आज हम computers in hindi मे data security in hindi and integrity - DBMS in hindi के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-
data security (in hindi) and integrity:-
इस डाटाबेस Designers के goals में से एक यह सुनिश्चित करना होता है कि डाटा एकदम perfect रहें । व्यवसाय के rules को लागू करने की vision से Integrity Constants आवश्यक है और Integrity Constants यह sure करते हैं कि यूजर द्वारा डाटाबेस में किए फेरबदल से डाटा की Uniformity को कोई नुकसान नहीं पहुंचे । इस प्रकार ये Constants डाटाबेस को Accidentally पहुँचने वाले किसी नुकसान के खिलाफ इसकी रक्षा भी करते हैं । डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम टेबल के साथ Integrity Constants को भी Stored करता है और Integrity Constants को Stored करने के फायदे और उपयोग यह है कि data entry का विधि कोई भी क्यों न हो डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम Constants को टेबल पर perfrom किए गए प्रत्येक operation पर लागू करता रहता है और Constants को define करने के लिए किसी प्रोग्रामिंग की आवश्यकता नहीं है । Constants को एक Location पर store करके आसानी से बदला भी जा सकता है।
इस डाटाबेस Security का संबंध बुरी Fixed से किए जाने वाले एक्सेस के खिलाफ Security से होता है और डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में ऐसी प्रणाली होनी चाहिए जो यूजर्स को डाटा के उसी हिस्से तक रखें , जो उनके द्वारा performs किए जाने वालेfunction के लिए आवश्यक है । डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम को उन action के टाईप को भी limited करना चाहिए और जो ये user उनको उपलब्ध डाटा पर perform कर सकते हैं । डाटाबेस Security में डाटा सुरक्षित रखने की Policy and system दोनों शामिल रहते हैं और यहsure करते हैं कि बिना Proper authorization के Data access एवं delete नहीं हो सकें और Integrity का implication यह है कि डाटाबेस में Authorized रूप से किए Access, alternation और Dilution से डाटा की Validity में परिवर्तन नही होता है । सुरक्षा और डाटा की Concept of integrity हैं। सुरक्षा व Integrity के Execution में इस बात की आवश्यकता रहती है और Constants के रूप में कुछ Control system में मौजूद होता है ।
database security in hindi:-
इसमे domain किसी डाटाबेस में Table or attribute के फील्ड लिए values का सेट होता है और domain Constracts जिन्हें domain भी कहते हैं values का specifications होता है , जो किसी टेबल में Specific attribute को दिया जा सकता है । वह value जो प्रत्येक attribute को unjoin की जा सकता है , इसको निम्न में से एक या अधिक forms में Expressed किया जा सकता है : डाटा टाईप , Range of values अथवा specifications सेट में से value एवं किसी attribute को Specific domain का घोषित करना इसके द्वारा की जा सकने वाली value पर Constracts के रूप में काम करता है और जब भी डाटाबेस में कोई नया डाटा items inter किया जाता है , System Domain Constants का परीक्षण करती है । यह संभव है कि कई attribute का domain समान ही होता है । domain Constracts की Proper definition होने से हमें न सिर्फ डाटाबेस में insert की value को टेस्ट करने की सुविधा मिलती है और यह sure करने के लिए Queries को टेस्ट करने की अनुमति मिल जाती है कि जो तुलना की गई है , उसका कोई अर्थ निकल रहा होता है ।
इस डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में Atomic domain, Character set व number और डाटा , Alpha numeric और इसी प्रकार के General set होते हैं । Atomic domain को कभी - कभी एप्लीकेशन से मुक्त डोमेन के रूप में Mentioned किया जाता है , इसमे क्योंकि ये General set किसी Special application पर निर्भर नहीं होते हैं । किसी खास डाटाबेस में Valid values को Specific करके हम एप्लीकेशन पर Dependent domain को भी define कर सकते हैं और Structured और Composite Domain को Non-atomic values से बने होने के रूप में भी Specific किया जा सकता है । इसमे उदाहरण के लिए , Attribute address का domain जो गली नंबर व गली का नाम और शहर राज्य और जिप कोड Specific करता है , को Composite Domain के रूप में लिया जा सकता है ।
(1) "Not Null" Constants:-
NOT NULL Column constants यह sure करता है कि table column खाली नहीं छोड़ा जा सकता है । Syntax :
