सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

microsoft word spelling and grammar check

 आज हम computer in hindi मे microsoft word spelling and grammar check - Ms word tutorial in hindi के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-

microsoft word spelling and grammar check:-

MS Word में स्पैलिंग व ग्रामर को टूल्स मेन्यू के स्पैलिंग व ग्रामर कमाण्ड की सहायता से टीक किया जा सकता है । इस कमाण्ड का उपयोग डॉक्यूमेन्ट में लिखे गए शब्दों की वर्तनी , व्याकरण आदि को जाँचने के लिए किया जाता है । जब किसी डॉक्यूमेन्ट में Text को हम टाईप करते हैं तब यदि उस Text में कोई स्पैलिंग गलत है तो उसके नीचे ' लाल रंग ' की लाइन दिखाई देती है । 
किसी भी स्पेलिंग को चैक करने के लिए उसको पहले Select करते हैं या फिर माउस की सहायता से कर्सर वहाँ पर ले जाते हैं और इस प्रक्रिया के बाद स्पैलिंग और ग्रामर कमाण्ड पर क्लिक करते हैं । ऐसा करने पर एक डायलॉग बॉक्स स्क्रीन पर आयेगा जिसमें उस गलत शब्द को सही करने से सम्बन्धित सुझाव मौजूद होते हैं । उन सुझावों में से जो सुझाव या स्पैलिंग सही हो उसे select करके change button पर click करते हैं तो हमारी स्पैलिंग सही हो जाती है ।

spelling and grammar tool in ms word:-

1.ऑटो करेक्ट ( Auto Correct ) - 

इस कमाण्ड की सहायता से स्पैलिंग अपने आप ही सही हो जाती है । यह Change Button का ही दूसरा रूप है । डाक्यूमेन्ट के पूरे Text को एक साथ select करके ब्लॉक बनाने के लिए Select All को काम में लेते हैं । इसके पहले Edit Menu → Select AlICommand का चुनाव करते हैं जिससे पूरा Text Select हो जाता है । 

2. इग्नोर ( Ignore ) -

 यदि हम किसी वाक्य या शब्द को जैसा टाइप किया हुआ है वैसा ही छोड़ना चाहते हैं तो इसके लिए Ignore button को दबाना पड़ता है । इसके अलावा यदि स्पैलिंग सही हो पर वर्ड की डायरेक्ट्री में शब्द नहीं होने के कारण गलत दिखा रहा है तो इस कार्य के लिए भी Ignore Button का ही प्रयोग करना होता है ।

3. ऑप्शन्स ( Options ) - 

इसके ऊपर click करते ही एक dialog box open होता है जिसमें स्पैलिंग तथा ग्रामर से सम्बन्धित कुछ options दिये होते हैं । हर option के पहले एक check box होता है । जिस option को हम click करना चाहते हैं , उस पर click कर सकते हैं । 

4. ऐड ( Add ) - 

यदि शब्द सही है और computer की डायरेक्ट्री में वह शब्द नहीं है तो उस शब्द को इस बटन की सहायता से डायरेक्ट्री में जोड़ा जा सकता है । 

5. चेंज ( Change ) - 

यदि हम किसी गलत स्पैलिंग वाले शब्द को सही स्पैलिंग वाले शब्द से बदलना चाहते हैं तो उस शब्द को हम Change Button की सहायता से बदल सकते हैं ।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

half adder and full adder in hindi

  आज हम  computer in hindi  मे  आज हम half adder and full adder in hindi - computer system architecture in hindi   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- half adder and full adder in hindi:- 1. half adder in hindi 2. full adder in hindi  1. Half adder in hindi:- half adder  सबसे basic digital arithmetic circuit 2 binary digits का जोड़ है।  एक combination circuit जो दो bits के arithmetic जोड़ को display करता है उसे half adder कहा जाता है।   half adder के इनपुट variable को Augend और addend bits कहा जाता है। आउटपुट योग और Carrie को बदलता है। दो आउटपुट variable Specified करना आवश्यक है क्योंकि 1 + 1 का योग बाइनरी 10 है, जिसमें दो अंक हैं। हम दो इनपुट वेरिएबल्स के लिए x और y और दो आउटपुट वेरिएबल के लिए S (योग के लिए) और C (कैरी के लिए) असाइन करते हैं। C output 0 है जब तक कि दोनों इनपुट 1 न हों। S आउटपुट योग के कम से कम महत्वपूर्ण बिट का Representation करता है। दो आउटपुट के लिए boolean function सीधे t

physical address and logical address in hindi

आज हम  computer course in hindi  मे हम  physical address and logical address in hindi  के बारे में बताएगें तो चलिए शुरु करते हैं-  physical address and logical address in hindi:- physical address and logical address  कोई भी address CPU द्वारा बनाया जाता है उसे लॉजिकल एड्रेस (logical address) कहते हैं और जो address memory में दिखता है उसे हम फिजिकल मैमोरी एड्रैस कहते हैं ) जिसमें Compile time और Load time address binding है कुछ converted करता है जब logical और physical address समान होते हैं अर्थात् एक जैसे होते हैं लेकिन action time address binding scheme में कुछ change आता है और जब logical और physical में अंतर होता है । इसलिये हम logic address को वर्चुअल एड्रैस ( Virtual Address ) भी कहते है और इसी का प्रयोग करते हैं । logical या virtual address हम कह सकते हैं और सारे logical address जो कि एक प्रोग्राम के द्वारा बनाये जाते हैं उन्हें लॉजिकल एड्रैस स्पेस ( Logical Address Space ) कहते हैं । इसके साथ ही जो physical address इन logical address के साथ होते हैं उन्हें हम फिजिकल एड्रैस स्पेस (