सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Featured Post

Types of Images or Subsets of Computer Graphics in hindi

Structured programming in hindi

आज हम C language tutorial in hindi मे हम Structured programming in hindi के बारे में जानकारी देते क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- 

Introduction to structured programming in hindi:-

Problems का solution निकालना मानव की एक natural instinct है । कुछ समस्याएँ जो मानव द्वारा हल नहीं हो सकतीं , उन्हें हल करने के लिये कम्प्यूटर की आवश्यकता पड़ती है । कई समस्याओं के हल में एक ही कार्य को बार - बार दोहराने से मानव को नीरसता महसूस होती है । कम्प्यूटर ऐसी समस्याओं को आसानी से हल कर सकता है । किसी भी Problem को सरल Steps में व्यक्त करना होता है । प्रत्येक Step को कम्प्यूटर Instructions में व्यक्त किया जाता है जिन्हें प्रोग्रामिंग भाषा ( Programming Language ) में लिखा जाता है । यह क्रिया कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग कहलाती है । 
दूसरे शब्दों में , 
किसी समस्या को कम्प्यूटर की सहायता से हल करने के लिये क्रियाओं या Steps का एक क्रम तैयार करना , कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग कहलाता है ।

Logic development in Structured programming:-

किसी problem का solution प्राप्त करने की विधि लॉजिक या तर्क कहलाती है । कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग में लिखे गये Steps का समूह किसी समस्या को हल करने का  Logic होता है । Problem जिसे हम हल करना चाहते हैं , Scientific , Commercial , Mathematical या अन्य प्रकार की हो सकती है । प्रोग्राम के  Logic को प्राप्त करने के लिये हमें अनेक Steps से गुजरना पड़ता है , यह Logic Development कहलाता है । Logic के विकास के लिये सरलतम Steps को चुनना चाहिये जिससे तैयार किये Program समझने और तैयार करने में आसान होते हैं । प्रोग्राम के Logic को विकसित करते समय हम निम्नलिखित तीन बातों का ध्यान रखते हैं ।
( A ) User )समस्या के हल से क्या प्राप्त करना चाहता है ?
( B ) समस्या के हल से कौन - से Goals प्राप्त होंगे ? , तथा 
( c ) समस्या के हल से क्या परिणाम निकलेंगे ?

 ( A ) Steps of Logic Development :-

 Logic Development  की प्रोग्रामिंग प्रक्रिया के लिये 6 गतिविधियाँ हैं जिनसे कम्प्यूटर प्रोग्राम तैयार किया जाता है । निम्नलिखित 6 steps का Pursuance करने पर प्रोग्राम तैयार होता है -
( 1 ) समस्या को समझना , 
( 2 ) प्रोग्राम का एक Model तैयार करना , 
( 3 ) प्रोग्राम के model में error की जाँच करना ,
( 4 ) प्रोग्राम की Coding करना , 
( 5 ) प्रोग्राम को जाँचना और impeccable करना , तथा 
( 6 ) प्रोग्राम की व्याख्या लिखना ।

(B) प्रोग्रामिंग अवधारणा ( Programming Concepts ) :-

किसी समस्या को कम्प्यूटर से हल करने के लिये हमें कम्प्यूटर को समस्या के हल का  Logic देना होता है । यह लॉजिक हम निर्देशों के समूह के रूप में एक प्रोग्राम तैयार करके देते हैं।
प्रोग्राम को लिखने की विभिन्न विधियाँ होती हैं जिनका आवश्यकतानुसार प्रयोग किया जाता है । प्रोग्राम में निर्देशों को व्यवस्थित करने के विभिन्न विधियों को प्रोग्रामिंग तकनीक ( Programming Techniques ) कहते हैं ।

Types of programming techniques:-

( i ) टॉप - डाउन डिजाइन ( Top Down Design )
( ii ) बॉटम - अप डिजाइन ( Bottom - Up Design ) 
( iii ) मॉड्यूलर डिजाइन ( Modular Design ) या संरचनात्मक प्रोग्रामिंग  

( i ) टॉप - डाउन डिजाइन ( Top - Down Design):-

 इस तकनीक में प्रोग्राम को अनेक छोटे Logic में विभक्त कर उनमें परस्पर सम्बन्ध स्थापित कर दिया जाता है ।

( ii ) बॉटम - अप डिजाइन ( Bottom - Up Design):-

 इस तकनीक में सबसे छोटे Logic से प्रोग्रामिंग प्रारम्भ की जाती है । 

( iii ) मॉड्यूलर डिजाइन ( Modular De sign ) :-

मॉड्यूलर प्रोग्रामिंग में एक प्रोग्राम के निर्देशों को विभिन्न कार्यों के लिये अलग - अलग Areas में विभाजित कर दिया जाता है । एक निश्चित कार्य को करने वाले निर्देशों को एक स्थान पर लिखा जाता है , जिन्हें  Modules कहते हैं । इन Modules को एक Main Program से चलाया जाता है या Call किया जाता है । 
उदाहरण :-
माना हमें दो संख्याएँ इनपुट करके उन पर जोड़ , बाकी , गुणा और भाग की क्रिया करनी है तो इसके लिये निर्देश  Code के चार  Module तैयार किये जायेंगे और उन्हें मुख्य प्रोग्राम से कॉल किया जायेगा ।

