सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Featured Post

Instruction cycle in hindi - इंस्ट्रक्शन साइकिल क्या है

function in c in hindi

आज हम C language tutorial in hindi मे हम function in c in hindi के बारे में जानकारी देते क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- 

function in c in hindi :-

Definition of function in hindi:-

सी लैंग्वेज में प्रोग्राम अनेक Functions का समूह होता है और Function instructions का समूह होता है । एक निश्चित कार्य करने के लिये निर्देशों के समूह को एक फंक्शन में लिखा जाता है । फंक्शन में इसका एक शीर्षक होता है जिसे फंक्शन नेम ( Function name ) कहते हैं । इसके बाद फंक्शन की शुरुआत बताने वाला { कोष्ठक लिखा जाता है और सी लैंग्वेज के Instructions { के बाद या नीचे sequentially अलग - अलग लाइनों में लिखे जाते हैं । प्रत्येक Instructions के बाद सेमीकॉलन ( ; ) लगातार Instructions का अन्त बताया जाता है । फंक्शन का अन्त बताने के लिये कोष्ठक लगाया जाता है । } 
फंक्शन के Topic में फंक्शन का नाम और blank or empty छोटे कोष्ठक ( ) लगाये जाते हैं यह फंक्शन की परिभाषा ( Defination of Function ) कहलाती है।
Format:- फंक्शन का नाम ( ) 
 note:- फंक्शन को प्रारम्भ करते समय Function name के बाद सदैव खाली कोष्ठक ( ) लगाया जाता है ।

• main ( ) function :-

यह एक special function है जिसे C कम्पाइलर सर्वप्रथम execute करता है । प्रत्येक प्रोग्राम में main ( ) फंक्शन होना अनिवार्य है । अन्य फंक्शन हम सुविधानुसार तैयार करते हैं लेकिन main ( ) का प्रोग्राम में होना अत्यावश्यक है इसी के द्वारा अन्य फंक्शन चलते हैं ।
main() 
            Instruction-1;
            Instruction-2;
            ........ 
 }

 Delimeter :- 

फंक्शन के के बाद braces फंक्शन का start और Topic या फंक्शन की परिभाषा ( Function Definition ) अन्त बताते हैं । ' ' फंक्शन के start को define करता है और ' } ' फंक्शन के अन्त को define करता है । ये { और } डेलीमीटर ( Delimeter ) कहलाते हैं । ' ' } ' 
Note:- ब्रेस ( { } ) का उपयोग बाद में हम कोड के लूप ( Loop ) और Decisive code group करने में करेंगे ।

Statement Terminator:-

सी लैंग्वेज के Statement का अन्त हम सेमीकोलन ( ; ) से करते हैं । सेमीकोलन ( ; ) स्टेटमेन्ट टर्मिनेटर कहलाता है ।
के बारे में प्रोग्रामर -   -  

 Comment Line :-

प्रोग्राम में निर्देशों , फंक्शनों या प्रोग्राम के कार्यों Comment लिखता है जिन्हें  Comment Line कहते हैं । ये प्रोग्राम समय Compile नहीं होती हैं और Execution मे कोई अर्थ भी नहीं रखती हैं इन्हें प्रोग्रामर अपनी सुविधा के लिये प्रोग्राम को समझने के लिये ही लिखता है । Comment Line को / * और / चिन्ह के मध्य लिखते हैं ।
Format:- /* Comment   */

printf ( ) और scanf ( ) function :-

printf ( )  function:-

यह प्रोग्राम में किसी Variable या सन्देश को स्क्रीन पर Displayed करता है । यह एक Output Function होता है जिसे हम आउटपुट करने के लिये काम में लेते हैं ।
 Format: 
printf ( " format string " ) ; 
यहाँ फार्मेट स्ट्रिंग आउटपुट किये जाने वाले वेरियेबल के स्थिरांक के टाइप को व्यक्त करने के लिये चिन्ह होते हैं जैसे - % d int के लिये , % c char के लिये , % f float के लिये % lf double के लिये । 

scanf ( ) function:-

यह एक इनपुट फंक्शन है जो की - बोर्ड से int , float , char या double टाइप का डाटा प्राप्त करके उसे एक वेरियेबल के नाम से मेमोरी में संग्रहीत करता है ।
Format: 
scanf ( “ format string " , & Variable name );
 Note: यहाँ # include < stdio.h > C- भाषा की Header File है तथा Stdio.h को प्रोग्राम से ( Link ) करने के लिये लिखा गया है | stdio.h मानक इनपुट / आउटपुट फंक्शनों को प्रोग्राम के लिये उपलब्ध करती है जैसे- printf ( ) और scanf ( ) फंक्शन । 

getchar ( ) :-

यह एक Standard input Function है जो की - बोर्ड से एक करेक्टर करके मेमोरी में किसी वेरियेबल के नाम से store करता है । यह फंक्शन किसी करेक्टर को की - बोर्ड से टाइप करने के बाद  Enter पर ही प्राप्त करता है ।

puts ( ) और putchar ( ) function:-

puts-

Double Quots में दिये गये किसी वाक्य को यह आउटपुट फंक्शन स्क्रीन पर दर्शाता है ।
 Format : puts ( “ message or sentence " )

 putchar ( ) - 

यह Output Function केवल एक करेक्टर को स्क्रीन पर दर्शाता है ।

getche ( ) :-

यह फंक्शन getchar ( ) के समान है और की - बोर्ड से एक करेक्टर को प्राप्त करके किसी char वेरियेवल में store करता है लेकिन इसके प्रयोग करने पर करेक्टर को की बोर्ड से टाइप करने के बाद Enter दबाने की आवश्यकता नहीं होती । केवल करेक्टर टाइप होते ही वह मेमोरी में वेरियेबल में store हो जाता है । 
Format: वेरियेबल getche ( ) ;

