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multiplexing in hindi

 आज हम computers in hindi मे multiplexing in hindi - computer network in hindi के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- 

multiplexing in hindi (मल्टीप्लेक्सिंग क्या है):-

Multipexing, सेटेलाइट ( Satellite ) कम्प्यूनीकेशन के लिए Data signals , TV signals तथा Telephone signals को लेते हैं तथा उनको वापस Receiver तक भेजते हैं । डेटा सिग्नल , digitally transmit किये जाते हैं जबकि telephone signals , digitally भी हो सकते हैं या analog भी हो सकते हैं अर्थात् Satellite , Earth station से कई प्रकार के सिग्नल रिसीव करता है ये सिग्नल एक - दूसरे से Separated होते हैं जो इन्हें आपस में interfacing से बचाता है इस Separation को मल्टिप्लेक्सिंग ( Multiplexing ) कहते हैं । 

multiplexing techniques in hindi:-

ऐसी प्रक्रिया जिसमें एक ही Channel के द्वारा बहुत से सिग्नल without interfacing या minimum interfacing भेजे जाते हैं, Multipexing (मल्टीप्लैक्सिंग) कहलाती है । इसमें प्रत्येक सिग्नल के बीच seperation होता है ।
Multipexing यह परिभाषित करता है कि किस प्रकार कई सारे User , Medium या Channel को आपस में Share करते हैं । मल्टीप्लैक्सिंग ( Multiplexing ) की तुलना एक highway से कर सकते हैं जिस पर कई सारे प्रयोगर्ता ( Car , Bus , etc. ) , without interfacing ( accidents ) गमन करते हैं ।

Types of multiplexing techniques in hindi:-

( 1 ) Space division multiplexing 
( 2 ) Frequency division multiplexing 
( 3 ) Time division multiplexing 
( 4 ) Code division multiplexing 

1. Space Division Multiple Access in hindi ( SDMA ):-

SDMA में प्रत्येक यूजर को एक Separated Space दिया जाता है । इसमें ट्रैफिक density के अनुसार अलग - अलग तरह के चैनलों का उपयोग करके इसकी transmission rate बढ़ायी जाती है तथा रीसीवर छोर पर अलग - अलग सिग्नल के लिये अलग - अलग लाइनें होती हैं , जिनसे वे पृथक किये जाते हैं अत : इस तरह प्रत्येक यूजर को एक connection प्रदान किया जाता है जैसे कि टेलीफोन एक्सचेंज में multiwire cable का प्रयोग करके बहुत से Subscriber के लिये एक लाइन बनायी जाती है जो कि subscriber के घरों के पास पुनः isolated कर दी जाती हैं ।

2. Frequency division multiplexing in hindi (FDMA):-

FDMA में सिग्नलों को अलग - अलग Frequency से भेजा जाता है । FDMA में कुल उपलब्ध frequency spectrum को कई अलग - अलग non - overlapping frequency band में विभाजित किया जाता है अर्थात् overall capacity को number of channel में विभाजित किया जाता है । FDMA का उपयोग  GEO Communication Satellite तथा Advanced Mobile Phone Service में किया जाता है । 
FDMA , Analog तथा digital signal दोनों प्रकार के सिग्नल साथ कार्य कर सकता है । इसमें एक यूजर एक ही समय में Single frequency पर ही transmission कर सकता है । 
FDMA का उपयोग Galaxy satellite में किया जाता है , 
Example of FDMA:- यदि कोई satellite C - band frequency उपयोग  करता है तथा 500 MHz frequency provide करता है और इसमें 24 channel हों तो इस 500 MHz frequency को 24 channel में विभाजित किया जाता है । मतलब प्रत्येक चैनल को 40 MHz band width provide होती है । प्रत्येक 40 MHz में 4 MHz gurad band signal होता है इसलिए एक channal 36 MHz का ही होता है । इसमें Frequency reuse का concept प्रयोग किया जाता है , उदाहरण के तौर पर C1 channel 3700 से 3740 तक है तथा C2 channel 3720 से 3760 तक है यानि C और C2 दोनों 3720 से 3740 ( 20 MHz bandwidth ) Reuse करते हैं अर्थात् आपस में Share करते हैं इसलिए इनको Horizontal और Vertical विभाजित किया जाता है । इसमें प्रत्येक 40 MHz Channel वापस निम्न Sub - channel में होता है-
  • 1200 voice channel . 
  •  1 Data channel with 50 Mbps speed 
  •  16 Data Channel with 1.5 Mbps speed 
  • 400 Data channel with 64 Kbps speed 
  • 600 Data channel with 40 Kbps speed 
  • 1 analog video channel 
  • 6 to 9 digital video channel 
FDMA का उपयोग रेडियो स्पैक्ट्रम को विभाजित करने में किया जाता है इसमें पूरी Bandwidth को छोटी - छोटी Frequency band में विभाजित कर दिया जाता है जो रडियो ट्रांस्मिशन या FM में काम आता है । इसका मुख्यतः उपयोग satellite communication में किया जाता है जिसमें प्रत्येक यूजर अलग - अलग तथा एक Unique frequency पर काम करता है तथा Data transmit करता है ।