Advantages of Structured programming:-

( i ) समस्या के Solution को अनेक भागों में विभक्त करने से समाधान को देखा जा सकता है ।
( ii ) एक निश्चित कार्य को करने वाले भाग की Documentation आसानी से व तेज गति से हो सकती है । यदि सम्पूर्ण प्रोग्राम भागों में विभक्त न हो तो उसकी व्याख्या जटिल हो जाती है । 
( iii ) भविष्य में प्रोग्राम में नये मॉड्यूल्स आसानी से जोड़े जा सकते हैं । इसके लिये सम्पूर्ण प्रोग्राम की संरचना को नहीं बदलना पड़ता है । अतः प्रोग्राम का Maintenance सरल हो जाता है ।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ms excel functions in hindi

  आज हम  computer in hindi  मे ms excel functions in hindi(एमएस एक्सेल में फंक्शन क्या है)   -   Ms-excel tutorial in hindi   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- ms excel functions in hindi (एमएस एक्सेल में फंक्शन क्या है):- वर्कशीट में लिखी हुई संख्याओं पर फॉर्मूलों की सहायता से विभिन्न प्रकार की गणनाएँ की जा सकती हैं , जैसे — जोड़ना , घटाना , गुणा करना , भाग देना आदि । Function Excel में पहले से तैयार ऐसे फॉर्मूले हैं जिनकी सहायता से हम जटिल व लम्बी गणनाएँ आसानी से कर सकते हैं । Cell Reference में हमने यह समझा था कि फॉर्मूलों में हम जिन cells को काम में लेना चाहते हैं उनमें लिखी वास्तविक संख्या की जगह सरलता के लिए हम उन सैलों के Address की रेन्ज का उपयोग करते हैं । अत : सैल एड्रेस की रेन्ज के बारे में भी जानकारी होना आवश्यक होता है । सैल एड्रेस से आशय सैल के एक समूह या श्रृंखला से है । यदि हम किसी गणना के लिए B1 से लेकर  F1  सैल को काम में लेना चाहते हैं तो इसके लिए हम सैल B1 , C1 , D1 , E1 व FI को टाइप करें या इसे सैल Address की श्रेणी के रूप में B1:F1 टाइ

window accessories kya hai

  आज हम  computer in hindi  मे window accessories kya hai (एसेसरीज क्या है)   -   Ms-windows tutorial in hindi   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- window accessories kya hai (एसेसरीज क्या है)  :- Microsoft Windows  कुछ विशेष कार्यों के लिए छोटे - छोटे प्रोग्राम प्रदान करता है इन्हें विण्डो एप्लेट्स ( Window Applets ) कहा जाता है । उनमें से कुछ प्रोग्राम उन ( Gadgets ) गेजेट्स की तरह के हो सकते हैं जिन्हें हम अपनी टेबल पर रखे हुए रहते हैं । कुछ प्रोग्राम पूर्ण अनुप्रयोग प्रोग्रामों का सीमित संस्करण होते हैं । Windows में ये प्रोग्राम Accessories Group में से प्राप्त किये जा सकते हैं । Accessories में उपलब्ध मुख्य प्रोग्रामों को काम में लेकर हम अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कार्यों को सम्पन्न कर सकते हैं ।  structure of window accessories:- Start → Program Accessories पर click Types of accessories in hindi:- ( 1 ) Entertainment :-   Windows Accessories  के Entertainment Group Media Player , Sound Recorder , CD Player a Windows Media Player आदि प्रोग्राम्स उपलब्ध होते है

report in ms access in hindi - रिपोर्ट क्या है

  आज हम  computers in hindi  मे  report in ms access in hindi (रिपोर्ट क्या है)  - ms access in hindi  के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-  report in ms access in hindi (रिपोर्ट क्या है):- Create Reportin MS - Access - MS - Access database Table के आँकड़ों को प्रिन्ट कराने के लिए उत्तम तरीका होता है , जिसे Report कहते हैं । प्रिन्ट निकालने से पहले हम उसका प्रिव्यू भी देख सकते हैं ।  MS - Access में बनने वाली रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ :- 1. रिपोर्ट के लिए कई प्रकार के डिजाइन प्रयुक्त किए जाते हैं ।  2. हैडर - फुटर प्रत्येक Page के लिए बनते हैं ।  3. User स्वयं रिपोर्ट को Design करना चाहे तो डिजाइन रिपोर्ट नामक विकल्प है ।  4. पेपर साइज और Page Setting की अच्छी सुविधा मिलती है ।  5. रिपोर्ट को प्रिन्ट करने से पहले उसका प्रिन्ट प्रिव्यू देख सकते हैं ।  6. रिपोर्ट को तैयार करने में एक से अधिक टेबलों का प्रयोग किया जा सकता है ।  7. रिपोर्ट को सेव भी किया जा सकता है अत : बनाई गई रिपोर्ट को बाद में भी काम में ले सकते हैं ।  8. रिपोर्ट बन जाने के बाद उसका डिजाइन बदल