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What is LAN Manager ?(in hindi) - computer hindi

 आज हम computers in hindi मे LAN Manager के बारे मे जानेगे और उसके Features के बारे मे भी जानेगे क्या होता है तो चलिए शुरु करते हैं:-

LAN Manager in hindi (लैन मैनेजर):-

 लैन मैनेजर एक NOS ( Network operating system ) है । इसे मोइक्रोसॉफ्ट ने develop ( विकसित ) किया था । लैन मैनेजर के बहुत सारे versions माइक्रोसॉफ्ट ने develop ( विकसित ) किए हैं जिनमें सबसे latest version LAN manager 2.2 है । LAN manager OS / 2 पर आधारित सिस्टम है । यह मल्टीपल प्रोटोकॉल्स पर कार्य कर सकता है । यह Net BIOS व TCP / IP को सपोर्ट करता है । इसकी capability भी बहुत अधिक होती है । यदि क्लाईंट किसी अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम पर कार्य कर रहा है तथा सर्वर किसी अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम पर कार्य कर रहा है तो ऐसी अवस्था में लैन मैनेजर की आवश्यकता होती है । लैन मैनेजर windows के भी भिन्न - भिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम के मध्य communication कर सकता है ।

लैन मैनेजर की विशेषताएं ( Features of LAN Manager ):-

1. Concept of a Domain Name System 
2. Support for Multiprocessing 
3. Remote Access Service 
4. Scheduling of Program
5. Connection Between Procedure

(1) Concept of a Domain Name System :-

लैन मैनेजर के द्वारा विभिन्न सर्वर के ग्रुप बनाए जाते हैं । इससे user को अपना कार्य करने में आसानी होती है । वह आसानी से डेटा में आवश्यक  modification कर सकता है । यह तरीका सुरक्षित भी होता है । 

( 2 ) Support for Multiprocessing :-

प्रत्येक प्रोसेसर का अपना एक ऑपरेशन अथावा टास्क होता है यदि प्रोसेसर एक से अधिक व एक साथ काम करें तो उसे मल्टीप्रोसेसिंग कहा जाता है । लैन मैनेजर मल्टीप्रोसेसिंग व मल्टीटास्किंग को सपोर्ट करता है अर्थात एक से अधिक प्रोसेस को एक साथ कार्य करने सहायता प्रदान करता है।

( 3 ) Remote Access Service:-

 लैन मैनेजर की सहायता से user आसानी से सर्वर पर stored डेटा को एक्सेस कर सकता है । 

( 4 ) Scheduling of Program :-

लैन मैनेजर अलग - अलग techniques  का प्रयोग कर प्रोग्राम्स के मध्य scheduling आसानी से कर सकता है । इस scheduling की सहायता से ही प्रोसेस को क्रियान्वित execute किया जा सकता है । यह एक प्रकार का नेटिव प्रोटोकॉलस होता है जिसके द्वारा क्लाईंट और सर्वर जो कि भिन्न - भिन्न ट्रांस्पोर्ट प्रोटोकॉल पर कार्य करते हैं , उन्हें wide range में एक दूसरे के साथ connect किया जा सकता है ।

( 5 ) Connection Between Procedure :-

लैन मैनेजर के द्वारा named pipe का प्रयोग करके दो प्रोसीजर के मध्य सुविधा पूर्व कनैक्शन किया जा सकता है । अर्थात् एक pipe द्वारा दो प्रोसीजर  (separate computer ) के बीच आसानी से कनैक्शन किया जा सकता है जिससे कि डेटा स्थानान्तरित ( transfer ) आसानी से हो सके । यह एक लॉजिकल स्ट्रक्चर होता है इसके द्वारा API की सहायता से रिसोर्सेस को प्रत्येक प्रयोगकर्ता ( user ) के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है ।

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