आज हम C language tutorial in hindi मे हम introduction of c language in hindi (सी लैंग्वेज क्या है ) के बारे में जानकारी देते क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-
Introduction of C language in hindi (सी लैंग्वेज क्या है ) :-
सी लैंग्वेज में प्रोग्रामिंग ( Programming ) करने से पहले हम यह जानने का प्रयास करते हैं कि सी लैंग्वेज क्या है , यह किस प्रकार अस्तित्व में आई और यह अन्य कम्प्यूटर भाषाओं से किस प्रकार भिन्न है ? सी - लैंग्वेज ( C - Language ) एक प्रोग्रामिंग भाषा है जिसे अमेरिका में AT & T की बेल प्रयोगशाला ( Bell Laboratories ) में सन् 1972 में developed किया गया था । इस भाषा का development केवल डेनिस रिची द्वारा ही किया गया था।
सन् 1960 के बाद कम्प्यूटर भाषाएँ अधिकतर क्षेत्रों में एक निश्चित प्रकार के कार्यों के लिये प्रयोग में आने लगी । जैसे COBOL language commercial applications में और FORTRAN Scientist और Engineering कार्यों में प्रयोग की जाती थी । अब लोग multiple purposes के लिये भिन्न - भिन्न कम्प्यूटर भाषाओं के स्थान पर एक ऐसी कम्प्यूटर भाषा की आवश्यकता महसूस करने लगे जो सभी सम्भव कार्य कर सके । इस प्रकार की कम्प्यूटर भाषा के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय समिति का गठन हुआ । इस समिति ने ALGOL 60 computer language को विकसित किया । इस भाषा में Abstractness और सामान्यता थी , इस कमी के कारण यह भाषा लोकप्रिय नहीं हुई । ALGOL 60 की कमियों को दूर करने के लिये एक नयी कम्प्यूटर भाषा CPL ( Combined Programming Languagey केम्ब्रिज विश्वविद्यालय में विकसित की गई । यह CPL लैंग्वेज सीखने में कठिन और उपयोग में जटिल थी । इसके बाद BCPL ( Basic Combined Programming Language ) भाषा का मार्टिन रिचर्ड ने कैंब्रिज विश्वविद्यालय में ही विकास किया । यह भाषा , CPL भाषा से अच्छी थी । इसी समय एक कम्प्यूटर लैंग्वेज B , केन थॉमसन ( Ken Thomson ) ने बेल प्रयोगशाला ( Bell Lab . ) में developed की । लेकिन BCPL और B में अभी भी कुछ कमियाँ थीं । डेनिस रिची ( Dennis Ritchie ) ने BCPL और B भाषा और स्वयं के invented principles से एक नयी कम्प्यूटर भाषा C भाषा का विकास किया । रिची ( Ritchie ) ने C भाषा में BCPL और B भाषा की सामान्यता को समाप्त करके इसे एक शक्तिशाली कम्प्यूटर भाषा का रूप दिया जिसे जो आज भी लोकप्रिय है ।
C- लैंग्वेज की Compactness और Coherence का मुख्य कारण यह है कि यह एक व्यक्ति द्वारा developed कम्प्यूटर भाषा है ।
[ C ] भाषा में Low Level Language के भी गुण हैं , साथ ही यह उच्चस्तरीय भाषा भी । इसलिये इसे मध्यमस्तरीय भाषा ( Middle Level Language ) भी कहते हैं ।
C- लाइब्रेरी ( C- Liabrary ):-
C- लैंग्वेज के कम्पाइलर में Standard Preprogrammed Functions होते हैं । यहाँ Function का अर्थ है निश्चित कार्य को करने के लिये निर्देशों का समूह । ये डिस्क पर store रहते हैं , जिन्हें फाइलों में store करके एक समूह - लाइब्रेरी में रखा जाता है । इसीलिये ये Library Function कहलाते हैं ।
ये लाइब्रेरी फंक्शन अक्सर काम आने वाली गणनाओं के लिये पूर्व में ही तैयार instructions का समूह होता है जो अनेक प्रोग्रामों में काम आता है । Library में इन फंक्शनों को डिस्क पर store करने वाली फाइल Header File कहलाती है जिसके फाइल नेम में Extension .h होता है । सभी की - बोर्ड से इनपुट किया जाता है , उसके लिये Input Functions है
जबकि स्क्रीन प्रिंटर , डिस्क आदि पर आउटपुट के लिये Output Functions एक Header File में store रहते हैं । इस Head File का नाम stdio.h है ।
#include < stdio.h >
यहाँ # include Instructions को Preprocessor Directive कहते हैं ।
C-प्रोग्राम को कम्पाइल करना और चलाना:-
Step 1. C लैंग्वेज की Editor में प्रोग्राम कोडिंग करना । यहाँ तैयार प्रोग्राम Source Program कहलाता है ।
Step 2. source program ( जो C- भाषा में है ) को ( F9 फंक्शन कुँजी से ) कम्पाइल किया जाता है ।
Step 3. Object Code में प्रोग्राम को Translate करने के बाद यह प्रोग्राम Library Functions से जुड़ता है या Link होता है । माना हमने प्रोग्राम में वर्गमूल निकालने का फंक्शन Squrt ( ) use किया है तो इस फंक्शन के Instructions math Library से हमारे प्रोग्राम से लिंक हो जायेंगे ।
Step 4. अब Compiled और लिंक प्रोग्राम एक अन्य फाइल तैयार करता है जिसका Extension .exe होता है जो कि हमारे प्रोग्राम की Executable file होती है ।
Step 5. प्रोग्राम की Executable file को हम अब Dos Prompt पर Type करके या की - बोर्ड से Ctrl + F9 कुंजी दबाकर रन करते हैं ।
C program structure in hindi:-
सी लैंग्वेज का एक महत्त्वपूर्ण यह है इसमें की - वर्ड की न्यूनतम संख्या होती है । इसमें केवल 32 की - वर्ड ही होते हैं। किसी कम्प्यूटर - भाषा के शब्द जिनमें Instructions लिखे जाते हैं , की - वर्ड ( Key - word ) कहलाते हैं । C- भाषा के केवल 32 Key - words को विभिन्न Syntax में लिखकर इस भाषा में प्रोग्रामिंग संभव है ।
सी लैंग्वेज में प्रयुक्त किये जाने वाले कीवर्ड हैं , इन शब्दों के अलावा हम अन्य किसी शब्द का प्रयोग सी लैंग्वेज के Instructions में नहीं कर सकते हैं-
C program rules in hindi:-
( i ) सभी की वर्ड अंग्रेजी की Small Letters या Lower Case में ही लिखे जाते हैं ।
( ii ) C- लैंग्वेज में do while और DO WHILE भिन्न माने जाते हैं क्योंकि यह Case Sensitive Language है।
( iii ) की - वर्ड का कोई अन्य उपयोग नहीं किया जा सकता है अर्थात् उन्हें Variable या Function के नाम में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता
( iv ) प्रोग्राम में main ( ) फंक्शन जरूर होना चाहिए ।
( v ) C- भाषा का प्रत्येक Instruction सेमीकोलन ( ; ) से समाप्त होता है ।
C- भाषा के प्रोग्राम कोड की संरचना:-
main ( )
{
वेरियेवल निर्धारण ;
Instructions -1 ;
Instructions -2 ;
}
function 1 ( )
{
वेरियेबल निर्धारण ;
Instructions -1
Instructions -2 ;
}
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