सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

hyperlink in hindi - हाइपरलिंक क्या है?

आज हम internet technology in hindi मे हम hyperlink in hindi - हाइपरलिंक क्या है? के बारे में जानकारी देते क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- 

hyperlink in hindi (हाइपरलिंक क्या है?):-

इंटरनेट सूचना और ज्ञान का महासागर है जिसमें लगभग सभी विषयों एवं क्षेत्रों से सम्बन्धित जानकारी उपलब्ध है । मनुष्य ने अब तक जो कुछ भी उपलब्धि प्राप्त की है वह सब कुछ इंटरनेट के माध्यम से दुनियां के किसी भी भाग में प्राप्त है । वेब पेज के द्वारा इंटरनेट से जुड़े कम्प्यूटर पर सूचना और document submission किये जाते हैं । 
hyperlink kya hai

हाइपर टैक्स्ट ( Hyper Text ) :-

वेब पेज में किसी शब्द , वाक्य अथवा चित्र को किसी अन्य पेज या टैक्स्ट से जोड़ने पर वेब पेज अधिक उपयोगी हो जाता है । ऐसे हाइपर टैक्स्ट पर माउस click द्वारा टैक्स्ट पर show हो जाता है ।

हाइपर लिंक्स ( Hyperlink in hindi ):-

 किसी वेब पेज में जब किसी पेज से जोड़ा जाता है तो ऐसे टैक्स्ट को हाइपर टैक्स्ट कहते हैं । हाइपर टैक्स्ट के ऊपर माउस पॉइंटर की shape change हो जाती है । इससे हाइपर की उपस्थिति का signal user को मिलता है । हाइपर टैक्स्ट पर क्लिक करने पर कम्प्यूटर का control अन्य पेज में transferred होता है इस क्रिया को हाइपर जम्प ( hyper jump ) कहते हैं । 

Types of Hyperlink in hindi:-

1 बाह्य लिंक ( external link ) :-

 एक वेब पेज से दूसरे वेब पेज में transfer।
किसी वेब पेज में हाइपर टैक्स्ट पर क्लिक करने पर अन्य वेबसाइट स्क्रीन show होती है तो इसे external link कहते हैं । इसके लिए एन्कर टैग <A HREF> का use किया जाता है । 
 Step 1 : सबसे पहले प्रथम टैम्पलेट में मुख्य वेब पेज को सामान्य तरीके से बनाते हैं और इसी में एंकर टैग का प्रयोग करते हैं । एंकर टैग <A HREF> के एट्रीब्यूट में द्वितीय टैम्पलेट का पाथ और फाइलनेम करते हैं । 
Step 2 : इसके बाद द्वितीय टैम्पलेट बनाते हैं जिसे प्रथम टैम्पलेट के हाइपर टैक्स्ट से लिंक करना है । 

<A HREF> टैग : - 

हाइपर टैक्स्ट को select करने के लिए एन्कर टैग <A HREF> का प्रयोग किया जाता है । इस टैग के HREF एट्रीब्यूट में Related template file का नाम दिया जाता है । 
Syntax : 
< A HREF = 44 अन्य टैम्पलेट या वेब साइट का नाम " > हाइपर टैक्स्ट के लिए शब्द या वाक्य 
</A> 
यहाँ HREF अन्य टैम्पलेट फाइ का नाम और पाथ देने के लिए use होता है । जिससे हाइपर टैक्स्ट को हम लिंक करना चाहते हैं ।
  HREF का पूरा नाम “ हाइपरटैक्स्ट रेफरेन्स "

2 आन्तरिक लिंक ( internal link ) :-

 एक ही वेब पेज में एक स्थान से दूसरे स्थान पर transfer।

इमेज लिंक्स ( Image Links ):-

 किसी वेब पेज में इमेजों को हाइपर लिंक बना देने से वेब पेज और अधिक उपयोगी हो जाता है । ऐसे इमेज जिन पर क्लिक करने से अन्य पेज show होता है , हाइपर इमेज लिंक कहलाते हैं । 

