सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

SQL data types in hindi - SQL in hindi

 आज हम computers in hindi मे sql data types in hindi- DBMS in hindi के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-

SQL data types in hindi:-

इसमे डाटाटाईप का उपयोग डाटा के उस प्रकार की define करने के लिए किया जाता है , जिसे किसी फील्ड विशेष मे Storge किया जाता है । 

sql data types in hindi:-

1 . Char ( Size ) :-

इस डाटाटाईप का उपयोग तय लंबाई की Character string को संग्रहित करने में किया जाता है और साईज करेक्टरों की संख्या निर्धारित करने , जिन्हें हम फील्ड के लिए स्टोर करना चाहते है। अधिकतम संभव फील्ड साईज 255 केरेक्टर का होता है ।

2 . Varchar (Size) or Varchar2 (Size) :-

इस डाटा टाईप का उपयोग Alphanumeric data को स्टोर करने के लिए किया जाता है और इसके लिए जिस अधिकतम साईज की अनुमति दी जा सकती है , वह 2000 केरेक्टर होता है ।

3. Number ( P , S ) :-

इस डाटाटाईप का उपयोग अंकों फिक्स या Floating point को स्टोर करने में किया जाता है और डिसीजन ( P ) डाटा की अधिकतम लम्बाई को तय करता है । जबकि स्कैल ( S ) दशमलव के दांयी ओर स्थान की संख्या तय करता है और यदि स्केल नहीं दी गई है , तो इसे डिफॉल्ट के लिए शून्य के रूप में लिया जाता है । 
उदाहरण : Price Number ( 5.2 ) अधिकतम मान जिसे यहाँ संग्रहित किया जा सकता है , वह ' 999.99 ' है । 

4 . Date :-

इस डाटा टाईप का उपयोग तारीख व समय को show के लिए किया जाता है और स्टेंडर्ड फॉर्मेट ' DD - MM - YY ' है । उचित फंक्शन्स का उपयोग करके इस फॉर्मेट को बदला जा सकता है । 12:00:00 डिफॉल्ट टाईम है । यदि Specific नहीं की गई तो चालू माह का पहला दिन डिफॉल्ट डेट होता है ।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

half adder and full adder in hindi

  आज हम  computer in hindi  मे  आज हम half adder and full adder in hindi - computer system architecture in hindi   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- half adder and full adder in hindi:- 1. half adder in hindi 2. full adder in hindi  1. Half adder in hindi:- half adder  सबसे basic digital arithmetic circuit 2 binary digits का जोड़ है।  एक combination circuit जो दो bits के arithmetic जोड़ को display करता है उसे half adder कहा जाता है।   half adder के इनपुट variable को Augend और addend bits कहा जाता है। आउटपुट योग और Carrie को बदलता है। दो आउटपुट variable Specified करना आवश्यक है क्योंकि 1 + 1 का योग बाइनरी 10 है, जिसमें दो अंक हैं। हम दो इनपुट वेरिएबल्स के लिए x और y और दो आउटपुट वेरिएबल के लिए S (योग के लिए) और C (कैरी के लिए) असाइन करते हैं। C output 0 है जब तक कि दोनों इनपुट 1 न हों। S आउटपुट योग के कम से कम महत्वपूर्ण बिट ...

महाकुंभ-आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिकता की यात्रा

महाकुंभ-आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिकता की यात्रा-1:- कुंभ मेला दुनियां में आस्था और आध्यात्मिकता की सबसे असाधारण अभिव्यक्तियों में से एक है, जो भारतीय संस्कृति और धर्म के शाश्वत सार को दर्शाता है। यह हिंदू परंपराओं में गहराई से निहित एक पवित्र तीर्थयात्रा है, जहाँ लाखों भक्त, साधु- सन्त (पवित्र पुरुष), विद्वान् और साधक ईश्वर में अपनी सामूहिक आस्था का उत्सव मनाने के लिए एकत्र होते हैं। जहां राष्ट्रीय एकात्मता और सामाजिक समरसता के सहज दर्शन होते हैं।* यह स्मारकीय आयोजन महज धार्मिक उत्सव की सीमाओं से परे जाकर भक्ति, सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक जागृति के जीवंत संगम के रूप में विकसित होता है। महाकुंभ-आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिकता की यात्रा-2:- चार पवित्र स्थानों- हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन - पर चक्रीय रूप से आयोजित होने वाला कुंभ मेला सत्य और मोक्ष की शाश्वत खोज का प्रतीक है। इन स्थानों को मनमाने ढंग से नहीं चुना जाता है; वे प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों और आकाशीय संरेखण से आंतरिक रूप से जुड़े हुए हैं, जो इन पर्वों को गहन आध्यात्मिक महत्त्व देते हैं। प्रत्येक स्थल नदियों या तीर...

शिक्षक का व्यवहार कैसा होना चाहिए? (What should be the behaviour of a teacher?)

 शिक्षक का व्यवहार कैसा होना चाहिए:-  शिष्य एवं शिक्षक के बीच शिष्टाचार-1:- एक विद्यार्थी अपने शिक्षक से ज्ञान प्राप्त कर जीवन में अग्रसर होता है, अपने जीवन का निर्माण करता है। जो विद्यार्थी अच्छे गुणों को ग्रहण कर शिष्टाचारी बनकर जीवन- पथ पर आगे बढ़ता है; जीवन में उच्च पद, सम्मान आदि प्राप्त करता है और उसको समाज में एक आदर्श व्यक्तित्व का दर्जा प्राप्त होता है। दूसरी ओर वह शिष्य है, जो अशिष्ट है। वह इस दुनियां में आता है और चला जाता है। उसका जीवन कीड़े-मकोड़े की तरह होता है- अर्थात् उनका कोई अस्तित्व नहीं होता। वह निरुद्देश्य जीवन जीते मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। जहाँ एक ओर विद्यार्थियों को अपने गुरुजनों, शिक्षकों के साथ सम्मानजनक उचित व्यवहार करना चाहिए, वहीं दूसरी ओर शिक्षकों को भी अपने शिष्यों, विद्यार्थियों के सम्मान का उचित ध्यान रखना चाहिए, अर्थात् दोनों का एक-दूसरे के प्रति शिष्टाचार आवश्यक है।  शिष्य एवं शिक्षक के बीच शिष्टाचार-2:- विद्यार्थी को अपना कार्य स्वयं करना चाहिए, न कि अपने माता-पिता अथवा अभिभावक पर निर्भर होना चाहिए। जो विद्यार्थी अपना कार्य स्वयं कर...