक होता था एवं इसमें समय भी बहुत लगता था , परंतु कंप्यूटर में केवल किसी व्यक्ति का एकाउंट नंबर टाइप करके एक बटन दबाकर उसका संपूर्ण ब्यौरा पलक झपकते ही प्राप्त किया जा सकता है । आजकल बैंकों को Network के माध्यम से जोड़कर ग्राहकों को किसी भी शाखा से धन जमा कराने और ATM से भुगतान प्राप्त करने की सुविधा दी जा रही है ।
2. शिक्षा:-
स्कूलों में गणित , विज्ञान और भूगोल जैसे विषय पढ़ाने हेतु कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है । इसका प्रमुख लाभ यह है कि टीचर को बार - बार रेखाचित्रों व मानचित्रों को बोर्ड पर बनाने और मिटाने की आवश्यकता नहीं पड़ती , बल्कि कंप्यूटर पर बनाए रेखाचित्रों और मानचित्रों को मात्र एक बटन दबाकर स्क्रीन पर दिखाया जाता है और उसको रंगों आदि के प्रयोग से स्पष्ट करते हुए आसानी से पढ़ाया व समझाया जाता है ।
3. Hospital:-
हॉस्पिटल की सर्जिकल मशीनों को कंप्यूटर से जोड़कर ऑपरेशन जैसी गतिविधियाँ करना हॉस्पिटल का प्रमुख कार्य होता है । इसका एक उदाहरण आँख की जाँच करनेवाली मशीन है , जो कंप्यूटर द्वारा संचालित होती है । मरीजों का रिकॉर्ड रखना भी कंप्यूटर का एक आवश्यक कार्य है ।
4. Engineering bridge:-
मकान , गाड़ियाँ आदि बनाने से पहले उनका तकनीकी डिजाइन बनाया जाता है । यह कार्य पहले इंजीनियर कागज पर करते थे और डिजाइन में किसी भी प्रकार का बदलाव करने के लिए पूरे डिजाइन को दोबारा बनाना पड़ता था । आजकल कंप्यूटर पर इंजीनियरिंग डिजाइन बनाने के लिए Software उपलब्ध हैं , जो मात्र कुछ डेटा Input करने पर स्वतः ही डिजाइन बना देते हैं । इनको अपनी आवश्यकता के अनुसार बदलाव करके अंतिम रूप दिया जा सकता है । डिजाइन में चाहे जितने बदलाव करें , पूरी डिजाइन को मिटाने और दोबारा बनाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है ।
5. Office:-
ऑफिस में लेटर टाइप करने और प्रिंट निकालकर भेजने के अतिरिक्त कर्मचारियों के वेतन का हिसाब करने जैसे कार्य कंप्यूटर द्वारा किए जाते हैं । इंटरनेट के माध्यम से ई - मेल द्वारा संदेश भेज सकते हैं , फैक्स का कार्य भी कंप्यूटर से किया जाता है ।
6. दूरसंचार:-
कंप्यूटर ने देश - विदेश में बैठे व्यक्तियों के साथ बातचीत करना और वस्तुओं का क्रय - विक्रय इतना आसान बना दिया है , जैसे एक ही छोटे शहर या गाँव के व्यक्तियों के लिए आपस में क्रय - विक्रय आसान होता है । इस सिस्टम को ' ग्लोबल विलेज ' नाम दिया गया है । इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटर के माध्यम से आप बिना STD या ISD का खर्च किए और समय की परवाह किए बिना ही लंबी बातचीत कर सकते हैं । देश - विदेश के व्यक्तियों को अपना मित्र बना सकते हैं और अपने विचारों का आदान - प्रदान कर सकते हैं।
7. उद्योग:-
उद्योग जगत् में विशेष प्रकार के कंप्यूटर प्रयोग किए जाते हैं , जो आउटपुट को शब्दों या अक्षरों में नहीं , बल्कि विद्युत् सिग्नलों के रूप में देते हैं , जिनके आधार पर मशीनों को नियंत्रित और संचालित किया जाता है । रासायनिक कार्यशालाओं और ऐसे ही अन्य खतरनाक क्षेत्रों में , जहाँ मनुष्य की जान को खतरा हो सकता है , कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित स्वचालित मशीनों का प्रयोग किया जाता है ।
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