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distributed system in hindi - डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम क्या हैं

 आज हम computer course in hindi मे हम distributed system in hindi (डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम क्या हैं ) के बारे में जानकारी देते क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-

distributed system in hindi (डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम क्या हैं ):-

distributed systems में Processors Size और function में किये जा सकते हैं । वे छोटे - छोटे Microprocessors, Workstations, Minicomputers और General Purpose वाले बड़े कम्प्यूटर सिस्टम को सम्मिलित कर सकते हैं । ये प्रोसेसर्स विभिन्न नामों की संख्या जैसे साइट्स कम्प्यूटर्स आदि के द्वारा referrer किये जाते हैं जो उनके contact पर based होते हैं।

कम्प्यूटर सिस्टम में एक current method विभिन्न प्रोसेसर्स के मध्य calculations को बाँटना है । इसके विपरीत complex form से organized system पर हम पहले ही कर चुके हैं । प्रोसेसर्स मैमोरी या एक क्लॉक को शेयर नहीं करते हैं । प्रत्येक प्रोसेसर अपनी लोकल मैमौरी रखता है । प्रोसेसर से प्रोसेसर के साथ विभिन्न communication लाइनों जैसे हाई - स्पीड बस या टेलीफोन लाइन आदि के माध्यम से communicate करता है । ये सिस्टम Loosely Coupled Systems या डिस्ट्रीब्यूटिड सिस्टम्स की तरह referrer किये जाते हैं ।

distributed system in hindi -  डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम क्या हैं


डिस्ट्रीब्यूटिड सिस्टम के लिये विभिन्न कारण हैं -

1. Resource sharing (रिसोर्स शेयरिंग ):-

इसमें यदि साइट्स की संख्या को different abilities के साथ अन्य साइट्स से जोड़ा जाता है तो एक साइट पर उपस्थित यूजर अन्य साइट पर available resources को उपयोग करने में सक्षम हो जाता है । एक डिस्ट्रीब्यूटिड डाटाबेस में प्रोसेसिंग सूचना , remote site पर प्रिन्टिंग फाइल्स और remote से equipped hardware device को एक high speed वाले ऐरे प्रोसेसर का उपयोग करके तथा अन्य ऑपरेशनों के द्वारा शेयरिंग फाइल्स को mechanism provide करता रहता हैं । 

2.computation speed up (कम्प्यूटेशन स्पीड अप):-

 इसमें एक Specific Computation Subcomputation में classed किया जा सकता है जो समान रूप से इन किया जा सकता है । इसमें जब समान रूप से इन किया जाता है तब एक distributed system विभिन्न साइट्स के मध्य computation को divided करने के लिये हमें permission देता है । इसके excessive यदि एक विशिष्ट साइट जॉब्स के साथ ओवरलोड किया जाता है तो इनमें से कुछ अन्य के लिये मूव किये जा सकते हैं । जॉब का यह मूवमेन्ट लोड ही शेयरिंग कहलाता है। 

3. Reliability (विश्वसनीयता ):-

यदि साइट distributed system में असफल हो जाती है तो बची हुयी साइट्स ऑपरेटिंग को actively से लगातार चला सकती है । यदि सिस्टम बड़े Autonomous Installation से मिलकर बना है जो इनमें से किसी भी फेलियर Rest पर बुरा प्रभाव नहीं डालेगा । यदि वहीं दूसरी ओर , सिस्टम छोटी मशीनों से मिलकर बना है इनमें से प्रत्येक कुछ निर्णय सिस्टम फंक्शन के लिये जिम्मेदार होते हैं । एक सिंगल फेलियर सम्पूर्ण सिस्टम के ऑपरेशन को प्रभावपूर्ण तरीके से रोक सकता हैं । यदि एक proper radiation system में होती है तो हार्डवेयर और डाटा दोनों में सिस्टम इसके ऑपरेशन के साथ लगातार बना रह सकता है चाहे इसकी कुछ sites inactive हो गयी हों।

4. communication (कम्यूनिकेशन):-

जिनमें प्रोग्राम को एक सिस्टम पर डाटा को अन्य डाटा के साथ परिवर्तित करने की आवश्यकता होती है । इसी का एकexample विन्डो सिस्टम होता है जो कि डिस्प्ले के मध्य अक्सर डाटा को शेयर या डाटा को transferred करते हैं । जब कई सारी साइट्स एक communication network के द्वारा अन्य साइट्स से जुड़ी होती है तो विभिन्न साइट्स पर उपस्थित प्रोसेसेज के पास सूचानाओं कों परिवर्तित करने का पूरा अवसर होता है । यूजर्स को Electronic Mail के माध्यम से फाइल को अन्य फाइल के साथ कम्यूनिकेट करके कर सकते हैं । एक यूजर मेल को अन्य यूजर के समान साइट पर भेज सकती है । हम डिस्ट्रीब्यूटिड सिस्टम की कुछ सामान्य संरचना और नेटवर्क जो इनके साथ इटंरकनेक्ट होता है।


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