सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Featured Post

Depth Buffer Algorithm

codd's rule in rdbms in hindi - रिलेशनल डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम

 आज हम रिलेशनल डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (rdbms in hindi)  के अन्दर codd's rule in rdbms in hindi के ef codd 12 rules के बारे मे जानेगे क्या होता है तो चलिए शुरु करते हैंं:-

codd's rule in rdbms in hindi:-

0. Relational Capability :-

इस नियम के अनुसार डेटाबेस में इतनी क्षमता होनी चाहिए कि वह अपने आप को manage कर सके अर्थात् वह स्वयं की देखरेख कर सके । एक रिलेशनल डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (rdbms in hindi)  में अपने डेटाबेस में संग्रहित डेटा / सूचना की देखरेख व उन्हें नियंत्रित करने के लिए अपनी रिलेश्नल क्षमताओं का उपयोग करने की क्षमता होनी चाहिए । डेटाबेस में यह सुविधा होनी चाहिए कि हम उससे क्वैरी कर सकें । 
यदि कोई डेटाबेस इस नियम को पास कर लेता है तभी उसे आगे के 12 नियमों के लिए जांचने योग्य समझा जाता है ।

1. Information Rule :-

इस नियम के according एक रिलेशनल डेटाबेस में सूचना (information ) हमेशा एक ही format में की जानी चाहिए और वह format  table format है । अर्थात् सूचना या डेटा का प्रवेश ( insertion ) भी  table format में होना चाहिए तथा  retrieve भी इसी format में होनी चाहिए ।

2. Guaranteed Access Rule :-

इस नियम के अनुसार रिलेशनल डेटाबेस में सारे डेटा इस प्रकार संग्रहित किया जाए कि आवश्यकता पड़ने पर सम्पूर्ण डेटा को पुनः प्राप्त किया जा सके । यदि user प्राइमेरी क़ी के साथ किसी भी column की मांग करता है तो उसे ज़रूर कुछ न कुछ आउटपुट अवश्य ही मिलना चाहिए , क्योंकि प्राइमेरी - की वाले कॉलम में null नहीं हो सकते इसलिए कुछ न कुछ आउटपुट तो प्राप्त होगा ही । 

3. Systematic Treatment of Nulls :-

इस नियम के अनुसार प्रत्येक रिलेशनल डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (rdbms in hindi)  में NULLs तो allowed होते हैं परन्तु डेटा । पुनः प्राप्ति ( retrieve ) के समय या तो अस्थायी रूप से उन्हें वहां से हटा देना चाहिए या फिर उनकी जगह कुछ ऐसी वैल्यू डाल देनी चाहिए जिससे आउटपुट पर कोई विपरीत प्रभाव ना पड़े । रिलेशनल डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (rdbms in hindi) में null वैल्यू को प्रदर्शित करने के लिए स्थायी विधि होती है । null को यदि गणित्तिय एक्सप्रेशन में प्रयोग किया जाता है तो उसका परिणाम भी null ही होता है ।

4.Data Catalog Rule:-

 रिलेशनल डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (rdbms in hindi)  का विवरण भी सामान्य डेटा की भांति ही प्रदर्शित किया जाता है । अत : रिलेशनल डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (rdbms in hindi)  की सभी सुविधाओं का उपयोग डेटा व डेटा के विवरण दोनों के लिए किया जाता है । इस नियम के according कोई ऐसा तरीका होना चाहिए जिससे डेटाबेस के डेन को describe किया जा सके । और वह डेटा सभी user के लिए उपलब्ध भी हो । user क्वैरी के माध्यम से ही डेटा या उसके स्ट्रक्चर को देख सकें ऐसी सुविधा भी होनी चाहिए।

