time sharing system in hindi - टाइम शेयरिंग सिस्‍टम

 आज हम computer course in hindi मे हम time sharing system in hindi (टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्‍टम) के बारे में जानकारी देते क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-

time sharing system in hindi (टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्‍टम):-

time sharing system, multi programmed batch system एक ऐसा environment provide करता है जिसमें विभिन्न सिस्टम रिसोर्स जैसे - सी.पी.यू . मैमोरी , पेरीफेरल डिवाइसेज का प्रयोग full potential पर किया जा सकता है । एक बैच सिस्टम में यूजर व्यू के अनुसार कुछ कठिनाइयाँ होती हैं । इसमें एक यूजर उस जॉब के साथ व्यवहार नहीं बना सकता है , जो कि execute हो रहा है । यूजर को कन्ट्रोल कार्ड को सेट कर लेना चाहिये जिससे प्राप्त होने वाले आउटपुट को सम्भाला जा सके । multiple jobs में Subsequent Step East के steps के रिजल्ट पर based होते हैं जिसमें किसी भी प्रोग्राम की runing , उसके सफलतापूर्वक कार्यों पर based होती है , लेकिन यहाँ पर इस बात की problem रहती है कि सभी स्थितियों में हमें क्या करना चाहिये । यह decision लेना काफी कठिन होता है । एक प्रोग्रामर किसी प्रोग्राम में उसके behaviour के reverse change नहीं कर सकता है क्योंकि यह उसके उपर depend नहीं होता है । टाइम शेयरिंग या मल्टीटास्किंग , मल्टी प्रोग्रामिंग का लॉजिकल एक्सटेन्शन हैं । सी.पी.यू. स्विचिंग द्वारा मल्टीपल प्रोग्राम को execute कर सकता है परन्तु इन स्विचों के माध्यम से यूजर प्रत्येक प्रोग्राम के साथ behaviour बना सकता है चाहे वह प्रोग्राम इन ही क्यों न हो रहा हो ।

एक कम्प्यूटर सिस्टम , यूजर तथा सिस्टम के मध्य एक ऑन - लाइन कम्प्यूनिकेशन established करता है । यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम को instructions provide करता है जिससे ताकि तुरन्त response received किया जा सके । सामान्यत एक की - बोर्ड का प्रयोग इनपुट देने के लिये किया जाता है तथा डिस्प्ले स्क्रीन ( CRT मॉनीटर ) का प्रयोग आउटपुट प्रदान करने के लिये किया जाता है । जब ऑपरेटिंग सिस्टम एक कमान्ड का execute समाप्त कर लेता है तो वह अगले control statement का इन्तजार करता है और यह control statement वह कार्ड रीडर से प्राप्त न करके यूजर के की - बोर्ड से प्राप्त करता है । एक यूजर एक कमान्ड देता है फिर इसके जवाब का इन्तजार करता है । इसके बाद वह उस कमान्ड के रिजल्ट के base पर अपना अगला कमाण्ड देता है । यूजर इसका प्रयोग आसानी से कर लेता है तथा इसका परिणाम भी शीघ्र प्राप्त कर लेता है ।

time sharing system in hindi


mostly systems के पास attractive text editor होते हैं जिनका प्रयोग प्रोग्रामों को enter कराने के लिये किया जाता है तथा एक attractive Debugger होता है जो कि प्रोग्रामों की डिबगिंग में सहायता प्रदान करता है । अगर यूजर डाटा तथा कोड दोनों की एक साथ एक्सेस करता है तो हमें यहाँ ऑन - लाइन फाइल सिस्टम उपलब्ध होती है । एक फाइल सम्बन्धित सूचनाओं का store होता है जो उसके यूजर द्वारा define किया जाता है । सामान्य फाइलें program source form व object form तथा डाटा को display करती हैं । एक डाटा फाइल न्यूमेरिक , अल्फाबेटिक या अल्फान्यूमेरिक हो सकती है । फाइल फ्री - फार्म  जैसे - टैक्स्ट फाइल के रूप में भी हो सकती है । सामान्य भाषा में हम यह कह सकते है कि बिट्स , बाइट्स , लाइनों या रिकार्डों का order जिसका अर्थ उसके यूजर द्वारा बताया गया हो , फाइल कहलाता है । ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा किसी फाइल का सारा मास स्टोरेज डिवाइसों में systematic करके express किया जा सकता है । 

