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pointer in c in hindi

आज हम C language tutorial in hindi मे हम pointer in c in hindi के बारे में जानकारी देते क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- 

pointer in c in hindi :-

डाटा का organized करने के लिए pointer एक flexible और useful resource है । pointer के theory को समझने के लिए कम्प्यूटर की  memory organization का ज्ञान आवश्यक होता है । जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है पॉइंटर डाटा और फंक्शन को point करने का साधन होता है । अब तक बिना pointer के प्रयोग के की गई प्रोग्रामिंग में वेरियेबल का role था । लेकिन यदि इस वेरियेबल की मेमोरी में event को ज्ञात करके प्रक्रिया की जाये तो अनेक लाभ होते हैं जैसे प्रोग्राम के implementation की गति तीव्र होना , मेमोरी में स्थान की बचत आदि ।

Operator : Address of Variable in Memory:-

 प्रोग्रामिंग में वेरियेबल एक महत्त्वपूर्ण role हैं , डाटा और सूचना को organized करने के लिए वेरियेबल ही प्रयोग में लाये जाते हैं । ऑपरेटर का प्रयोग किसी वेरियेबल का मेमोरी में स्थान बताने के लिए किया जाता है । वेरियेबल को प्रोग्राम में declared किया जाता है तो C भाषा कम्पाइलर इस वेरियेबल को मेमोरी में स्थान allotted करता है । मेमोरी में वेरियेबल हेतु allotted इस स्थान को वेरियेबल के नाम से define किया जाता है।

pointer in c in hindi :-

किसी वेरिटेबल में यदि मेमोरी का address store किया जाये तो यह विशेष वेरियेबल पॉइंटर निकलता है । पॉइंटर Variable ऐसा Variable है जिनमें अन्य किसी वेरियेबल का address store रहता है ।

Dynamic Allocation Operation:-

Dynamic Variable वे वेरियेबल होते है जिनको मेमोरी में स्थान का allotment प्रोग्राम में आवश्यकता होने पर immediate होता है । Dynamic variables के नाम नहीं होते हैं , वे केवल पॉइंटरों के द्वारा ही define किये जाते हैं।

important points :-

  • जब किसी वेरियेबल को प्रोग्राम में declared किया जाता है तो C भाषा का कम्पाइलर एक वेरियेबल को मेमोरी स्थान allotment करता है । 
  • कम्पाइलर द्वारा वेरियेबल के लिये मेमोरी में physical condition allotment होती है । इसे address कहते है। 
  • * ऑपरेटर , एक Value at address ऑपरेटर है । 
  • * ऑपरेटर किसी वेरियेबल के address को store करने के लिये used किया जाता है । 
  • पॉइंटर एक विशेष वेरियेबल है जिसे ऑपरेटर के साथ declared किया जाता है । 
  • यदि एक पॉइंटर किसी float टाइप वेरियेबल को pointed करता है तो इस पॉइंटर द्वारा pointed अगले address का मान 4 bytes अधिक होगा । 
  • Dynamic variable व वेरियेबल होते हैं जिनको मेमोरी में स्थान का allotment प्रोग्राम में आवश्यकता न होने पर temporary form से होता है । 
  • गतिक वेरियेबल केवल पॉइंटरों के द्वारा ही define किये जाते है । 
  • Delete ऑपरेटर एक Dynamic variable को समाप्त करता है । पॉइंटर और Adaptation में बहुत निकट सम्बन्ध है । 
  • एक फंक्शन पॉइंटर भी return कर सकता है । 
  • Alias का अर्थ है , वेरियेबल का एक अलग नाम एक Alias तैयार करने के लिये address ऑपरेटर & का उपयोग किया जाता है ।
  • एक फंक्शन reference भी return कर सकता है ।
  • अन्य पॉइंटरों के समान हम structure के पॉइंटर भी तैयार कर सकते है ।
  • फंक्शन में Argument के रूप में ऑब्जेक्ट को pass किया जा सकता है ।
  • • Introduction of C language in hindi (सी लैंग्वेज क्या है )
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