3. time division multiplexing in hindi(TDMA):-

इसका पूरा नाम टाईम डिविज़न मल्टीपल एक्सेस है । इसे डिजिटल सिग्नल्स के साथ प्रयोग किया जाता है। इसके अन्तर्गत विभाजित उप बैण्ड को मल्टीपल एक्सेस सुविधा दी जाती हैं।अन्तर्गत समस्त इसके टर्मिनल्स कुछ समय के लिए एक ही फ्रीक्वेंसी पर एक्टिव होते हैं । इसके अन्तर्गत फ्रेमिंग एक प्राथमिक आवश्यकता है । इसमें डेटा को फ्रेमों के माध्यम से भेजा जाता है । यह बहुत ही सरल व पूर्ण रूप से डिजिटल तथा flexible होती है । इसके अन्तर्गत डेटा को अलग - अलग टाईम स्लॉट्स के माध्यम से अलग - अलग प्रयोगकर्ताओं को भेजा जाता है ।
Example:- SONET तथा ISDN चैनल्स हैं ।

4. Code division multiplexing technique (CDMA):-

इसका पूरा नाम कोड डिविज़न मल्टीपल एक्सेस ( code division multiple access ) है । यह एक डिजिटल सैल्यूलर फोन की तकनीक है , इसका प्रयोग विभिन्न रेडियो कम्यूनिकेशन तकनीकों के द्वारा किया जाता है । यह एक चैनल एक्सेस मैथड है , अर्थात् किसी चैनल को एक्सेस करने की विधि है । इस तकनीक के अन्तर्गत एक कम्यूनिकेशन चैनल को विभिन्न ट्रांस्मिटर्स के द्वारा एक ही समय पर सूचना भेजी जाती है । इसीलिए विभिन्न user frequency की एक बैण्ड को बांट सकते हैं ।
यह तकनीक अन्य सभी Multipexing तकनीकें जैसे कि SDMA , FDMA , TDMA से पूरी तरह अलग है । CDMA में स्टेशन पूरी frequency पर पूरे समय के लिए डेटा को ट्रांस्मिट कर सकता है । CDMA में प्रत्येक यूज़र को एक कोड के द्वारा Separate किया जाता है , इसके लिए प्रत्येक यूज़र को एक Unique code दिया जाता है । इसमें सभी प्रयोगकर्ता एक समान अर्थात् same carrier frequency का उपयोग करते हैं । इस तकनीक में सिग्नलों को एक विशेष प्रकार की कोडिंग से एनकोडेड किया जाता है , इससे ट्रांस्मिटर्स केवल उसी स्टेशन का डेटा स्वीकार करता है जो कि उसमें coded एड्रेस के रूप में संग्रहित है । इसके अतिरिक्त ट्रांस्मिटर्स केवल कोडेड वाले स्टेशनों को ही डेटा ट्रांस्मिट कर सकता है ।
यह spread spectrum तकनीक को प्रयोग करता है । CDMA में विशिष्ट प्रकार की कोडिंग स्कीम अपनाई जाती है , जिसके अन्तर्गत प्रत्येक ट्रांस्मिटर को एक से अधिक प्रयोगकर्ता निर्भर हो सकते हैं । इसका प्रयोग सर्वप्रथम सन् 1957 में LK - 1 नामक मोबाईल फोन में किया गया था । LK - I मोबाईल का प्रयोग परीक्षण के लिए किया गया था । LK - 1 मोबाईल का वजन करीब 3 किलोग्राम था , इसकी दूरी की रेंज 20-30 किलोमीटर थी तथा इसकी बैट्री 20-30 घंटे तक चल सकती थी । इसका प्रयोग सन् 1993 में TIA ( Telecommunication Industry Assosiation ) के द्वारा किया गया था । CDMA के अन्तर्गत डेटा को मल्टीकास्ट मोड पर ट्रांस्मिट किया जाता है।



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