Create table tablename ( fieldname 1 datatype ( size ) NOT NULL fieldname 2 datatype ( size ) , fieldname 3 datatype ( size ) NOT NULL , ........... ) ;
Example :
Create table Course ( SubID Number ( 2 ) . Subject Cha ( 10 ) , Faculty Char ( 25 ) NOT NULL ) ; NOT NULL constants किसी टेबल के एक से अधिक फील्ड को दिया जा सकता है ।
(2) "Unique" Constants:
UNIQUE Column constants यह sure करता है कि टेबल colomn में कोई Duplicate value नही होता है । Syntax :
Create table tablename ( fieldname 1 datatype ( size ) UNIQUE , fieldname 2 datatype ( size ) , UNIQUE , fieldname 3 datatype ( size ) ......... ) ;
Example :
Create table Course ( SubID Number ( 2 ) , Subject Char ( 10 ) UNIQUE , Paculty Char ( 25 ) NOT NULL ) ; UNIQUE constants किसी टेबल के एक से अधिक coloum को दिया जा सकता है । इसमे NOT NULL और UNIQUE constants एक ही coloum को दिये जा सकते हैं ।
(3) Primary Constructs:
इस primary - key एक fields या columns अथवा fields का combination होता है और जिसे डाटाबेस डिजाईनर द्वारा किसी टेबल में रेकॉर्ड की पहचान करने के लिए चुना जाता है । primary - key constants NOT NULL और UNIQUE constants दोनों का मिला - जुला रूप है और किसी टेबल में रेकॉर्ड को Unique तरीके से Identify करने के लिए columns में inter की गई सारी values Unique होना चाहिए और उसमें कोई नल values नहीं होता है ।
Syntax :
Create table tablename ( fieldname 1 datatype ( size ) Primary key , fieldname 2 datatype ( size ) , fieldname 3 datatype ( size ) .......... ) ;
Example :
Create table Course ( SubID Number ( 2 ) , Primary key , Subject Char ( 10 ) UNIQUE , Paculty Char ( 25 ) NOT NULL ) ; इसमे किसी टेबल में केवल एक fields को primary - key के रूप में define किया जा सकता है और यदि हम किसी primary - key fields में Duplicates value insert करने की कोशिश करें , अरिकल एक error देता है ,
" ORA - 00001 : unique constraint SCOTT.SYS ConstraintName ) violated ) .
(4) Referential Integrity or Foreign Key:
इस foreign - key एक column या columns का समूह होता है और जिसकी value किसी अन्य टेबल की primary - key या Unique - key से निकाली जाती है । इस टेबल जिसमें Unique - key डिफाईन की जाती है , Foreign table कहलाता है और टेबल जो primary अथवा Unique की को डिफाईन करता है और foreign - key द्वारा Referenced किया जाता है , इसमे primary - table या master table कहलाता है । यह Reference adverb का उपयोग करके master table को foreign - key Definition में Referenc किया जा सकता है और यदि column का नाम Specific नहीं किया गया , तो Default oracle, master table में primary - key Reference करता है । इसमे चूंकि Foreign table टेबल्स के बीच Relationship को display करती है और इसे Referential Integrity भी कहते हैं । Referential Integrity Constants के rules होते हैं :
• इसमे Foreign key को किसी Primary table में किसी PRIMARY KEY या UNIQUE कॉलम को Reference करना चाहिए और इसमे Foreign key Built करते हैं
यदि कोई column या column का समूह Specification नहीं किया गया है और Foreign key अपने आप master table की primary key को references कर देता इसमे releted वेल्यू master table में Present में मॉजूद नहीं है , तो Foreign key किसी वेल्यू के INSERT या UPDATE को Dismissed कर देता है और यह master table के लिए DELETE को Dismissed कर देता है और यदि releted रेकॉर्ड DETAIL टेबल में मौजूद होती है । इसमे यदि ON DELETE CASCADE option set कर दिया जाता है और मास्टर टेबल का DELETE operation , डिटेल टेबल में reletd रेकॉर्ड के लिए DELETE option शुरू कर देता है । यह आवश्यक होता है कि FOREIGN KEY कॉलम ( कॉलम्स ) और CONSTRAINT column या columns में समान Width के मेचिंग डाटा टाईप हो ।
syntax:
Create table tablename ( fieldname 1 datatype ( size ) , fieldname 2 datatype ( size ) , ........ , Foreign key ( fieldname ) References mastertablename ( mastertable - fieldname ) [ ON DELETE CASCADE ] ) ; Examples :
Create table Course ( SubID Number ( 4 ) , Name Char ( 25 ) , Subject Char ( 10 ) , Foreign key ( subject ) References Course ( Subject ) ON DELETE CASCADE ) ;
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