what is server in hindi ? : सर्वर

आज हम computers in hindi मे  server in hindi (सर्वर क्या होता है?) और Types of server के बारे में जानेगे क्या होता है तो चलिए शुरु करते हैं:-

what is server in hindi (सर्वर क्या होता है?):-

नेटवर्क  में मुख्य कम्प्यूटर को सर्वर कहा जाता है क्योंकि यह नेटवर्क में जुड़े अन्य कम्प्यूटर्स ( Clients ) को उनकी आवश्यकता के अनुसार डेटा व सेवाएँ प्रदान करता है । मुख्य कम्प्यूटर अपने समस्त क्लाईंट्स को services प्रदान करता है इसलिए इसे सर्वर कहा जाता है । किसी सामान्य अथवा छोटे नेटवर्क में सर्वर एक ही होता है , किन्तु क्लाइन्ट एक से अधिक हो सकते हैं । 

Types of server in hindi (सर्वर के प्रकार):-

सर्वर को मुख्यतः दो प्रकार से विभाजित किया गया है ।
1. On the basis of Utilization
2. On the basis of size

(1) On the basis of Utilization:-

1. Application Server in hindi :-

इस सर्वर का प्रयोग नेटवर्क पर उपस्थित सभी एप्लीकेशन सॉफ्टवेेयर को एक ही स्थान पर store करने के लिए किया जाता है । तथा उस एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को नेटवर्क में सर्वर के द्वारा रने करवाया जा सकता है । नेटवर्क में किसी क्लाईंट कम्प्यूटर के द्वारा request भेजने पर सर्वर उसे वह एप्लीकेशन उपलब्ध कराता है ।

2. File server in hindi :-

इस सर्वर का प्रयोग user की समस्त फाईलों को एक ही स्थान पर ( centrally ) store करने के लिए किया जाता है । अर्थात् user की सभी फाईलों को भिन्न - भिन्न क्लाईंट मशीन पर store करने के बजाए एक की सैंट्रल मशीन पर store कर दिया जाता है । जब क्लाईंट किसी फाईल को एक्सेस करने के लिए सर्वर को request भेजता है तब क्लाईंट को वह फाईल उपलब्ध करवा दी जाती है ।

3. Data Server :-

इस सर्वर का कार्य डेटा को संग्रहित करने तथा उसे मैनेज करना होता है । यह एप्लीकेशन लॉजिकल प्रोसेसर के स्थान पर कुछ  rule based processing करता है जैसे कि डेटा वैलिडेशन।
 डेटा वैलिडेशन डेटा मैनेजमेन्ट का ही एक हिस्सा है । बहुत ज़्यादा डेटा हो जाने पर डेटा सर्वर सचिंग एल्गोरिद्म का प्रयोग करके टेबल्स को frequently update करता है । इन टेबल्स को update करने व डेटा को मैनेज करने के लिए उच्च मैमोरी , हार्डडिस्क तथा तीव्र गति वाले प्रोसेसर की आवश्यकता पड़ती है ।

4. Computer Server in hindi:-

यह सर्वर क्लाईंट के द्वारा भेजी गई डेटा प्रोसेसिंग की request को प्राप्त करता है । फिर सर्वर उस request को डेटा सर्वर के पास भेजता है । पुन : यह सर्वर डेटा सर्वर से इसका result प्राप्त करता है । जब डेटा सर्वर से result प्राप्त हो जाता है तब कम्प्यूटर सर्वर उस result पर एप्लीकेशन लॉजिक को perform करके उसे क्लाईंट को भेज देता है । इन सभी कार्यों के लिए कम्प्यूटर सर्वर को high processor की आवश्यकता होती है ।

