सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Featured Post

Depth Buffer Algorithm

internet and e commerce in hindi

 आज हम computers in hindi मे internet and e commerce in hindi - e commerce in hindi के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-

internet and e commerce in hindi:-

Internet in hindi:-

इन्टरनेट बहुत सारे कम्प्यूटरों एक जाल है । यह छोटे - छोटे नेटवकों का समूह है । इन्टरनेट Mutually कम्प्यूटर नेटवर्क की एक worldwide system है जो कि TCP/IP प्रोटोकॉल का प्रयोग करती है । इस system से एक ही समय पर करोड़ों कम्प्यूटर आपस में जुड़े हुए होते हैं तथा इसी के कारण सूचना का आदान प्रदान सम्भव होता है । इस तकनीक में इलैक्ट्रॉनिक , वायरलैस तथा ऑप्टीकल आदि different network technologies का प्रयोग किया जाता है ।

ई - कॉमर्स :-

ई - कॉमर्स एक ऐसा commercial लेन देन है , जिसमें buyer - seller आमने सामने ना होकर Electronic equipment अर्थात् कम्प्यूटर के द्वारा किसी वस्तु का Buy sell करते हैं । इसके लिए यह अतिआवश्यक है कि buyer seller के कम्प्यूटर इन्टरनेट या एक्स्ट्रानेट जैसे बड़े नेटवर्क से जुड़े हों । 
अन्य शब्दों में यह भी कहा जा सकता है कि ई - कॉमर्स एक ऐसी तकनीक है जिसके अन्तर्गत कम्यूनिकेशन व सूचना के आदान - प्रदान का प्रयोग किया जाता है । वास्तव में यह एक एप्लीकेशन होती है जो ट्रेडिंग करने वाले क्रेता विक्रेता के business purposes को भी पूरा करती है । इस एप्लीकेशन पर Online shopping , Online purchasing आदि की जा सकती है । इसमें buyer seller इन्टरनेट के द्वारा आपस में जुड़े होते हैं ।
व्यवसाय के कम्प्यूटरीकरण को भी ई - कॉमर्स कहा जा सकता है । जिसके अन्तर्गत सीधे किए जाने वाले Traditional business को कम्प्यूटर के द्वारा किया जाता है । इससे समय व धन दोनों की बचत होती है । ई - कॉमर्स एक फ्रेमवर्क है जिसमें सभी कम्प्यूटर्स एक बड़े कम्प्यूटर नेटवर्क से जुड़े होते हैं । जहाँ विक्रेता अपनी वस्तु की जानकारी विज्ञापन के माध्यम से देता है । buyer उस विज्ञापन को देखकर उस वस्तु की जानकारी प्राप्त करता है तथा आवश्यकतानुसार वह उस वस्तु को खरीदता है । 
ई - कॉमर्स के द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रोत्साहन मिला है । इसके कारण buyer seller चाहें अलग - अलग देश के हों वे आपस में व्यापार कर सकते हैं ।

relationship between internet and e-commerce:-

इन्टरनेट तथा ई - कॉमर्स के मध्य बहुत ही गहरा सम्बन्ध है । यह कहना उचिह ही होगा कि ये दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं । क्योंकि जहां ई कॉमर्स है वहां इन्टरनेट होगा ही होगा तथा जहां इन्टरनेट है वहां ई - कॉमर्स का उपयोग करना सम्भव होता है । बिना इन्टरनेट के ई - कॉमर्स सम्भव नहीं है तथा बिना ई - कॉमर्स के इन्टरनेट का कोई अन्य बहुत बड़ा उपयोग नहीं है । ई - बिजनेस , ई - ट्रांजेक्शन , ई - मनी , ई - शॉपिंग आदि के लिए इन्टरनेट तथा ई - कॉमर्स Application दोनों का होना अनिवार्य है । 

ई - कॉमर्स का आर्किटेक्चरल ढांचा ( फ्रेमवर्क ):-

ई - कॉमर्स के फ्रेमवर्क का उपयोग ई - कॉमर्स पर निर्भर Application को परिभाषित करने तथा बनाने के लिये किया जाता है । इसका उपयोग ई - व्यवसाय में होने वाले संचार को प्रोटोकॉल के माध्यम से विकसित करने में किया जाता है । इसकी निम्नलिखित 6 लेयर्स होती हैं-
1.Application Service Layer ( एप्लीकेशन सर्विस लेयर ) 
2. Database Management Layer ( डेटाबेस मैनेजमेन्ट लेयर ) 
3. Interface Layer ( इन्टरफेस लेयर ) 
4. Seeure Messaging Layer ( सिक्योर मैसेजिंग लेयर ) 
5. Documentation Layer ( डॉक्यूमेन्टेशन लेयर ) 
6. Network Interface Layer ( नेटवर्क इन्टरफेस लेयर )

