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database system structure in hindi - DBMS in hindi

 आज हम computers in hindi मे database system structure in hindi  के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-

database system structure in hindi:-

इसमे एक डाटाबेस सिस्टम कई Modules में विभाजित होता है , जो overload system विभिन्न जिम्मेदारियों से निपटते हैं और डाटाबेस सिस्टम के फंक्शनल कम्पोनेंट को मोटे तौर पर दो भागो मे स्टोरेज मैनेजर और क्वेरी प्रोसेसर कम्पोनेंट्स में बांटा जाता है।

1.स्टोरेज मैनेजर (Storage manager in hindi) :-

इसमे Corporate डाटाबेस को स्टोर करने के लिए बहुत बड़े स्टोरेज स्पेस की आवश्यकता होती है जो सैकड़ों गिगा बाईट से टेरा बाइट डाटा तक की हो सकती है और इसे मैनेज करने के लिए स्टोरेज मैनेजर की आवश्यकता होती है । आवश्यकता के अनुसार डाटा को डिस्क स्टोरेज और मेन मेमोरी के बीच मूव किया जाता है , क्योंकि कम्प्यूटर की मेन मेमोरी इतनी इंफॉर्मेशन स्टोर नहीं कर सकती है । इसमे स्टोरेज मैनेजर एक प्रोग्राम Module है , जो डाटाबेस में स्टोर किए low - level डाटा और सिस्टम को सबमिल किए एप्लीकेशन व डाटा के बीच इंटरफेज उपलब्ध कराता है और स्टोरेज मैनेजर , फाईल मैनेजर के साथ इंटरेक्शन के लिए जिम्मेदार है । एक फाईल सिस्टम का उपयोग करके कच्चा डाटा डिस्क पर स्टोर कर लिया जाता है और यह फाईल सिस्टम आमतौर पर कन्वेंशनल ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा उपलब्ध कराया जाता है । स्टोरेज मैनेजर विभिन्न DML स्टेटमेंट्स को low - level फाईल सिस्टम कमांड्स में ट्रांसलेट करता है और इस प्रकार स्टोरेज मैनेजर डाटाबेस में डाटा स्टोरिंग , री - ट्राईविंग और अपडेटिंग के लिए जिम्मेदार होता है । स्टोरेज मैनेजर कम्पोनेंट में ये हिस्से शामिल रहते हैं - इसमे ऑथोराईजेशन और इंटिग्रिटी मैनेजर व इंटिग्रिटी कंस्ट्रेन्स को टेस्ट करता है और डाटा को एक्सेस करने की यूजर्स की ऑथोरिटी चेक करता है । ट्रांजेक्शन मैनेजर यह सुनिश्चित करता है कि डाटाबेस कंसिस्टेंट ( करेक्ट ) अवस्था में रहे और फिर चाहे सिअम फेल्यूअर ही क्यों न हो जाए । वह यह भी देखता है कि एक साथ होने वाले ट्रांजेक्शन एक्जिक्यूशन बिना किसी संघर्ष के सम्पन्न हो जाए ।
इसमे फाईल मैनेजर , डिस्क स्टोरेज पर स्पेस एलोकेशन और डिस्क पर स्टोर की गई इंफॉर्मेशन को दिखाने के लिए उपयोग में लाए गए और डाटा स्ट्रक्चर को मैनेज करता है । इसमे बफर मैनेजर , डिस्क स्टोरेज से मेन मेमोरी में डाटा फेज करने और मेन मेमोरी में कौन - सा डाटा ( cache ) करना है और इसका निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार होता है । बफर मैनेजर डाटाबेस सिस्टम का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है , क्योंकि यह डाटाबेस को मेन मेमोरी के साईज से बड़े डाटा साईज को हैंडल करने योग्य बनाया है और स्टोरेज मैनेजर , फिजिकल सिस्टम इम्प्लीमेंटेशन के हिस्से के रूप में कई डाटा स्ट्रक्चर को अमल में लाता है -डाटा फाईल्स , जो डाटाबेस को ही स्टोर करती है और डाटा डिक्शनरी , जो डाटाबेस स्ट्रक्चर के बारे में मेटा डाटा स्टोर करती है , विशेषतौर से डाटाबेस की स्कीमा और इनडायसेस , ये ऐसे डाटा आयटम्स को फॉस्ट एक्सेस देते है , जिसमें कोई खास वेल्यूज होती हैं और स्टेटिस्टिकल डाटा , जो डाटाबेस के डाटा के बारे में सांख्यिकीय जानकारी स्टोर करती है ।

2. क्वेरी प्रोसेसर :-

 इसमे क्वेरी प्रोसेसर इस अर्थ में महत्वपूर्ण है , क्योंकि यह डाटाबेस सिस्टम को डाटा एक्सेस को सरल करता है। यह high level view व इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद करता है और हालांकि यह नॉन प्रोसिजरल लेंग्वेज में लिखी क्वेरीज और update की तीव्र प्रोसेसिंग लॉजिकल लेवल पर ऑपरेशन्स के कुशल सिक्वेंस के रूप में सामने आती है । क्वेरी प्रोसेसर कम्पोनेंट्स में ये शामिल होते हैं -
DDL इंटरप्रिटर जो DDL स्टेटमेंट्स की व्याख्या करता है और डाटा डिक्शनरी में डेफिनेशन रेकॉर्ड करता है । 
DML कम्पाईलर , यह DML स्टेटमेंट को क्वेरी लेंग्वेज में एक इवेल्यूलेशन प्लान में ट्रांसलेट करता है और जो ऐसी low-level इंस्ट्रक्शन का बना होता है , जिसे क्वेरी इवेल्यूएशन इंजन समझता है । किसी क्वेरी को आमतौर पर कितने भी इवेल्यूएशन प्लान में ट्रांसलेट किया जा सकता है , जिससे यह समान परिणाम देता है । DML कंपाईलर व क्वेरी ओप्टीमाईजेशन भी परफॉर्म करता है । अर्थात् यह सबसे कम कॉस्ट इवेल्यूएशन प्लान को उठाता है । इस क्वेरी इवेल्यूएशन इंजन , DML कम्पाईलर द्वारा पैदा की गई low-level इंस्ट्रक्षन्स को एक्जिक्यूट करता है ।

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