आज हम computers in hindi मे private network in hindi - computer network in hindi के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-
private network in hindi:-
इन्टरनेट एड्रेसिंग आर्किटेक्चर ( Internet addressing archictecture ) में , एक प्राइवेट नेटवर्क ( Private network ) जो कि प्राइवेट IP एड्रेस स्पेस ( Address space ) का प्रयोग करता है , वो RFC 1918 और RPC 4913 द्वारा सेट ( Set ) स्टैण्डर्डस ( Standards ) का अनुसरण ( Follow ) करते हैं । इन एड्रेसज ( Addresses ) का मुख्यतः घरों ( Home ) , व्यवसाय ( Business or offices ) और लोकल एरिया नेटवर्कस् ( Local area networks ) द्वारा प्रयोग होता है । इन एड्रेसज ( addresses ) को प्राइवेट ( Private ) कहा जाता है क्योंकि इन्हें ग्लोब्ली ( Globally ) प्रयोग में नहीं लिया जाता और कोई भी इन एड्रेसज् ( Addresses ) को , रीजनल इन्टरनेट रजिस्ट्री ( Regional internet registry ( RIR ) ) के बिना अप्रूवल ( Approval ) के प्रयोग में ले सकता है । और जो पैकेट्स ( Packet ) इन ए सज ( Addresses ) के द्वारा एड्रैस्ड ( Addressed ) होते हैं उन्हें पब्लिक इन्टरनेट ( Public internet ) पर ट्रांस्मिट ( Transmit ) नहीं किया जा सकता है । यदि इन प्राइवेट नेटवर्क ( Private network ) को इन्टरनेट से जुड़ने ( Connect ) की जरूरत होती है तो , इन्हें नेटवर्क एड्रेस ट्रांसलेटर ( Network address translater ( NAT ) ) गेटवे ( Gateway ) या प्रॉक्सी सर्वर ( Proxy server ) का प्रयोग करना पड़ता है ।
Uses of private network in hindi:-
सबसे ज्यादा इसका प्रयोग रेसीडेन्शल नेटवर्कस् ( Residential networks ) में होता है , चूंकि इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर ( Intemet service provider ( ISPs ) ) केवल एक ही पब्लिक राउटेबल IP एड्रेस ( Public routable IP address ) हर रेसीडेन्शल कस्टमर ( Residential custorner ) को प्रोवाइड ( Provide ) कराते हैं लेकिन ज्यादातर घरों में एक से ज्यादा कम्प्यूटर या अन्य इन्टरनेट कनेक्टेड डिवाइस ( Internt connected device ) होते हैं , इसलिए मल्टीपल हॉस्टस् ( Multiple hosts ) को इन्टरनेट कनेक्टिविटी ( Internet Connectivity ) देने के लिए नेटवर्क एड्रेस ट्रान्सलेटर ( Network address tranclator ( NAT ) ) गेटवे ( Gateway ) का प्रयोग किया जाता है ।
प्राइवेट एडैमज ( Private Address ) का कॉरपोरेट नेटवर्कम ( Corporate networks ) में भी प्रयोग किया जाता है । साक्यारिटी रीजन्स ( Security reasons ) के लिए इनका प्रयोरा किया जाता है ।
पब्लिक नेटवर्क ( Public Network in hindi ):-
कम्प्यूटर्स जो एक दूसरे से कनेक्ट ( Connect ) होते हैं , वो नेटवर्क क्रिएट ( Create ) करते हैं ये नेटवर्कस प्रायः पब्लिक इन्टरनेट प्रोटोकॉल एड्रेसेस ( Public internet protocol addresses ) के साथ कनफिगर ( Configure ) होते हैं जो नेटवर्क पर डिवाइस ( Device ) उन डिवाइसस ( Devices ) को विजीबल ( Visible ) होते हैं जो नेटवर्क के बाहर होते हैं अर्थात् नेटवर्क के बाहर के डिवाइस्स ( Devices ) को देखा जा सकता है ।
पब्लिक नेटवर्कस ( Public networks ) पर कम्प्यूटर्स को यह लाभ होता है कि वे इन्टरनेट पर पूरी तरह से विज़ीबल ( Visible ) होते हैं और उन पर कोई बाउन्ड्रीस ( boundries ) नहीं होती हैं , कभी - कभी यह लाभ नुकसानदायक भी बन जाता है क्योंकि कम्प्यूटर पूरी तरह से विजीबल ( Visible ) होने के कारण एक्सप्लोइट ( Exploit ) होने के अवसर ( Chances ) रहते हैं , जैसे कि कभी भी कम्प्यूर्टस को हैक ( Hack ) किया जा सकता है आदि । इस तरह से पब्लिक नेटवर्क ( Public network ) पर जो डिवाइसस ( Devices ) होते हैं वे सुरक्षित ( Secure ) नहीं होते हैं ।
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