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trigger meaning in hindi : ट्रिगर

 आज हम computers in hindi मे triggers in hindi ( ट्रिगर) - के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-

trigger in dbms in hindi ( ट्रिगर क्या है? ):-

triggers in Dbms in hindi इसमे ट्रिगर उस action को define करते हैं , जिससे डाटाबेस को उसे समय लेना चाहिए और जब डाटाबेस से Releted कोई event घटती है । ट्रिगर का execution users के लिए Transparent होता है और डाटाबेस ट्रीगर्स को तब execut करता है , जब types की Data manipulation commands specific table perform की जाती है । इन commands में insert एवं update और delete शामिल होती है । इसमे जब टेबल के लिए SQL से या किसी application के insert, update या delete commands जारी की जाती है , और Oracle engine , user को commands का ऐसा set define करने की अनुमति देता है , तो Internal form से Oracle engine execut करता है और ट्रिगर को user द्वारा स्पष्ट रूप से बुलाया अथवा फिक्स नहीं किया जा सकता है ।
इसमे Complex security authorization लागू करने के लिए डाटाबेस ट्रिगरbest option होता है । डाटाबेस ट्रिगर का उपयोग Invalid transactions रोकने के लिए भी किया जाता है और यह मान लें कि कोई invalid रूप से system में घुसकर डाटा delete कर दें । ऐसे में ऐसा ट्रीगर लिखना जो delete किए डाटा को Different टेबल में store करें और अपने डाटा को बचाने का best trick है । hacker को यही लगेगा कि डाटा delete हो गया है ।
A Trigger often has three fundamental parts:-

Triggering events or statements :-

इसमे एक SQL statement है , जो ट्रीगर को शुरू करता है । यह इनमें से कोई भी event हो सकता है और किसी Specific table के लिए UPDATE या DELETE I 

2 . Essential conditions for Trigger (essential tremor triggers in dbms in hindi):-

इसमे ट्रीगर Condition को एक Logical expression specification करना चाहिए जो ट्रीगर को सक्रिय करने के लिए TRUE होना चाहिए और यह एक option है , जो उन ट्रीगर्स के लिए उपलब्ध है , जो प्रत्येक row के लिए फॉयर किए जाते हैं । इसका काम ट्रीगर के Execution को Condition के Through कंट्रोल करना है । इसमे ट्रीगर Condition को WHEN clause का उपयोग करके Specific किया जाता है । 

3. Trigger action :-

इसमे ट्रीगर एक्शन तब Execut किए जाने वाला PL /  SQL कोड है , जब कोई Triggering condition TRUE Evaluate करती है और PL /  SQL  कोड ब्लॉक में  SQL  और PL /  SQL  statement होता है और यह PL /  SQL  Language construct defines करता है और स्टोर किए गए Procedures को invite भी करता है।

types of trigger in dbms (triggers in dbms in hindi):-

इस types of triggers को , trigger action के प्रकार और जिस level पर इसे executed किया जाता है और उसे defined किया जाता है । trigger को defined करते समय जितनी बार trigger action executed की जाना है और उसे specified किया जा सकता है । यह ट्रीगर स्टेटमेंट से प्रभावित प्रत्येक row के लिए एक बार हो सकता है । इसमे जैसे UPDATE स्टेटमेंट द्वारा सक्रीय किया गया ट्रीगर जो कई रो को अपडेट कर सकता है अथवा यह ट्रीगरिंग स्टेटमेंट के लिए एक बार हो सकता है , फिर यह चाहे जितनी row को प्रभावित क्यों नहीं करता होता है ।
(1) row level triggers
(2) Statement level triggers
(3) Before and After Triggers
(4) Inserted of triggers
(5) Schema Triggers

1. row level triggers:-

row level triggers मे प्रत्येक बार जब टेबल में row व triggering statement  से प्रभावित होता है , तो रो ट्रीगर फॉयर की जाती है । इस रो लेवल ट्रीगर सबसे आम प्रकार के ट्रीगर हैं । इनका उपयोग डाटा auditing applications में किया जाता है और रो लेवल ट्रीगर्स , क्रिएट ट्रीगर कमांड में फॉर इच रो क्लॉज का उपयोग करके निर्मित किए जाते हैं । 

Row level trigger example:-

 यदि UPDATE स्टेटमेंट किसी टेबल की एक से अधिक रो को अपडेट करता है और तो अपडेट स्टेटमेंट से प्रभावित प्रत्येक row के लिए एक बार row ट्रीगर फॉयर होता है । इसमे यदि Triggering statement किसी रो को प्रभावित नहीं करता है , तो ट्रीगर Execute ही नहीं होता है। रो ट्रीगर्स का उपयोग तब करना चाहिए , जब Triggering statement किसी टेबल में सिंगल रो को प्रभावित करें और प्रोसेसिंग की आवश्यकता होता है ।

2. Statement level triggers:-

Statement level triggers इसमे Statement triggers प्रत्येक transaction के लिए एक बार फॉयर होता है । इस पर इस बात का कोई affect नहीं होता है और ट्रीगरिंग स्टेटमेंट से कितनी संख्या में  row प्रभावित हो रही है एवं Statement level triggers डिफॉल्ट टाईप के ट्रीगस होते हैं और स्टेटमेंट ट्रीगर्स का उपयोग तब होना चाहिए , जब triggering statement टेबल में रो को प्रभावित करता है , इसमे लेकिन आवश्यक प्रोसेसिंग प्रभावित रो की संख्या से होती ह।

