सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Featured Post

Instruction cycle in hindi - इंस्ट्रक्शन साइकिल क्या है

batch operating system in hindi - बैच ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है?

 आज हम computer course in hindi मे हम batch operating system in hindi (बैच ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है?) के बारे में बताएगें तो चलिए शुरु करते हैं-

batch operating system in hindi (बैच ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है?):-

पुराने समय में कम्प्यूटरों का आकार बहुत बड़ा हुआ करता था । उस समय होने वाली इनपुट डिवाइस कार्ड रीडर तथा टेप ड्राइव हुआ करती थी और आउटपुट डिवाइसों में लाइन प्रिन्टर , टेप ड्राइव तथा पंच कार्ड हुआ करते थे । इन सिस्टमों के यूजर्स का कम्प्यूटर सिस्टम से direct contact नहीं रहता था । जब भी कोई यूजर अपने कार्य के साथ तैयार होता था चाहे वह कोई प्रोग्राम हो , डाटा हो या फिर कोई कन्ट्रोल सूचना हो उनको उसे कम्प्यूटर ऑपरेटर को देना पड़ता था । यह जॉब पंच कार्ड के रूप में available होते थे । पुराने समय के कम्प्यूटर सिस्टमों में उपस्थित ऑपरेटिंग सिस्टम बिल्कुल simple होते थे । इनका सबसे मुख्य कार्य होता था कन्ट्रोल को एक कार्य से दूसरे कार्य में automatically ही transfer कर देना । इस condition में ऑपरेटिंग सिस्टम मैमोरी में ही स्थित होता था ।
batch operating system in hindi - बैच ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है?

अब आने वाले समय में new technology के माध्यम से इनपुट / आउटपुट डिवाइसों की गति और तेज हो जायेगी । इससे implementation में आने वाली समस्या का समाधान ही नहीं होगा बल्कि यह समाप्त हो जायेगी । ये कार्ड सीधे कार्ड रीडर द्वारा रीड किये जा सकते हैं । कार्ड इमेजों की लोकेशन एक टेबल में रहती है जो ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा received की जाती है । जब भी कोई job executed होता है तो ऑपरेटिंग सिस्टम इस बात से यूजर को satisfied करता है कि उसके द्वारा की गई रिक्वेस्ट कार्ड रीडर के द्वारा डिस्क से प्राप्त कर रीड की जाती है । इसी तरह कोई जॉब प्रिन्टर से किसी लाइन के आउटपुट के लिये रिक्वेस्ट करती है तो वह लाइन सिस्टम buffer में कॉपी हो जाती है तथा डिस्क पर लिख देती है । जब वह जॉब पूरा हो जाता है तो आउटपुट वास्तव में प्रिन्ट हो जाता हैं इस प्रोसेसिंग के प्रकार को स्पूलिंग ( Spooling ) कहते हैं ।

Spooling का अर्थ है डिस्क का प्रयोग बड़े buffer की तरह करना जिसमें इनपुट डिवाइस की रीडिंग तथा आउटपुट फाइल का storage तब तक हो जब तक आउटपुट डिवाइस उन्हें received न कर लें । Spooling का use प्रोसेसिंग डाटा के लिये remote sites पर भी किया जाता है । सी.पी.यू. डाटा को communication path के माध्यम से रिमोट प्रिन्टर तक send करता है । यह रिमोट प्रिन्टर सारे इनपुट जॉबों को रिमोट कार्ड रीडर से भी received कर लेता है । यह remote processing itself की स्पीड से होता है । इसमें सी.पी.यू. का कोई भी Interference नहीं होता है । सी.पी.यू. सिर्फ इस बात की जानकारी रखता हैं कि प्रोसेसिंग में जो जॉब चल रहा है वह समाप्त हुआ या नहीं ताकि अगले डाटा बैच को प्रोसेसिंग के लिये send कर दिया जाये।

एक simple system में spooler एक जॉब के इनपुट को रीड करता है क्योकिं आउटपुटों की प्रिन्टिंग एक अलग प्रकार का जॉब है । इस समय के दौरान एक तो जॉब execute होती है दूसरी कार्ड की reading disc से received होती है तथा इनसे प्राप्त आउटपुट लाइनों को डिस्क पर प्रिन्ट किया जाता है ।

Spooling एक ऐसा लाभदायक प्रभाव होता है जो कि सिस्टम की working capacity पर प्रभाव डालता है । Spooling सी.पी.यू. व इनपूट / आउटपूट डिवाइसों को इसलिये अपने साथ रखता है ताकि उनसे high capacity पर कार्य कराया जा सकें ।