5. Comprehensive Data Sublanguage Rule:-

रिलेशनल डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (rdbms in hindi)  के द्वारा डेटाबेस को परिभाषित करने व उसे पुनः प्राप्त ( retrieve ) करने के लिए अनेक language का प्रयोग किया जाता है । इस नियम के अनुसार रिलेशनल डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम  के द्वारा कम से कम एक रिलेशनल लैंग्वेज को support किया जाना चाहिए । RDBMS in hindi की यह language user के समझ में आने वाली भाषा में ही होनी चाहिए ताकि user आसानी से डेटाबेस को define कर सके , आवश्यकता पड़ने पर डेटा को प्राप्त कर सके तथा डेटा में कुछ आवश्यक परिवर्तन भी कर सके । 

6. View Updation Rule :-

कोई भी view जिसे theoretically रूप से update किया जा सकता है वह सिस्टम के द्वारा भी updatable होना चाहिए।

7. High - Level DML Language:-

 इस नियम के अनुसार DML स्टेटमेन्ट इतना शक्तिशाली होना चाहिए कि वह एक ही स्टेटमेन्ट के द्वारा एक से अधिक रिकॉर्ड्स पर कार्य कर सके । एक रिलेश्नल डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम में DML language के अन्तर्गत insert . update व delete को support किया जाना चाहिए । 

8. Physical Data Independence :-

डेटाबेस के अन्तर्गत डेटा physical level पर संग्रहित ( store ) होता है । इस लेवल पर संग्रहित डेटा पूर्ण रूप से स्वतंत्र होना चाहिए , अर्थात् यदि डेटा के संग्रहण विधि ( storage method ) में यदि कोई बदलाव किया जा रहा है तो उसके लिए application level पर स्ट्रक्चर भी कोई बदलाव किया जाए यह आवश्यक न हो , जिससे user को कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े ।

9. Logical Data Independence:-

रिलेशनल डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (rdbms in hindi)  में इस नियम के अनुसार यदि किसी टेबल या व्यू में कोई भी logral परिवर्तन करना हो तो इसके लिए प्रोग्राम्स में परिवर्तन करने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए । टेबल में किसी फील्ड को हटाना , किसी नए फील्ड को जोड़ना या किसी फील्ड का size घटाया या बढ़ाना आदि परिवर्तनों को लॉजिकल परिवर्तन कहा जाता है । ऐसे परिवर्तन करने पर उस टेबल से सम्बन्धित बने हुए प्रोग्राम्स में परिवर्तन करने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए ।

10. Integrity Rule :-

इस नियम के अनुसार प्रत्येक रिलेशनल डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (rdbms in hindi) में integrity को जांचने की योग्यता होनी ही चाहिए । टेबल या व्यू की definition की तरह ही integrity constraints भी catalog में ही संग्रहित होने चाहिए । यदि किसी integrity में परिवर्तन करना हो तो बिना एप्लीकेशन प्रोग्राम में परिवर्तन के इनमें परिवर्तन करना सम्भव होना चाहिए । 

11. Distribution Independence :-

जब डेटा नेटवर्क पर होता है तो उस डेटाबेस में विभिन्न प्रयोगकर्ता कार्य करते हैं । समस्त प्रयोगकर्ताओं को पूर्ण डेटाबेस ना देकर उन्हें उनके कार्य के अनुसार डेटाबेस का उतना दिया जाता है । डेटाबेस का यह distribution पूर्ण रूप से स्वतंत्र तथा डेटाबेस के प्रयोगकर्ताओं से छिपा होना चाहिए ।

12. Nonsubversion Rule :-

यदि डेटाबेस से रिकॉर्ड प्राप्त ( access ) करने के लिए कोई इन्टरफेस या क्वैरी लैंग्वेज प्रदान की जा रही है तो वह डेटाबेस में लगी हुई इन्टीग्रिटी व सुरक्षा के अनुरूप ही कार्य करनी चाहिए , अर्थात् उसके द्वारा इन्टीग्रिटी के अनुरूप ही रिकॉर्ड्स उपलब्ध कराने चाहिए ।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ms excel functions in hindi