3. Before and After Triggers:-

इसमे Before और After की वर्ड का उपयोग specify triggered typing करने में किया जाता है और इसका मतलब यह specify करना है कि triggering स्टेटमेंट के संबंध में Trigger action कब executes करना है । BEFORE और AFTER रो और स्टेटमेंट ट्रीगर्स दोनों पर लागू होता है । इसमे BEFORE ट्रीगर्स एक्शन को ट्रीगरिंग स्टेटमेंट के एक्जिक्यूट होने के ठीक पहले executes करता है और AFTER ट्रीगर , ट्रीगर एक्शन को ट्रीगरिंग स्टेटमेंट को executes किए जाने के बाद executes करता है और AFTER ट्रीगर्स का उपयोग तब होता है , जब हम ट्रीगरिंग स्टेटमेंट को ट्रीगर एक्शन के कार्य करने के पूर्व पूर्ण करना चाहते हैं ।

4. Inserted of triggers:-

इसमे Inserted of triggers का उपयोग Oracle engine को यह बताने के लिए किया जाता है और ट्रीगर  invite करने वाले action परफॉर्म करने के बजाय क्या करें । user द्वारा जारी की गई इंसर्ट , अपडेट या डिलिट कमांड्स के स्थान पर Inserted of triggers का कोड ब्लॉक executed किया जाता है । Inserted of triggers का उपयोग अथवा तो ऑब्जेक्ट व्यूज या रिलेशनल व्यूज पर किया जा सकता है । इसमे उदाहरण के लिए , इंस्टेड ऑफ ट्रीगर का उपयोग किसी व्यू पर इंसर्ट को टेबल में रिडायरेक्ट करने , उन multipal टेबल में इंसर्ट करने में किया जा सकता है , जो व्यू का एक हिस्सा होता है।

5. Schema Triggers:-

इसमे Schema Triggers का उपयोग Schema ऑपरेशन्स पर ट्रीगर्स निर्मित करने के लिए किया जा सकता है और Schema Triggers के लिए Trierring Events में create table , alter table और drop table , स्कीमा ट्रीगर्स का उपयोग DDL ऑपरेशन्स के होने पर निगरानी रखकर सुरक्षा उपलब्ध कर सुपरवाईज करने में किया जाता है । इसमे Schema Triggers के आप यूजर्स को Oakon table create करने व ड्राप करने से रोक सकते हैं । इस प्रकार के ट्रीगर्स को ऑरेकल 8i और high Virgins में उपयोग में लाया जाता ह।

6. Database level triggers:-

इसमे Database level triggers का उपयोग ऐसे ट्रीगर्स को निर्मित करने में किया जाता है और जिनका उपयोग एररए लॉगऑन , लॉग ऑफ , स्टार्टअप और शटडाउन जैसे database events पर फॉयर करने में किया जा सकता है । इस प्रकार के ट्रीगर का उपयोग डाटाबेस के रखरखाव को स्वचालित बनाने में किया जा सकता है ।
The terminology used in syntax is as follows :-
1. OR REPLACE : यदि ट्रीगर पहले सेे है , तो यह उसे फिर से निर्मित करता है और इस ऑप्शन का उपयोग मौजूद ट्रीगर को पहले ड्राप किए बगैर उसकी परिभाषा बदलने में किया जा सकता है । 
2. Schema : इसमे यह वह स्कीमा होती है , जिसमें ट्रीगर होता है , यदि स्कीमा को नजरअंदाज कर दिया जाए और ऑरेकल इंजन यूजर के स्कीमा में ट्रीगर निर्मित कर देता है ।
3. Triggername : यह निर्मित किए जाने वाले ट्रीगर का नाम होता है । 
4. BEFORE : यह इस बात का संकेत देता है कि ट्रीगर स्टेटमेंट एक्जिक्यूट करने के पहले ही ऑरेकल इंजन ट्रीगर फॉयर कर देता है । 
5. AFTER : यह इस बात का संकेत देता है कि ट्रीगर स्टेटमेंट एक्जिक्यूट करने के बाद ऑरेकल इंजर ट्रीगर फॉयर करता है । 
6. INSTEAD OF : इसमे यह दर्शाता है कि ओरेकल इंजन ट्रीगर आमंत्रित करने वाली एक्शन परफॉर्म करने के बजाय ट्रीगर में लिखा कोड एक्जिक्यूट करता है ।

Example of trigger (trigger meaning in hindi):-

CREATE OR REPLACE TRIGGER UCASE
BEFORE INSERT OR UPDATE
ON COURSE 
FOR EACH ROW 
BEGIN 
: NEW.FACULTY : = UPPER ( : NEW.FACULTY ) ;
 END ; 
/
 डिलिटींग ट्रीगर : सिन्टेक्स : DROP TRIGGER TriggerName ; 
उदाहरण : DROP TRIGGER UCASE

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