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ms excel functions in hindi

  आज हम  computer in hindi  मे ms excel functions in hindi(एमएस एक्सेल में फंक्शन क्या है)   -   Ms-excel tutorial in hindi   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- ms excel functions in hindi (एमएस एक्सेल में फंक्शन क्या है):- वर्कशीट में लिखी हुई संख्याओं पर फॉर्मूलों की सहायता से विभिन्न प्रकार की गणनाएँ की जा सकती हैं , जैसे — जोड़ना , घटाना , गुणा करना , भाग देना आदि । Function Excel में पहले से तैयार ऐसे फॉर्मूले हैं जिनकी सहायता से हम जटिल व लम्बी गणनाएँ आसानी से कर सकते हैं । Cell Reference में हमने यह समझा था कि फॉर्मूलों में हम जिन cells को काम में लेना चाहते हैं उनमें लिखी वास्तविक संख्या की जगह सरलता के लिए हम उन सैलों के Address की रेन्ज का उपयोग करते हैं । अत : सैल एड्रेस की रेन्ज के बारे में भी जानकारी होना आवश्यक होता है । सैल एड्रेस से आशय सैल के एक समूह या श्रृंखला से है । यदि हम किसी गणना के लिए B1 से लेकर  F1  सैल को काम में लेना चाहते हैं तो इसके लिए हम सैल B1 , C1 , D1 , E1 व FI को टाइप करें या इसे सैल Address की श्रेणी के रूप में B1:F1 टाइ

window accessories kya hai

  आज हम  computer in hindi  मे window accessories kya hai (एसेसरीज क्या है)   -   Ms-windows tutorial in hindi   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- window accessories kya hai (एसेसरीज क्या है)  :- Microsoft Windows  कुछ विशेष कार्यों के लिए छोटे - छोटे प्रोग्राम प्रदान करता है इन्हें विण्डो एप्लेट्स ( Window Applets ) कहा जाता है । उनमें से कुछ प्रोग्राम उन ( Gadgets ) गेजेट्स की तरह के हो सकते हैं जिन्हें हम अपनी टेबल पर रखे हुए रहते हैं । कुछ प्रोग्राम पूर्ण अनुप्रयोग प्रोग्रामों का सीमित संस्करण होते हैं । Windows में ये प्रोग्राम Accessories Group में से प्राप्त किये जा सकते हैं । Accessories में उपलब्ध मुख्य प्रोग्रामों को काम में लेकर हम अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कार्यों को सम्पन्न कर सकते हैं ।  structure of window accessories:- Start → Program Accessories पर click Types of accessories in hindi:- ( 1 ) Entertainment :-   Windows Accessories  के Entertainment Group Media Player , Sound Recorder , CD Player a Windows Media Player आदि प्रोग्राम्स उपलब्ध होते है

applet in java in hindi

  आज हम  computers  in hindi   मे   applet in java in hindi  (java programming in hindi)  -   Internet tools in hindi  के बारे में  जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-  Applet in java in hindi:- applet in java  के वे छोटे प्रोग्राम होते हैं जो इन्टरनेट प्रोग्रामिंग में काम में लिए जाते हैं । यह  applet  एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर पर भेजे जा सकते हैं , तथा फिर इन्हें किसी भी वेब ब्राउज़र या एप्लेट व्यूअर द्वारा रन कराया जा सकता है ।  एक  applet  किसी एप्लीकेशन प्रोग्राम की तरह कई कार्य कर सकता है , जैसे गणितिय गणनाएं करना , ग्राफिक्स प्रदर्शित करना , साउंड का प्रयोग करना , यूजर से इनपुट लेना आदि । life cycle applet in hindi :- 1. Born Or Initialization State  2. Running State  3. Idle State 4. Dead Or Destroyed State 1. Born Or Initialization State :- एक  applet  बोर्न स्टेट में तब आता है जब वह load होता है । किसी  applet  को लोड करने के लिए  applet  क्लास के init () मैथड का प्रयोग किया जाता है । आवश्यकता होने पर एप्लेट क्लास के init ( ) मैथड ओवरराईड किया जा सकता है -