आज हम computers in hindi मे threats of e commerce in hindi - e commerce in hindi के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-
what is threats in hindi:-
ई - कॉमर्स एक ऐसी Business लेन - देन है जो कि आम तौर पर इन्टरनेट के द्वारा की जाती है । इसके अन्तर्गत कई प्रकार की दुविधाएं विभिन्न व्यक्तियों के द्वारा प्रदान की जाती हैं जिनका उद्देश्य इन्टरनेट से जुड़े व्यक्तियों को किसी न किसी प्रकार के हानि पहुंचाना होता है , इसलिए इसे साइबर क्राइम का हिस्सा माना जाता है । threats भी इन गतिविधियों में से एक है जो कि व्यक्ति को किसी न किसी प्रकार की हानि पहुंचाते हैं । threats द्वारा अधिकतर क्रेता अथवा विक्रेता के कम्प्यूटर को हानि पहुंचाई जाती है । इनमें से मुख्य virus , worms , trojan horses , logic bombs , phishing attackers आदि होते हैं ।
इन threats के द्वारा ई - कॉमर्स से जुड़े व्यक्ति के कम्प्यूटर को हानि हो सकती है या फिर उसके क्रेडिट कार्ड की क्लोनिंग या पासवर्ड हैकिंग आदि गतिविधियों के द्वारा उसे आर्थिक हानि पहुंचाई जाती है । इसके अतिरिक्त ये threats क्रेता या विक्रेता द्वारा एक दूसरे को दी जा रही जानकारी को भी बदल देते हैं , जिसके कारण क्रेता तथा विक्रेता को सही जानकारी प्राप्त नहीं हो पाती है । इनके बचने के लिए विक्रेता के द्वारा विभिन्न सुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध करावये जाते हैं।
Types of threats of security in hindi:-
(1)Virus:-
यह एक प्रकार का कम्प्यूटर प्रोग्राम होता है जिसे कम्प्यूटर के सिस्टम की महत्वपूर्ण फाइलों को हटाने के लिये बनाया जाता है । यह प्रोग्राम एक बार कम्प्यूटर में रन हो जाने के बाद अन्य प्रोग्राम फाइलों को भी दूषित करता है । ये कम्प्यूटर में डेटा तथा कम्प्यूटर के प्रोग्राम्स तथा ऑपरेटिंग सिस्टम को भी क्षतिग्रस्त कर देते हैं।
(2) ट्रिगर ( Triger in hindi) :-
यह सर्वर मशीन पर सुरक्षा सिस्टम को नष्ट करने वाले हैकरों के द्वारा बनया गया एक शक्तिशाली प्रोग्रम होता है । जिसका उपयोग अन्य प्रोग्राम के परिणाम को बदलने के लिए किया जाता है । यह वास्तविक अनुप्रयोग को हैक करके उसके कोड को परिवर्तित देता है जिससे उस अनुप्रयोग के खुलने पर उसका प्रारूप बदल जाता है तथा उसकी कार्यशैली भी परिवर्तित हो जाती है।
(3) टाईम बम / लॉजिक बम ( Time Bomb / Logic Bomb ) :-
इस प्रकार के threats का पता बहुत समय बाद चल पाता है , क्योंकि इस प्रकार के threats एक निश्चित तारीख एवं निश्चित समय पर ही Executed होते हैं तथा अपना कार्य करते हैं । कई threats ऐसे भी होते हैं जो प्रतिदिन एक निश्चित समय या किसी निश्चित दिन पर Executed होते हैं।
(4) ट्रोजन हॉर्स ( Trojan Horse ):-
सामान्यतः इन्टरनेट पर फ्री स्क्रीनसेवर , वॉलपेपर आदि देखकर प्रयोगकर्ता उन्हें डाउनलोड करता है तो उनके साथ जुड़ ट्रोजनहाँस वाइरस भी लोड होत जाते हैं । जब वह स्क्रीनसेवर चलता है तो वह वाइरस बैकग्राउण्ड में अपना कार्य करने लगता है । यह किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं देता है , यह गुप्त रूप से अवांच्छित कार्य करता है । यह स्वयं की एक से अधिक कॉपी नहीं बनाता है बल्कि यह ऑपरेटिंग सिस्टम की सिक्योरिटी को क्षति पहुंचाता है । ये वाइरस कम्प्यूटर के डेटा को नष्ट भी कर देते हैं ।
(5) what is phishing attack in hindi:-
इस प्रकार के अटैक्स अधिकतर कम्प्यूटर हैकर्स या पासवर्ड हैकर्स के द्वारा किए जाते हैं । ये user को कुछ लालच अथवा लुभावना देकर उसके पासवर्ड आदि को हैक करके उसका दुरूपयोग करते हैं । वर्तमान यह अधिक प्रयोग किया जा रहा है ।
ई - कॉमर्स के लिए सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करें ?
विभिन्न प्रकार के threats से बचने के लिए विभिन्न सुरक्षा उपकरण व तकनीकें प्रयोग की जाती है।
•Physical Securits:-
जब एक कम्प्यूटर पर Unauthorized रूप से Physical access किया जाता है , तब यह भौतिक सुरक्षा के द्वारा इस रोका जा सकता है ।
•सॉफ्टवेयर सुरक्षा ( Software Security ) :-
यदि सॉफ्टवेयर में किसी कारणवश उसकी सुरक्षा रह जाए तो ऐसे कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर को Undesirable consumer के द्वारा आसानी से एक्सेस किया जा सकता है । वह कम्प्यूटर सिस्टम के पूरे फाइल सिस्टम को Delete कर सकता है अथवा नया लागइन एकाउंट या नया पासवर्ड बनाकर उसका दुरूपयोग कर सकता है , जिससे Authorized consumer जो कि वास्तविक consumer है वह इस सॉफ्टवेयर का उपयोग नहीं कर पाता है । इससे बचने के लिए सॉफ्टवेयर सिक्योरिटी तकनीक का प्रयोग किया जाता है ताकि Undesirable consumer से सुरक्षित रहा जा सके ।
•Inconsistent user result:-
यदि एक Administrator हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर के सम्मिलित रूप से एक ऐसा सिस्टम तैयार करने में सक्षम नहीं हो पाता है जो पूर्णत : सुरक्षित हो या जिसमें सुरक्षा के गुण ज्यादा हो तो हैकर उस सिस्टम को तथा सिस्टम की जानकारी को आसानी से Hack कर सकता है तथा उस समय Administrator उस Hack की जा रही जानकारी को रोक नहीं सकता । Security threats को कम करने के विभिन्न उत्पादक , विभिन्न Method उपयोग में लिये जाते हैं । जैसे कम्प्यूटर को Boot करने के लिये ऑपरेटिंग सिस्टम( Operating System ( OS ) ) के द्वारा पासवर्ड सुरक्षा उपलब्ध कराई जाती है । उपरोक्त तकनीकों के आधार पर विभिन्न प्रकार की सुरक्षा प्रणालियां अपनायी जाती हैं जैसे कि Trust based Security . Security through QB Security . Password Schema , Biometric System . Digital Certificate , Payment Gateway by Third Party आदि।
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