मास - स्टोरेज डिवाइस के उदाहरण - टेप व डिस्क

 फाइलें सामान्यत logical cluster या directory के रूप में systematic रहती है जिनको ढूँढ़ना व प्राप्त करना बहुत आसान होता है ।

batch system बड़े जॉबों के implementation के लिये रहता है क्योकि इन जॉबों के implementation में बहुत कम से कम interference को रखना पड़ता हैं । इसमें यूजर अपना जॉब सबमिट कर देता है तथा रिजल्ट का इन्तजार करता है परन्तु इसमें यह आवश्यक नहीं होता है कि उस जॉब को सबमिट करें तथा रिजल्ट का इन्तजार करे । इसमें कुछ जॉबों को छोटे - छोटे एक्शनों में बाँटकर उपयोग किया जा सकता है । यहाँ अगले कमान्ड का रिजल्ट uncertain होता है इसलिये यूजर अपना जॉब सबमिट करता है तथा रिजल्ट का इन्तजार करता है । इसका रेस्पॉन्स टाइम काफी कम मतलब सेकेण्ड में होता है । जब हमें कम रेस्पॉन्स टाइम की आवश्यकता होती है तब interactive system का प्रयोग किया जाता है । पहले के समय  सिंगल यूजर कम्प्यूटर इन्टरएक्टिव सिस्टम ही हुआ करते थे जो इस तरह के पूरे सिस्टम प्रोग्रामर / ऑपरेटर का तुरन्त management कर दिया करते थे । इस प्रकार की स्थिति प्रोग्रामर को full flexibility व freedom provide की जाती है , जिससे प्रोग्राम टेस्टिंग व डेवलपमेन्ट किया जा सके । परन्तु इन सिस्टमों में आने वाली लागत बहुत उच्च होती थी । बैच ऑपरेटिंग सिस्टमों का निर्माण इस तरह की समस्या से उभरने के लिये किया गया है । बैच सिस्टम के द्वारा किसी भी सिस्टम की उपयोग क्षमता में growth की जा सकती है ।

time sharing operating system in hindi:-

इसी प्रकार Time sharing system का निर्माण भी कम्प्यूटर सिस्टम के interactive use के लिये किया गया था जिसे fair price पर प्राप्त किया जा सकता है । एक टाइम शेयर्स ऑपरेटिंग सिस्टम , सी.पी.यू. शेड्यूलिंग तथा मल्टी प्रोग्रामिंग का प्रयोग करते हैं जिससे time shared कम्प्यूटर के छोटे - छोटे हिस्से प्रत्येक यूजर को प्रदान कर दिये जाये । प्रत्येक यूजर के पास मेमोरी में कम से कम एक अलग प्रोग्राम होना चाहिय । एक प्रोग्राम जो कि मेमोरी में लोड रहता है तथा उसके implementation को हम प्रोसेस नाम से हैं । इनपुट / आउटपुट interactive होते हैं । आउटपुट का प्रयोग यूजर के डिस्प्ले के लिये किया जा सकता है तथा इनपुट यूजर के की - बोर्ड से provide किया जाता है । वैसे तो interactive output बड़ी ही धीमी गति से कार्य करते हैं इनको पूरा करने में काफी समय भी लग जाता है । back time shared operating system बहुत सारे यूजरों को इस बात की permission provide करता है कि वह कम्प्यूटर को order से शेयर कर सके । टाइम शेयर्ड सिस्टम में प्रत्येक एक्शन बहुत छोटा होता है अर्थात् प्रत्येक यूजर के लिये कम समय ही आवश्यक होता है । इस प्रकार के सिस्टम में सिस्टम का transfer एक यूजर से दूसरे यूजर को होता रहता है । प्रत्येक यूजर उस सिस्टम पर इस कार्य द्वारा यह प्रभाव डालता है कि यह सिस्टम है । जबकि वास्तविकता में वह कम्प्यूटर एक शेयर्ड कम्प्यूटर होता है । time sharing system की testing 1960 के आस - पास किया गया था परन्तु उस समय टाइम शेयर्ड सिस्टम कठिन व महँगा होने के कारण इसको बनाना कठिन था जिसके कारण यह सिस्टम सन् 1970 तक भी लागू नहीं हो पाया । इस सिस्टम को बढ़ावा उस समय मिला जब वैज्ञानिकों ने बैच तथा टाइम शेयर्ड सिस्टमों को एक साथ मिला दिया । बहुत सारे कम्प्यूटर सिस्टम जिनको पहले बैच सिस्टम के रूप में डिजाइन किया गया था , अब उनको मॉडीफाई करके टाइम शेयरिंग सिस्टम प्रदान कर रहे हैं ।

