सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Featured Post

Instruction cycle in hindi - इंस्ट्रक्शन साइकिल क्या है

Layered Structure Approach

 आज हम computer course in hindi मे हम Layered Structure Approach के बारे में बताएगें तो चलिए शुरु करते हैं-

Layered Structure Approach:-

यह Layered Structure Approach , ऑपरेटिंग सिस्टम को विभिन्न layers में divided करके , उसे develop करने का एक method है और प्रत्येक layer नीचे वाले layer के top पर बनाए जाते हैं । सबसे नीचे की layer hardware की होती है । जबकि सबसे ऊपर की layer user interface की होती है । 
Layered Structure Approach के तहत संर्वप्रथम THE नामक ऑपरेटिंग सिस्टम को E.W.Dijkistra तथा उनके student द्वारा सन् 1968 ई . में manufactured किया गया था । THE ऑपरेटिंग सिस्टम एक Batch Operating System था , जिसमें 6 सतहें ( layers ) थे।
यह THE ऑपरेटिंग सिस्टम में Layer 0 हार्डवेयर को deal करता था । और Layer 1 , CPU Scheduling अर्थात् जॉब्स को प्रोसेसर के लिए एलोकेट करता था । और
 Layer 2 , मेमोरी मैनेजमेंट का कार्य करता था । 
Layer 3 , ऑपरेटर के console के लिए डिवाइस ड्राइवर को contain करता था और जबकि 
Layer 4 , इनपुटर / आउटपुट डिवाइसेस के लिए Buffering किया करते थे । 
ये सभी layers को इस तरह डिजाइन किए गए हैं कि प्रत्येक layer केवल अपने नीचे वाला layer के operation और सर्विसेस का ही प्रयोग कर सकता है और प्रत्येक layer अपने से higher levels से ऑपरेशन्स के impImentation को hide हैं किसी सतह के higher layer को यह जानने की आवश्यकता नहीं होती है कि किस तरह ऑपरेशन्स को implement किया जाता है बल्कि उसे केवल यह जानने की आवश्यकता होती है कि ऑपरेशन्स क्या करते हैं । यहाँ प्रत्येक सतह के अलग - अलग कार्य है और किसी भी सतह को बिना किसी भी सतह से सम्बन्धित रखते हुए debug किया जा सकता है । यह Layered Approach का मुख्य लाभ यह है कि यह ऑपरेटिंग सिस्टम के डिजाइन को modularity प्रदान करता है जिसके कारण ऑपरेटिंग सिस्टम को आसानी से डिजाइन और verify किया जा सकता है । Layered Appcoach के साथ सबसे बड़ी परेशानी यह है कि इसमें नए level को define करना कठिन होता है अर्थात् इसमें एक स्तर को दूसरे स्तर से अलग करने में काफी सावधानी की आवश्यकता होती है क्योंकि कोई भी layer अपने नीचे वाले layer services का प्रयोग करता है । 
उदाहरण:- Secondary Memory के Device Drivers Memory management routines के नीचे वाले layer में भी define होने चाहिए क्योंकि मेमोरी मैनेजमेंट में सेकेण्डरी मेमोरी का प्रयोग किया जाता रहता है ।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ms excel functions in hindi

  आज हम  computer in hindi  मे ms excel functions in hindi(एमएस एक्सेल में फंक्शन क्या है)   -   Ms-excel tutorial in hindi   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- ms excel functions in hindi (एमएस एक्सेल में फंक्शन क्या है):- वर्कशीट में लिखी हुई संख्याओं पर फॉर्मूलों की सहायता से विभिन्न प्रकार की गणनाएँ की जा सकती हैं , जैसे — जोड़ना , घटाना , गुणा करना , भाग देना आदि । Function Excel में पहले से तैयार ऐसे फॉर्मूले हैं जिनकी सहायता से हम जटिल व लम्बी गणनाएँ आसानी से कर सकते हैं । Cell Reference में हमने यह समझा था कि फॉर्मूलों में हम जिन cells को काम में लेना चाहते हैं उनमें लिखी वास्तविक संख्या की जगह सरलता के लिए हम उन सैलों के Address की रेन्ज का उपयोग करते हैं । अत : सैल एड्रेस की रेन्ज के बारे में भी जानकारी होना आवश्यक होता है । सैल एड्रेस से आशय सैल के एक समूह या श्रृंखला से है । यदि हम किसी गणना के लिए B1 से लेकर  F1  सैल को काम में लेना चाहते हैं तो इसके लिए हम सैल B1 , C1 , D1 , E1 व FI को टाइप करें या इसे सैल Address की श्रेणी के रूप में B1:F1 टाइ

window accessories kya hai

  आज हम  computer in hindi  मे window accessories kya hai (एसेसरीज क्या है)   -   Ms-windows tutorial in hindi   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- window accessories kya hai (एसेसरीज क्या है)  :- Microsoft Windows  कुछ विशेष कार्यों के लिए छोटे - छोटे प्रोग्राम प्रदान करता है इन्हें विण्डो एप्लेट्स ( Window Applets ) कहा जाता है । उनमें से कुछ प्रोग्राम उन ( Gadgets ) गेजेट्स की तरह के हो सकते हैं जिन्हें हम अपनी टेबल पर रखे हुए रहते हैं । कुछ प्रोग्राम पूर्ण अनुप्रयोग प्रोग्रामों का सीमित संस्करण होते हैं । Windows में ये प्रोग्राम Accessories Group में से प्राप्त किये जा सकते हैं । Accessories में उपलब्ध मुख्य प्रोग्रामों को काम में लेकर हम अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कार्यों को सम्पन्न कर सकते हैं ।  structure of window accessories:- Start → Program Accessories पर click Types of accessories in hindi:- ( 1 ) Entertainment :-   Windows Accessories  के Entertainment Group Media Player , Sound Recorder , CD Player a Windows Media Player आदि प्रोग्राम्स उपलब्ध होते है

report in ms access in hindi - रिपोर्ट क्या है

  आज हम  computers in hindi  मे  report in ms access in hindi (रिपोर्ट क्या है)  - ms access in hindi  के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-  report in ms access in hindi (रिपोर्ट क्या है):- Create Reportin MS - Access - MS - Access database Table के आँकड़ों को प्रिन्ट कराने के लिए उत्तम तरीका होता है , जिसे Report कहते हैं । प्रिन्ट निकालने से पहले हम उसका प्रिव्यू भी देख सकते हैं ।  MS - Access में बनने वाली रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ :- 1. रिपोर्ट के लिए कई प्रकार के डिजाइन प्रयुक्त किए जाते हैं ।  2. हैडर - फुटर प्रत्येक Page के लिए बनते हैं ।  3. User स्वयं रिपोर्ट को Design करना चाहे तो डिजाइन रिपोर्ट नामक विकल्प है ।  4. पेपर साइज और Page Setting की अच्छी सुविधा मिलती है ।  5. रिपोर्ट को प्रिन्ट करने से पहले उसका प्रिन्ट प्रिव्यू देख सकते हैं ।  6. रिपोर्ट को तैयार करने में एक से अधिक टेबलों का प्रयोग किया जा सकता है ।  7. रिपोर्ट को सेव भी किया जा सकता है अत : बनाई गई रिपोर्ट को बाद में भी काम में ले सकते हैं ।  8. रिपोर्ट बन जाने के बाद उसका डिजाइन बदल