5. Database Server in hindi:-

इस प्रकार के सर्वर वाले नेटवर्क में क्लाईंट अपनी request SQL ( structured query language ) के द्वारा सर्वर को भेजता है , डेटाबेस सर्वर उस request को एक्सेप्ट करता है तथा उसके अनुसार ही परिणाम या डेटा को उस क्लाईंट को भेजता है । डेटाबेस सर्वर का निर्माण डेटा सर्वर व कम्प्यूटर सर्वर को मिलाकर किया गया है । अर्थात् डेटा सर्वर व कम्प्यूटर सर्वर का combination डेटाबेस सर्वर होता है । डेटाबेस सर्वर Scheduling , locking management आदि तकनीकों का प्रयोग करता है ।

6. Web Server in hindi / Communication Server :-

वेब सर्वर डेटाबेस को CGI इन्टरफेस के द्वारा एक्सेस कर सकते हैं इसलिए वेब सर्वर को कम्यूनिकेशन सर्वर भी कहा जाता है । यह LAN ( local area network ) , साधारण नेटवर्क तथा अन्य कम्प्यूटर्स को गेटवे ( gateway ) प्रदान करते हैं । ये high speed communication line को मल्टीप्लैक्स करता है तथा प्रत्येक क्लाईंट कम्प्यूटर को उनकी मांग पर बैण्डविड्थ प्रदान करता है । इससे इसकी high quality का पता चलता है तथा यही इसका मुख्य लाभ है ।

(2) On the basis of size:-

1. Micro server :-

यह आकार में छोटा होता है । इस प्रकार के सर्वर एक मेज़ पर रखा जा सकता है । इसका आकार छोटा होने के कारण इसे माइक्रो सर्वर कहा जाता है । प्रारम्भ में इनकी volatile memory अर्थात् RAM ( random access memory ) 16 MB होती थी जो कि अब IGB से 4GB तक होती है । माइक्रो सर्वर में प्रारम्भ में intel 486 chip का प्रयोग किया जाता था जो कि 33 MHz फ्रीक्वेन्सी पर कार्य करता था परन्तु वर्तमान में 2.0 GHz से 3.0 GHz तक की फ्रीक्वेन्सी पर कार्य करने वाले intel chip या इससे अधिक गति वाली चिप का प्रयोग किया जाता है । 
अधिकतर LAN ( local area network ) ऑपरेटिंग सिस्टम मल्टीप्रोसेसिंग की सुविधा नहीं देते हैं , क्योंकि इनमें इसकी क्षमता नहीं होती है । माइक्रोसॉफ्ट का लैन मैनेजर फंक्शनल मल्टीप्रोसेसिंग को सपोर्ट करता है । कुछ ऑपरेटिंग सिस्टम symmetric मल्टीप्रोसेसिंग को सपोर्ट करते हैं । वर्तमान में dual core , 13 व IG तकनीक का प्रयोग हो रहा है जो कि 64 bit प्रोसेसिंग पर कार्य करते हैं । इनमें मल्टीप्रोसेसिंग की क्षमता अधिक होती है ।

2. Super Server :-

सुपर सर्वर की कार्य क्षमता माइक्रो सर्वर की तुलना में अधिक होती है । यह खास तौर से क्लाईंट सर्वर आर्किटेक्चर के लिए बनाए गए हैं । इन सर्वर की खास बात यह है कि इनकी मैमोरी अधिक होती है इसीलिए इनकी कार्य करने की गति व कार्य करने की क्षमता भी अधिक होती है । इन्हें खास तौर की एप्लीकेशन के लिए प्रयोग किया जाता है । इसका मैमोरी आर्किटेक्चर भी अच्छा होता है तथा इसकी मैमोरी चिप अधिक तीव्र गति से कार्य करने वाली होती है तथा इसका मैमोरी मैनेजमेन्ट भी अच्छा होता है इसीलिए यह सर्वर डेटा को अधिक मात्रा में store करने में सक्षम होते हैं , इससे सर्वर की विश्वसनीयता बढ़ती है । मैमोरी के साथ - साथ इनकी इनपुट - आउटपुट की क्षमता भी अच्छी होती है । IBM server 295 , Compaq Systempro दो प्रसिद्ध सुपर सर्वर हैं ।






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