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generalization and specialization in dbms in hindi - DBMS in hindi

 आज हम computers in hindi मे generalization and specialization in dbms in hindi - DBMS in hindi के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-

Generalization and Specialization in dbms in hindi :- 

 Entity Type से एक generalized Entity Type निर्धारित करने की process को generalization कहते है । उनके इस process में कई Entity Type के मध्य अंतर को hide किया जाता है , normal गुणों को पहचाना जाता है और उनको एक Super class में generalized किया जाता है जिसके actual Entity Type विशेष sub class होते हैं । 

 constraints and characteristics of specialization and generalization:- 

 एक Entity Type पर कई Specialization show किए हैं । इसके अनुसार कोई भी Entity every Specialization sub class के Related हो सकता है । हालांकि एक Specialization एक sub class भी रखता है । उदाहरण के लिये ( Manager ) Specialization को देखें । इस स्थिति में हम सर्किल चिन्ह का प्रयोग नहीं करेंगे ।  कुछ Specializations में super class के किसी Attribute मे कोई स्थिति लगाकर , Entity के बारे में dailtal प्राप्त कर सकते हैं जो कि subclass की मेम्बर हो चुकी है । ये sub class Predicate Defined या Condition Defined sub-class कहलाती है । उदाहरण के लिये EMPLOYEE Entity Type में कोई Attribute जॉब टाइप हैI  हम secretary subclass में Predict के द्वारा membership की स्थिति निर्धारित करते हैं । (Job Type = 'Secretary') इसे subclass का Defining predicate कहते हैं ।  यह स्थिति एक Concentrate है जो Expressed करती है कि SECRETARY सबक्लास के members को यह Predict satisfied करना ही पडेगा तथा EMPLOYEE Entity Type की सभी एन्टिटी जिनकी Attribute मान जॉब टाइप के लिये SECRETARY है , इस sub class से Related होना पड़ेगा । इसमे यदि किसी Specialization को सभी सब क्लास सुपरक्लास के किसी Attribute की member है , तो यह Specialization एट्रीब्यूट - डिफाइन्ड स्पेशियलाइजेशन कहलाता है और इस Attribute को स्पेशियलाइजेशन का Defining attribute कहते हैं । जब हमारे पास किसी सबक्लास में member को Satisfied करने के लिए कोई Event न हो तो इस सबक्लास की User defined subclass कहते हैं । 

 Types of Specialization in hindi:-  

 1.डिसजॉइंटनेस कन्सट्रेन्ट ( Disjointness Constraint in dbms) : -  

2.कम्पलीटनेस कन्सट्रेन्ट ( Completeness Constraint in dbms) : - 

 1. Disjointness Constraint in DBMS:- 

 इसके according Specialization की सबक्लास  हमेशा Disjoint होनी चाहिये अर्थात् कोई भी एक Entity किसी Specialization की किसी एक सबक्लास की मेम्बर हो सकती है । d Disjoint से define किया है । 

 2. Completeness Constraint in DBMS:-

 ये Concentrate 2 types   के होते है ।  

 ( 1 ) टोटल स्पेशियलाइजेशन ( Total Specilization) : -

  इस Concentrate के according किसी सुपरक्लास की प्रत्येक entity , स्पेशियलाइजेशन की किसी सबक्लास का मेम्बर होना चाहिए ।  उदाहरण के लिये यदि प्रत्येक EMPLOYEE या तो HOURLY EMPLOYEE हो या SALARIED_EMPLOYEE , तो स्पेशियलाइजेशन ( HOURLY EMPLOYEE , SALARIED_EMPLOYEE ) , EMPLOYEE ) का टोटल स्पेशियलाइजेशन होगा ।

( ii ) पार्शियल स्पेशियलाइजेशन ( Partial Specialization) : - 

 Partial Specialization को एक लाइन से व्यक्त किया जाता है । इसका तात्पर्य होता है कि कोई भी Entity किसी भी सबक्लास से releted नहीं है । इसमे उदाहरण के लिये यदि EMPLOYEE एन्टिटी किसी भी सबक्लास ( SECRETARY , ENGINEER , TECHNI CIAN ) से सम्बन्धित नहीं है , तो Partial Specialization है ।  Disjointness व Completeness concentration एक दूसरे से releted नहीं होते हैं । वास्तव में कोई भी Concentrate से releted होता है । हालांकि एक सुपरक्लास , जो कि Generalization के द्वारा प्राप्त होती है , सामान्यतः वो पूरी होती है । इसका कारण यह है कि सुपरक्लास , एक सबक्लास से Generated होता है क्योंकि इस सुपरक्लास को सभी एन्टिटी sub class से ली गई है । 

 Rules of generalization and specialization:- 

 1. किसी सुपरक्लास से एक एन्टिटी को डिलीट Indicates है कि ये स्वतः ही सभी सबक्लासों से डिलीट हो जायेंगे ।  

 2. किसी सुपरक्लास से Entity को इनसर्ट कराने का मतलब है कि यह Entity सभी सबक्लासों में स्वतः ही इनसर्ट हो जायेगा ।   

3. किसी Total Specialization की सुपरक्लास में एक एन्टिटी को इनसर्ट कराने का मतलब  है कि यह Entity  स्पेशियलाइजेशन की किसी एक सबक्लास में इनसर्ट होती है ।

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