आज हम ENTITY RELATIONSHIP MODEL के बारे मे जानेगे क्या होता है ये और इसके E-R DIAGRAM IN HINDI के बारे मे भी जानेगे तो चलिए शुरु करते हैं:-
E-R model in hindi (एंटिटी रिलेशनशिप मॉडल):-
ERD ( Entity Relationship Diagram ) के द्वारा हम यह प्रदर्शित करते हैं कि एक या एक से अधिक Entities आपस में किस प्रकार Related होती हैं । वास्तव में यह database का डिजाइनिंग टूल है जिसके द्वारा डेटाबेस के स्ट्रक्चर को ग्राफिकल रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है । इसमें विभिन्न entities , attributes व relations का समूह होता है ।
ERD को SAD ( System analysis and design ) के अन्तर्गत Software development cycle के अन्तर्गत तैयार किया जाता है । ERD एक तरह से सम्पूर्ण डेटाबेस का Blue print अर्थात् एक मॉडल होता है । Client के लिए नये डेटाबेस बनाने के लिये Developers ERD का Use करते हैं ।
इसे Normalization के द्वारा Follow किया जाता है | Normalization एक प्रक्रिया है जिसके अन्तर्गत जटिल ( Complex ) object model को बिना किसी Data हानि के आसान ( Simple ) data object model में बदला जाता है। ERD के तीन मुख्य Component होते हैं-
1. Entity in hindi
2. Relationship
3. Attributes
1. Entity in hindi : -
Entity एक ऐसा पहलू है जिसके अन्तर्गत कुछ सूचना रखी या लिखी जाती है । यह एक object के बराबर होती है । एक Entity set के अन्तर्गत दी गई Entity unique होनी चाहिए । Entity भी Entity set का एक भाग ही होती है । Entity की Information उसके attribute के द्वारा दी जाती है । Entity को चित्र के रूप में प्रदर्शित किया जायेगा।
2. Relationship:-
इसके अन्तर्गत दो या दो से अधिक Entities को आपस में Relate किया जाता है । कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में एक Entity को उसी के साथ Relate किया जाता है । इसको चित्र के रूप में प्रदर्शित किया जायेगा ।
3. Attributes in hindi:-
इसके अन्तर्गत Entity के बारे में Information होती है । एक Entity set में Attribute का नाम Unique होना चाहिए । Attribute के नाम को अंग्रेजी वर्णमाला के Small letters में लिखा जाता है ।
Types of Attributes in dbms in hindi:-
(i) Simple Attribute:-
इस प्रकार के एट्रीब्यूट एक साधारण एट्रीब्यूट होते हैं , जैसे कि sname , fees आदि । ERD में इन एट्रीब्यूट्स को एक ellips के द्वारा represent किया जाता है ।
(ii) Composite Attribute :-
इस प्रकार के एट्रीब्यूट्स एक से अधिक वैल्यू से मिलकर बनते हैं किन्तु ये उन वैल्यूज़ को मिलाकर उन्हें एक सिंगल वैल्यू की तरह represent करते हैं । जैसे कि date of birth ( date , month , year ) , ad dress ( H.No. , building name , Street , City , PIN ) आदि । इस प्रकार के एट्रीब्यूट्स को एक से अधिक ellipse के द्वारा represent किया जाता है ।
(iii) Derived Attribute :-
इस प्रकार के एट्रीब्यूट्स का मुख्य आधार कोई अन्य एट्रीब्यूट होता है । इसलिए इन एट्रीब्यूट्स को dependent एट्रीब्यूट्स भी कहा जाता है । जैसे कि age एट्रीब्यूट date of birth एट्रीब्यूट पर निर्भर करता है । Tax एट्रीब्यूट salary एट्रीब्यूट पर निर्भर करता है । इस प्रकार के एट्रीब्यूट्स को dotted ellipse के द्वारा represent किया जाता है ।
(iv) Primary key Attributes:-
जिन एट्रीब्यूट्स को डेटाबेस में प्राइमेरी - की बनाया गया है , उन्हें प्राइमेरी - की एट्रीब्यूट कहा जाता है । ERD में इस प्रकार के एट्रीब्यूट्स को ellipse के द्वारा represent किया जाता है , परन्तु इन्हें underline किया जाता है ।
(V) Multi-value Attribute:-
इस प्रकार के एट्रीब्यूट्स में एक से अधिक वैल्यूज़ का संग्रह होताहै । जैसे कि contact number आदि । इन्हें दो ellipse के द्वारा represent किया जाता है ।
EDR diagram:- (The various stages of creating an ERD are as follows)
1. सबसे पहले उन entities की पहचान की जा सकती है जिनके लिए ERD बनाया जाना है । इसमें यह भी ध्यान रखा जाता है कि entities के नाम समान नहीं होने चाहिए ।
2. Entity के प्रत्येक attribute की लिस्ट बनाई जाती है ।
3. Relations के लिए सर्वप्रथम primary key को चिन्हित किया जाता है तथा रिपीट होने वाले relations को हटाया जाता है ।
4. यह कार्य तब तक किया जाता है जब तक कि संतुष्टिपूर्ण ERD ना बन जाए ।
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