पुण्यश्लोका लोकमाता अहल्यादेवी होलकर-1:-
- 31 मई, 2024 से अहल्यादेवी होलकर का '300 वाँ' जयंती वर्ष प्रारंभ हो गया है। उनका जीवन भारतीय इतिहास का एक गौरवशाली स्वर्णिम पर्व है। ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले सामान्य परिवार की बालिका से एक असाधारण शासनकर्ता तक की उनकी जीवनयात्रा आज भी प्रेरणा का महान स्रोत है।
- वे कर्तृत्व परायण, सादगी, धर्म के प्रति समर्पण, प्रशासनिक कुशलता, दूरदृष्टि एवं उज्वल राष्ट्रीय चारित्र्य का अद्वितीय आदर्श थीं।
- 'श्री शंकर आज्ञेवरून' (श्री शंकर जी की आज्ञानुसार) इस राजमुद्रा से चलने वाला उनका शासन हमेशा भगवान् शंकर के प्रतिनिधि के रूप में ही काम करता रहा....।
- उनका लोक कल्याणकारी शासन भूमिहीन किसानों, भीलों जैसे जनजाति समूहों तथा विधवाओं के हितों की रक्षा करनेवाला एक आदर्श शासन था।
- समाजसुधार, कृषिसुधार, जल प्रबंधन, पर्यावरण रक्षा, जनकल्याण और शिक्षा के प्रति समर्पित होने के साथ साथ उनका शासन न्यायप्रिय भी था।
- समाज के सभी वर्गों का सम्मान, सुरक्षा, प्रगति के अवसर देने वाली समरसता की दृष्टि उनके प्रशासन का आधार रही।
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