Method for creating image links:-

किसी वेब पेज में इमेजों को हाइपर टैक्स्ट के समान क्लिक करने योग्य हाइपर लिंक बनाया जा सकता है । जब IMG टैग को एन्कर टैग <A HREF> में दिया जाता है तो इमेज हाइपर लिंक वाली जाती है । इस कार्य के लिए एन्कर और इमेज टैग का format का प्रकार होता है । 
Syntax : 
<A HREF="हाइपर लिंक टैम्पलेट का पाथ"> 
< IMG SRC = " इमेज फाइल का पाथ " > </A>
इसे भी पढे! 

निवेदन :- अगर आपके लिए यह post थोडा भी useful रहा है तो इसे अपने friends के साथ Facebook, Instagram , telegram और whatsapp में share करिये और आपके subjects से related कोई प्रश्न हो तो नीचे comment में बताइये 
Thanks / धन्यवाद 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Query Optimization in hindi - computers in hindi 

 आज  हम  computers  in hindi  मे query optimization in dbms ( क्वैरी ऑप्टीमाइजेशन) के बारे में जानेगे क्या होता है और क्वैरी ऑप्टीमाइजेशन (query optimization in dbms) मे query processing in dbms और query optimization in dbms in hindi और  Measures of Query Cost    के बारे मे जानेगे  तो चलिए शुरु करते हैं-  Query Optimization in dbms (क्वैरी ऑप्टीमाइजेशन):- Optimization से मतलब है क्वैरी की cost को न्यूनतम करने से है । किसी क्वैरी की cost कई factors पर निर्भर करती है । query optimization के लिए optimizer का प्रयोग किया जाता है । क्वैरी ऑप्टीमाइज़र को क्वैरी के प्रत्येक operation की cos जानना जरूरी होता है । क्वैरी की cost को ज्ञात करना कठिन है । क्वैरी की cost कई parameters जैसे कि ऑपरेशन के लिए उपलब्ध memory , disk size आदि पर निर्भर करती है । query optimization के अन्दर क्वैरी की cost का मूल्यांकन ( evaluate ) करने का वह प्रभावी तरीका चुना जाता है जिसकी cost सबसे कम हो । अतः query optimization एक ऐसी प्रक्रिया है , जिसमें क्वैरी अर्थात् प्रश्न को हल करने का सबसे उपयुक्त तरीका चुना

acid properties in dbms - computers in hindi

 आज हम computers in hindi के अन्दर Properties of Transaction (acid properties in dbms) के बारे मे जानेगे क्या होता है तो चलिए शुरु करते हैं:- Properties of Transaction ( कार्यसम्पादन के गुण ) (ACID in hindi) :- Atomicity , Consistency , Isolation , Durability - ACID सामान्यत : किसी transaction की 4 प्रॉपर्टीज़ होती हैं-  1. Atomicity  2. Consistency  3. Isolation  4. Durability  1. Atomicity transaction :-   Atomicity transaction की प्रॉपर्टी के द्वारा यह comfirm किया जाता है की transaction   के द्वारा किए जाने वाले सभी ऑपरेशन पूर्ण होंगे या उनमें से एक भी execute नहीं होगा । इसमें transaction के प्रत्येक ऑपरेशन को एक अकेली यूनिट की भांति व्यवहार किया जाता है । आइए इसे एक example की सहायता से समझते हैं। acid properties with example :-  यदि प्रथम ऑपरेशन सफल पूर्ण हो जाए तथा द्वितीय ऑपरेशन पर आते ही transaction असफल अर्थात् फेल हो जाए तो ऐसी स्थिति में प्रथम ऑपरेशन भी rollback हो जाएगा । Atomicity को transaction manager के द्वारा नियंत्रित किया जाता है । transaction manager डेटाबेस