यह अपने कार्यो की प्रोसेसिंग गति को बढ़ाने के लिये एक ही तरह के कार्यों को एक batch में collect कर देता है जिससे उन्हें कम्प्यूटर में एक group की तरह इन कर दिया जाये जिससे प्रोग्रामर को यह सुविधा रहती है कि वह अपने प्रोग्रामों को कम्प्यूटर ऑपरेटर को आसानी से सौंप कर निश्चित हो जाता है । इसके बाद कम्प्यूटर ऑपरेटर इन प्रोग्रामों को batchs में order से लगा देते हैं और यह order एक जैसी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर Determine किया जाता है और जैसे ही कम्प्यूटर सिस्टम उपलब्ध होता है उनको एक - एक करके इन कर दिया जाता है तथा उससे प्राप्त आउटपुट को सम्बन्धित प्रोग्रामर को भेज दिया जाता है । एक बैच ऑपरेटिगं सिस्टम अलग -2 जॉबों को रीड करता है तथा यह भी पता करता है कि वह जॉब क्या क्या है ? जब वह जॉब पूरा हो जाता है तो वह प्रिन्टर से कागज पर प्रिन्ट हो जाता है । इस बैच सिस्टम का एक लक्षण है यूजर व execute हो रहे जॉब के बीच में communication की कमी । जब job तैयार हो जाता है तथा सबमिट कर दिया जाता है तब उसके थोड़ी देर बाद उसका आउटपुट हमको प्राप्त हो जाता है जॉब सबमिट करने तथा job के पूरा होने के मध्य होने वाली देर को टर्नएराउन्ड समय ( Turn Around Time ) भी कहते हैं और इस देरी का कारण होता है- ज्यादा calculation की आवश्यकता या किसी अन्य जॉब का प्रोसेसिंग में होना । इस execute वातावरण में सी.पी.यू. आइडल condition में रहता है और इस condition का कारण होता है मैकेनिकल इनपुट / आउटपुट डिवाइसों की तुलना में इलैक्ट्रानिक डिवाइसों का तेज होना । वैसे तो एक धीमा सी.पी.यू. भी माइक्रो सेकेण्ड रेंज में ही कार्य करता है । इसमें इसकी गति हजार निर्देश प्रति सेकेण्ड की होती है । एक तेज कार्ड रीडर की पढ़ने की गति 1200 कार्ड प्रति मिनट की होती है ( 17 कार्ड प्रति सेकण्ड ) ।


 



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ms excel functions in hindi

  आज हम  computer in hindi  मे ms excel functions in hindi(एमएस एक्सेल में फंक्शन क्या है)   -   Ms-excel tutorial in hindi   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- ms excel functions in hindi (एमएस एक्सेल में फंक्शन क्या है):- वर्कशीट में लिखी हुई संख्याओं पर फॉर्मूलों की सहायता से विभिन्न प्रकार की गणनाएँ की जा सकती हैं , जैसे — जोड़ना , घटाना , गुणा करना , भाग देना आदि । Function Excel में पहले से तैयार ऐसे फॉर्मूले हैं जिनकी सहायता से हम जटिल व लम्बी गणनाएँ आसानी से कर सकते हैं । Cell Reference में हमने यह समझा था कि फॉर्मूलों में हम जिन cells को काम में लेना चाहते हैं उनमें लिखी वास्तविक संख्या की जगह सरलता के लिए हम उन सैलों के Address की रेन्ज का उपयोग करते हैं । अत : सैल एड्रेस की रेन्ज के बारे में भी जानकारी होना आवश्यक होता है । सैल एड्रेस से आशय सैल के एक समूह या श्रृंखला से है । यदि हम किसी गणना के लिए B1 से लेकर  F1  सैल को काम में लेना चाहते हैं तो इसके लिए हम सैल B1 , C1 , D1 , E1 व FI को टाइप करें या इसे सैल Address की श्रेणी के रूप में B1:F1 टाइ

window accessories kya hai

  आज हम  computer in hindi  मे window accessories kya hai (एसेसरीज क्या है)   -   Ms-windows tutorial in hindi   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- window accessories kya hai (एसेसरीज क्या है)  :- Microsoft Windows  कुछ विशेष कार्यों के लिए छोटे - छोटे प्रोग्राम प्रदान करता है इन्हें विण्डो एप्लेट्स ( Window Applets ) कहा जाता है । उनमें से कुछ प्रोग्राम उन ( Gadgets ) गेजेट्स की तरह के हो सकते हैं जिन्हें हम अपनी टेबल पर रखे हुए रहते हैं । कुछ प्रोग्राम पूर्ण अनुप्रयोग प्रोग्रामों का सीमित संस्करण होते हैं । Windows में ये प्रोग्राम Accessories Group में से प्राप्त किये जा सकते हैं । Accessories में उपलब्ध मुख्य प्रोग्रामों को काम में लेकर हम अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कार्यों को सम्पन्न कर सकते हैं ।  structure of window accessories:- Start → Program Accessories पर click Types of accessories in hindi:- ( 1 ) Entertainment :-   Windows Accessories  के Entertainment Group Media Player , Sound Recorder , CD Player a Windows Media Player आदि प्रोग्राम्स उपलब्ध होते है

report in ms access in hindi - रिपोर्ट क्या है

  आज हम  computers in hindi  मे  report in ms access in hindi (रिपोर्ट क्या है)  - ms access in hindi  के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-  report in ms access in hindi (रिपोर्ट क्या है):- Create Reportin MS - Access - MS - Access database Table के आँकड़ों को प्रिन्ट कराने के लिए उत्तम तरीका होता है , जिसे Report कहते हैं । प्रिन्ट निकालने से पहले हम उसका प्रिव्यू भी देख सकते हैं ।  MS - Access में बनने वाली रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ :- 1. रिपोर्ट के लिए कई प्रकार के डिजाइन प्रयुक्त किए जाते हैं ।  2. हैडर - फुटर प्रत्येक Page के लिए बनते हैं ।  3. User स्वयं रिपोर्ट को Design करना चाहे तो डिजाइन रिपोर्ट नामक विकल्प है ।  4. पेपर साइज और Page Setting की अच्छी सुविधा मिलती है ।  5. रिपोर्ट को प्रिन्ट करने से पहले उसका प्रिन्ट प्रिव्यू देख सकते हैं ।  6. रिपोर्ट को तैयार करने में एक से अधिक टेबलों का प्रयोग किया जा सकता है ।  7. रिपोर्ट को सेव भी किया जा सकता है अत : बनाई गई रिपोर्ट को बाद में भी काम में ले सकते हैं ।  8. रिपोर्ट बन जाने के बाद उसका डिजाइन बदल