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functions of distributed database management system

 आज हम computer in hindi मे functions of distributed database management system in hindi - dbms in hindi के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-

Distributed Database Management System(DDBMS in hindi):-

डिस्ट्रीब्यूटेड डाटाबेस होने के लिए ऐसे डाटाबेस मैनेजमेंट की आवश्यकता होती है , जो Various nodes पर डाटा एक्सेस का Sync करें और हम ऐसे सिस्टम को Distributed Database Management System कहेंगे । इसमे हालांकि प्रत्येक साईट पर लोकल डाटाबेस को मैनेज करने वाला डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम हो सकता है -
1. हमे इस बात का हिसाब रखना कि डिस्ट्रीब्यूटेड डाटा डिक्शनरी में डाटा कहाँ स्थित होता है । 
2. इसमे वह Location determined करना जहाँ से resquest किए डाटा को प्राप्त करना है और वह location पता करना जहाँ पर डिस्ट्रीब्यूटेड क्वेरी के प्रत्येक हिस्से को process करना है । 
3. इसमे आवश्यक हो तो लोकल डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम
 का उपयोग करके कुछ node पर resquest को दूसरे ऐसे nodes के लिए उचित रूप से translate करना और जो भिन्न डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम डाटा मॉडल का उपयोग करता हो । डाटा को resquest करने वाले नोड को उस नोड को Acceptable format में लौटाना । 
4. इसमे Security और Concurrency व Dead lock control , Query optimization (in hindi) और Failure recovery जैसे डाटा मैनेजमेंट फंक्शन उपलब्ध कराना और Remote sites पर डाटा की कॉपियों में Concurrency उपलब्ध कराना । जिससे डिस्ट्रीब्यूटेड डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के लक्ष्य define करने में आसान हैं।

1. Location Transparency in hindi:-

इसमे हालांकि डाटा Geographical form से डिस्ट्रीब्यूट रहता है और एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा भी सकता है , किन्तु इसमे Location Transparency की मदद से Users programmers सहित इस प्रकार काम कर सकते हैं , जैसे डाटा सिंगल नोड पर ही लोकेट हो । 
यह ध्यान दें कि इस SQL (in hindi) resquest में यूजर के लिए यह जानने की आवश्यकता नहीं होती है कि डाटा physical form से कहाँ स्टोर किया गया है और लोकल साईट पर डिस्ट्रीब्यूटेड डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम , डिस्ट्रीब्यूटेड DD / D से Consult करेगा और यह निश्चित करेगा कि यह resquest किस साईट से root  मे जाना चाहिए । हम जब सिलेक्ट किया गया डाटा किसी साईट पर transmit और display होता है , तो उस साईट के यूजर को लगता है कि Data local retrieval किया गया है और जब तक कि लंबा Communication डिले न हो । 
इस Location Transparency के बिना यूजर को प्रत्येक साईट पर डाटा पृथक रूप से Reference करना होगा और फिर वांछित नतीजों के लिए डाटा असेंबल करना होगा । संभवत UNION ऑपरेशन का उपयोग करके इसे किया जाता है । लोकेशन ट्रांसपेरेंसी प्राप्त करने के लिए डिस्ट्रीब्यूटेड डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम की बिल्कुल ठीक व करंट  डाटा डिक्शनरी  / डायरेक्टरी पर एक्सेस होना चाहिए , जो नेटवर्क में सारे डाटा की लोकेशन बताए और जब डायरेक्टरियाँ डिस्ट्रीब्यूट की गई हों तो उन्हें Synchronize किया जाना चाहिए , ताकि डायरेक्टरी की प्रत्येक कॉपी में डाटा की लोकेशन के संबंध में समान Information reflected होता है । हालांकि काफी प्रगति हुई है , ज्यादातर सिस्टम में आज भी वास्तविक लोकेशन ट्रांसपेरेंसी उपलब्ध नहीं है । 

2 fragmentation transparency in distributed database:-

इसमे यूजर्स को यह जानने की आवश्यकता नहीं होती है कि कोई relation कैसे Fragment किया गया है और fragmentation Transparency के लिए , यूजर की ग्लोबल क्वेरी को कई Fragment की गई क्वेरीज में बदलना पड़ती है । इसमे Fragmentation Transparency यूजर को Fragment की मौजूदगी से भी रखती है ।

