आज हम computers in hindi मे Email kya h ( Email क्या है )- Internet tools in hindi के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-
What is Email in Hindi (Email क्या है):-
ई - मेल ऐसी सुविधा का नाम है जिसके माध्यम से किसी अन्य व्यक्ति को इलेक्ट्रॉनिक / डिजिटल रूप में संदेश भेजा जा सके । यह इंटरनेट पर उपलब्ध एक प्रमुख सुविधा है । भेजे जाने वाले इस संदेश में टैक्स्ट के साथ - साथ ग्राफिक , साउंड तथा विडियो भी भेजा जा सकता है ।
1. ई - मेल एड्रेस सिस्टमः-
ई - मेल एड्रेस में यूजर का नाम तथा ई - मेल सर्वर का डोमेन नेम शामिल होता है ।
उदाहरण:- ravi@gmail.com में ravi यूज़र का नाम है तथा gmail.com ई - मेल सर्वर का डोमेन नेम है ।
2 हैडरः-
प्रत्येक ई - मेल के प्रारंभ में कुछ जानकारियां स्टोर रहती हैं । यह प्रमुख जानकारियां / फील्ड्स होती हैं :-
• To:-
ई - मेल पाने वाले का ई - मेल एड्रेस । यह एड्रेस किसी भी सर्वर पर हो सकता है ।
•CC:-
कार्बन कॉपीः समान ई - मेल को किसी अन्य व्यक्ति को यदि भेजा जाना हो तो वह एड्रेस इस फील्ड में आता है ।
•BCC:-
ब्लाइंड कॉर्बन कॉपी : cc के माध्यम से भेजी जाने वाली कॉर्बन कॉपी का पता TO में लिखे एड्रेस वाले व्यक्ति को चला जाता है वहीं BCC के माध्यम से भेजी जाने वाली कार्बन कॉपी का पता To वाले व्यक्ति को नहीं चलता है।
•Sender:-
ई - मेल भेजने वाले व्यक्ति का ई - मेल एड्रेस
•Received:-
ई - मेल प्राप्त होने का समय एवं दिनांक
•Reply to:-
वह ई - मेल एड्रेस जहां ई - मेल का जवाब भेजा जाना हो ।
•Message-ID:-
प्रत्येक ई - मेल मैसेज की पहचान के लिए एक यूनिक नंबर
•Subject:-
संदेश से संबंधित संक्षिप्त विषय
3. संदेश ( body ) :-
यह मुख्य संदेश / मैसेज होता है जो कि यूज़र भेजना चाहता है । यह मैसेज टैक्स्ट आधारित होता है ।
4. अटैचमेंट ( attachment ) :-
किसी ई - मेल के साथ अन्य फाइल को भी भेजा जा सकता है । ऐसी अन्य फाइल को अटैचमेंट के रूप में भेजना होता है । यह अन्य फाइल कोई पिक्चर , साउंड , विडियो या कोई भी अन्य फॉर्मेट वाली फाइल हो सकती है ।
5. सिग्नेचर ( signature ) :-
प्रत्येक ई - मेल के अंत में हम स्वयं का नाम एवं अन्य जानकारियां जैसे पद , पता आदि लिखते हैं । ई - मेल की भाषा में इसे सिग्नेचर कहा जाता है।
E-mail functionality:-
E-mail functionality पोस्ट ऑफिस तकनीक पर आधारित है । यह पोस्ट ऑफिस सर्वर (what is server in hindi ?) पर स्थित हार्डडिस्क पर ऐसा एरिया होता है जहां पर ई - मेल स्टोर रहती है । इस एरिया में ही प्रत्येक यूजर द्वारा भेजी जाने वाली तथा प्राप्त ई - मेल स्टोर होती । ई - मेल भेजने के लिए यूजर किसी ई - मेल क्लाइंट या वेबसाइट आधारित सेवा की सहायता लेता है । इस ई - मेल क्लाइंट की सहायता से निम्नांकित फील्ड्स में आवश्यक जानकारियां भर दी जाती हैं , जिसे ई - मेल कंपोज करना भी कहा जाता है।
TO , CC , BCC , Subject तथा मैसेज
जब यूज़र क्लाइंट से Send बटन पर क्लिक करता है तो कंपोज किया गया मैसेज इंटरनेट सेवा प्रदाता ( ISP ) के माध्यम से उसी यूजर के अकाउंट में स्टोर हो जाता है ।
इसके पश्चात् यूजर का ई - मेल सर्वर To , CC तथा BCC में लिखे विभिन्न अन्य ई - मेल सर्वर (what is server in hindi ?) को सर्च करता है ।
ऐसे सर्वर (what is server in hindi ?) मिल जाने पर यह जांच करता है कि प्राप्तकर्ता का अकाउंट उस सर्वर (what is server in hindi ?)
पर है या नहीं । यदि अकाउंट मिल जाता है तो वह मैसेज की कॉपी प्राप्तकर्ता के अकाउंट में इनबॉक्स में भेज देता है ।
6. मल्टीपल मेल अकाउंट :-
एक ई - मेल अकाउंट पर अन्य सर्विस प्रोवाइडर्स के अकाउंट जोडे जा सकते हैं ।
7. वायरस एवं स्पैम फिल्टरिंग:-
ई - मेल सिस्टम में ही वायरस एवं स्पैम फिल्टरिंग का विकल्प आजकल मिलने लगा है । इससे स्पैम मेल स्वतः इनबॉक्स से spam फोल्डर में चली जाती है ।
8. मेल फॉरवर्डिग / रिप्लाय :-
प्राप्त ई - मेल को आगे किसी अन्य को भेजने के लिए इस फॉरवर्ड फीचर का प्रयोग किया जाता है । वहीं रिप्लाय फीचर के माध्यम से मेल भेजने वाले को जवाब भेजा जा सकता है । इसके अतिरिक्त ऑटो रिप्लाय फीचर भी होता है जो मेल भेजने वाले को स्वतः जवाब भेज देता है ।
9. लेबलिंग:-
लेबलिंग के माध्यम से प्राप्त ई - मेल को भविष्य में आसानी से सर्च करने के लिए उस पर लेबलिंग की जा सकती है ।
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