वैसे तो एक टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम , मल्टी प्रोग्राम्ड ऑपरेटिंग सिस्टम की तुलना में ज्यादा complex होते है । मल्टीप्रोग्रामिंग में बहुत सारे जॉब मेमोरी में order से स्थित रहते है जो मेमोरी मैनेजमेन्ट तथा protection की माँग करते हैं जिसमें एक satisfactory response time प्राप्त किया जा सकता है । इसमें जॉब मेमोरी से आती जाती रहती है । यह सारे जॉब मेमोरी से डिस्क तक जाते है तथा यह मुख्य मेमोरी के backup का कार्य करती है । इस लक्ष्य को प्राप्त करने के सामान्य use में आने वाले तरीके को वर्चुअल मैमोरी कहते हैं । यह एक तकनीक है जो उस जॉब के implementation को permission provide करती है जो कि मेमोरी में पूरा नहीं हुआ है । इस स्कीम का सबसे बड़ा लाभ यह है कि प्रोग्राम का आकार फिजिकल मेमोरी से ज्यादा होता है । यह फाइल सिस्टम एक ऑन - लाइन फाइन सिस्टम प्रदान करता है । 

जब सी.पी.यू. को multiple users के मध्य कार्य के लिये उपलब्ध कराया जाता है अर्थात किसी scheduled task को करने के लिये यूजरों द्वारा सी.पी.यू. के use के समय को divided कर दिया जाता है तो यह टाइम शेयरिंग कहलाता है । टाइम शेयरिंग में किसी समस्या के समाधान के लिये बहुत से यूजरों को सी.पी.यू. को driven करने की सुविधा होती है । इस कार्य के लिये प्रत्येक यूजर को अलग से terminal provide किया जाता है और यह सभी terminal मुख्य कम्प्यूटर से जुड़े रहते हैं । टाइम शेयरिंग में प्रत्येक यूजर terminal सी.पी.यू. का कुछ समय के लिये use कर सकता है और scheduled time के बाद सी.पी.यू. इस दूसरे यूजर को provide कर दिया जाता है । किसी यूजर terminal द्वारा कुल समय का जो समय काम में लिया जाता है , टाइम क्वान्टम ( Time Quantam ) कहलाता है । इसका मान सामान्य 10 से 20 मिली सेकेण्ड होता है ।

टाइम शेयरिंग के लाभ (Advantage of Time Sharing system in hindi) :-

1. टाइम शेयरिंग द्वारा छोटे यूजर हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर का उपयोग कर सकते है । 

2. टाइम शेयरिंग के उपयोग से सी.पी.यू. का अधिकतम उपयोग हो सकता है । जब इनपुट / आउटपुट क्रियाएँ होती हैं उस समय सी.पी.यू. का समय Useless जाता है किन्तु टाइम शेयरिंग में सी.पी.यू प्रोग्राम समाप्त होने पर वह शीघ्रता से दूसरे प्रोग्राम में व्यस्त हो जाता है । 

3. टाइम शेयरिंग में एक सॉफ्टवेयर लाइब्रेरी होती है जिसमें अधिकता से काम आने वाले प्रोग्राम store होते हैं जिनका उपयोग कोई भी related users कर सकता है । उसे प्रोग्राम लिखने की आवश्यकता नहीं होती । उसे केवल instruction provide करके ऑन - लाइन प्रोग्राम को प्राप्त करना होता है तथा डाटा भेज कर वह कार्य कर सकता है । 

4. टाइम शेयरिंग द्वारा शीघ्र प्रतिक्रिया होती हैं । इससे यूजर की work efficiency में बहुत अधिकं growth होती है।

5. टाइम शेयरिंग में यूजर को एक ऑन लाइन फाइल उपलब्ध रहती है । जिससे वह related information प्राप्त कर सकता है । इसमें अत्यधिक लम्बी व बड़ी कागज रिपोर्ट की आवश्यकता नहीं होती है । 

टाइम शेयरिंग की हानियाँ ( Dis advantage of Time sharing systems in hindi) :-

1. टाइम शेयरिंग में अनेक यूजर एक साथ कार्य कर सकते हैं । जिसके कारण उनके प्रोग्रामों के मिलने तथा डाटा की सुरक्षा की समस्या रहती हैं ।

2. टाइम शेयरिंग में reliability की भी समस्या बनी रहती है जिससे डाटा संचार क्षेत्र में टाइम शेयरिंग कम्प्यूटर कम गति से कार्य कर पाते है । 

3. इसमें कम्प्यूटर का रेस्पॉन्स टाइम अधिक हो जाता है यदि एक साथ अनेक यूजर कार्य कर रहे हो तो उन्हें परिणाम धीमी गति से प्राप्त होता है ।




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