3. Replacement Transparency:-

इसमे हालांकि एक ही Data item network में कई नोड पर Replicas किया जा सकता है , Replacement Transparency की मदद से programer आयटम को ऐसे Treat कर सकता है , जैसे यह सिंगल नोड पर सिंगल आयटम होता है । यह डिस्ट्रीब्यूटेड डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम , डाटा डायरेक्टरी को Consult करेगा और यह निर्धारित करेगा कि यह एक लोकल ट्रांजेक्शन है अर्थात् इसे लोकल साईट पर डाटा का उयोग करके पूरा किया जा सकता है। 

4. Failure Transparency:-

यह Centralized system की तरह डिस्ट्रीब्यूटेड सिस्टम में भी प्रत्येक साईट या नोड के उसी प्रकार से failure की संभावना रहती है और Invalid data , डिस्क हेड क्रेश आदि । हालांकि इसमे Communications Gender के failure या मैसेज खो जाने की अतिरिक्त जोखिम रहता है । इसमे सिस्टम की मजबूती के लिए यह failure का पता लगाने और सिस्टम को फिर से Configure करने में सक्षम होना चाहिए ताकि जब प्रोसेसर फिर से जोड़ने पर कम्प्यूटेशन जारी रह सके और रिकवर भी आसानी से हो सके । 
इसमे Error detection और System reconfiguration संभवत : डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के बजाय Communications controller या प्रोसेसर के काम है । हालांकि failure होने पर डिस्ट्रीब्यूटेड डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम डाटाबेस रिकवरी के लिए जिम्मेदार है और प्रत्येक साईट पर डिस्ट्रीब्यूटेड डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में एक Component होता है , जिसे Transaction manager कहते हैं ।

5.Concurrency Transparency:-

इसमे डिस्ट्रीब्यूटेड डाटाबेस के डिजाईन का वह गुण होता है और जिसमें डिस्ट्रीब्यूटेड सिस्टम में चाहे , कई ट्रांजेक्शन्स चल रहे हों । लेकिन लगता यही है कि जिस ट्रांजेक्शन की बात चल रही है , वह सिस्टम में बस वही चल रहा है । इस प्रार जब कई ट्रांजेक्शन एक साथ प्रोसेस होते हैं और तो परिणाम एक जैसे होना चाहिए । जैसे प्रत्येक ट्रांजेक्शन एक सीरियल ऑर्डर में चलाया गया हो । इसमे प्रत्येक साईट पर Transaction managers को डिस्ट्रीब्यूटेड डाटाबेस में कांकरेंसी कंट्रोल उपलब्ध कराने के लिए सहयोग करना चाहिए होता है।

6. Query Optimization in hindi:-

इसमे डिस्ट्रीब्यूट डाटाबेसेस में  Query के Response में डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम को कई भिन्न साईट्स से डाटा असेंबल भी करना पड़ सकता है । इसमे हालांकि लोकेशन ट्रांसपेरेंसी के कारण यूजर इस आवश्यकता से हो सकता है । इस डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के लिए महत्वपूर्ण फैसला क्वेरी को प्रोसेस करने का तरीका है । यह फैसला यूजर के क्वेरी को फॉर्मूलेट करने के तरीके और प्रोसेसिंग के लिए एक समझ वाला प्लान को डेवलेप करने की डिस्ट्रीब्यूटेड डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम की बुद्धिमता दोनों से प्रभावित होता है । 

1. Query decomposition :-

यह इस चरण में क्वेरी सरलीकृत और Rewrite करके Stuttered, relational algebra form में लाई जाती है । 

2. Data localization :-

यह इसमें क्वेरी को नेटवर्क पर Query referencing data से ट्रांसफॉर्म किया जाता है और इस प्रकार कि जैसे डाटाबेस एक लोकेशन पर एक या अधिक Fragments में हो और प्रत्येक Availability reference data केवल एक साईट पर होता है । 

3. Global optimization :-

इस अंतिम चरण में Query Fragments को एक्जिक्यूट करने के क्रम और साईट्स के बीच डाटा को कहाँ मूव करना और क्वेरी के हिस्से कहाँ एक्जिक्यूट करना हैं । 
इसमे सभी क्वेरीज से प्रोसेस की जाना चाहिए । डिस्ट्रीब्यूटेड क्वेरी की प्रोसेसिंग को अधिक Efficiency से करने की एक Techno Semi-Operation कहलाती है और Semi join method में केवल Joining attribute ही एक साईट से दूसरे पर भेजा जाता है और उसके बाद फिर आवश्यक रो ही लौटाई जाती है और यदि ज्वाईन में rows का छोटा सा प्रतिशत ही हिस्सा लेता है और तो ट्रांसफर किए जा रहे डाटा की मात्रा न्यूनतम होती है ।




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