  आज हम  computer in hindi  मे ms excel functions in hindi(एमएस एक्सेल में फंक्शन क्या है)   -   Ms-excel tutorial in hindi   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- ms excel functions in hindi (एमएस एक्सेल में फंक्शन क्या है):- वर्कशीट में लिखी हुई संख्याओं पर फॉर्मूलों की सहायता से विभिन्न प्रकार की गणनाएँ की जा सकती हैं , जैसे — जोड़ना , घटाना , गुणा करना , भाग देना आदि । Function Excel में पहले से तैयार ऐसे फॉर्मूले हैं जिनकी सहायता से हम जटिल व लम्बी गणनाएँ आसानी से कर सकते हैं । Cell Reference में हमने यह समझा था कि फॉर्मूलों में हम जिन cells को काम में लेना चाहते हैं उनमें लिखी वास्तविक संख्या की जगह सरलता के लिए हम उन सैलों के Address की रेन्ज का उपयोग करते हैं । अत : सैल एड्रेस की रेन्ज के बारे में भी जानकारी होना आवश्यक होता है । सैल एड्रेस से आशय सैल के एक समूह या श्रृंखला से है । यदि हम किसी गणना के लिए B1 से लेकर  F1  सैल को काम में लेना चाहते हैं तो इसके लिए हम सैल B1 , C1 , D1 , E1 व FI को टाइप करें या इसे सैल Address की श्रेणी के रूप में B1:F1 टाइ

window accessories kya hai

  आज हम  computer in hindi  मे window accessories kya hai (एसेसरीज क्या है)   -   Ms-windows tutorial in hindi   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- window accessories kya hai (एसेसरीज क्या है)  :- Microsoft Windows  कुछ विशेष कार्यों के लिए छोटे - छोटे प्रोग्राम प्रदान करता है इन्हें विण्डो एप्लेट्स ( Window Applets ) कहा जाता है । उनमें से कुछ प्रोग्राम उन ( Gadgets ) गेजेट्स की तरह के हो सकते हैं जिन्हें हम अपनी टेबल पर रखे हुए रहते हैं । कुछ प्रोग्राम पूर्ण अनुप्रयोग प्रोग्रामों का सीमित संस्करण होते हैं । Windows में ये प्रोग्राम Accessories Group में से प्राप्त किये जा सकते हैं । Accessories में उपलब्ध मुख्य प्रोग्रामों को काम में लेकर हम अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कार्यों को सम्पन्न कर सकते हैं ।  structure of window accessories:- Start → Program Accessories पर click Types of accessories in hindi:- ( 1 ) Entertainment :-   Windows Accessories  के Entertainment Group Media Player , Sound Recorder , CD Player a Windows Media Player आदि प्रोग्राम्स उपलब्ध होते है

applet in java in hindi

  आज हम  computers  in hindi   मे   applet in java in hindi  (java programming in hindi)  -   Internet tools in hindi  के बारे में  जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-  Applet in java in hindi:- applet in java  के वे छोटे प्रोग्राम होते हैं जो इन्टरनेट प्रोग्रामिंग में काम में लिए जाते हैं । यह  applet  एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर पर भेजे जा सकते हैं , तथा फिर इन्हें किसी भी वेब ब्राउज़र या एप्लेट व्यूअर द्वारा रन कराया जा सकता है ।  एक  applet  किसी एप्लीकेशन प्रोग्राम की तरह कई कार्य कर सकता है , जैसे गणितिय गणनाएं करना , ग्राफिक्स प्रदर्शित करना , साउंड का प्रयोग करना , यूजर से इनपुट लेना आदि । life cycle applet in hindi :- 1. Born Or Initialization State  2. Running State  3. Idle State 4. Dead Or Destroyed State 1. Born Or Initialization State :- एक  applet  बोर्न स्टेट में तब आता है जब वह load होता है । किसी  applet  को लोड करने के लिए  applet  क्लास के init () मैथड का प्रयोग किया जाता है । आवश्यकता होने पर एप्लेट क्लास के init ( ) मैथड ओवरराईड किया जा सकता है -