 " \ n ' ( Escape Sequence ):-

 \n Escape Sequence कहलाता है जो आउटपुट में अगली लाइन पर Control को ले जाता है ।

Format String or Format Specifier:-

 printf ( ) फंक्शन में use किये जाने वाले Format Specifier:-
Signal            Format
 % C               character
% d या % i     integer
% f                 float
% S                string
% If               double 
किसी इनपुट या आउटपुट फंक्शन में वेरियेबल के टाइप के आधार पर प्रयुक्त चिन्ह Format Specifier कहलाता है। यदि char - टाइप का है तो % c प्रयुक्त किया जायेगा ।

User define function in C in hindi:-

C प्रोग्राम में यूजर द्वारा तैयार किये गये Subprogram यूजर डिफाइंड फंक्शन ( User Defined Function ) कहलाते हैं । कोई फंक्शन एक main फंक्शन जैसा ही प्रोग्राम होता है लेकिन इसका नाम main न देकर यूजर स्वयं निर्धारित करता है ।

Function Prototype :-

वेरियेबल के समान , फंक्शनों को प्रोग्राम में उपयोग में लेने से pre Declare करना आवश्यक है । फंक्शन को कॉलिंग प्रोग्राम फंक्शन Prototype की सहायता से घोषित किया जाता है ।

Calling the Function:-

 मुख्य प्रोग्राम से को Execute करने के लिये इसके नाम का प्रयोग किया जाता है । Function Name के बाद छोटे कोष्ठकों में पैरामीटरों को Comma द्वारा विभक्त करके लिखा जाता है ।

Rules for Function in hindi:-

( i ) फंक्शन को कॉल और Declare करने वाले कथनों के अन्त में सेमीकोलन लगाना आवश्यक है जबकि फंक्शन की परिभाषा में फंक्शन का नाम निर्धारित करने वाली पंक्ति के अन्त में सेमीकोलन नहीं लगाया जाता है । 
( ii ) Function Name के बाद छोटे कोष्ठकों का प्रयोग आवश्यक है चाहे उनमें पैरामीटर या आर्ग्यूमेन्ट उपस्थित न हों जैसे clear ( ) ; में कोई आर्ग्यूमेन्ट नहीं है । 
( iii ) फंक्शन या प्रोग्राम जो किसी फंक्शन को कॉल करता है कॉलिंग फंक्शन ( Calling Function ) कहलाता है जबकि जिस फंक्शन को कॉल किया जा रहा है वह कॉल्ड फंक्शन ( Called Function ) कहलाता है ।
( iv ) फंक्शन यदि int टाइप के मान के अलावा अन्य टाइप ( float , char या double ) का मान लौटाता है तो इसकी परिभाषा और प्रोटोटाइप में इसके द्वारा लौटाए जाने वाले मान का टाइप व्यक्त करना आवश्यक है ।
 ( v ) एक फंक्शन एक बार में केवल एक ही मान लौटा सकता है । 
( vi ) एक प्रोग्राम में एक या एक से अधिक फंक्शन हो सकते हैं ।

Predefined function in hindi:-

Hader files :-

डिस्क पर उपस्थित वे फाइलें जिनमें बिल्ट इन फंक्शनों की परिभाषा और उनके डिक्लेयरेशन store होते हैं , हैडर फाइल ( Header File ) कहलाती है । इनका  Extension h होता है ।
उदाहरण :- iostream.h एक हैडर फाइल है । हैडर फाइलों को प्रोग्राम से लिंक करने के लिये # include Directive Instructions की सहायता से इनका नाम प्रोग्राम में प्रोग्रामर इस प्रकार लिखता है:
#include<iostream.h>

( 1 ) stdio.h :-

इस हैडर फाइल में Standard IVO Functions के  Prototype store रहते हैं । C ++ भाषा में iostream.h हैडर फाइल को include करवाने पर स्वतः हो stdio.h हैडर फाइल include हो जाती है ।

 Prototype :-

प्रत्येक फंक्शन के Argument की संख्या , उनके टाइप ( जैसे int , float आदि ) और उनके द्वारा दिये जाने वाले मान ( Return value ) का टाइप आदि की जानकारी प्रोटोटाइप ( Prototype ) कहलाता है ।

( 2 ) ctype.h:-

 इस हैडर फाइल में Character manipulation करने से सम्बन्धित फंक्शनों प्रोटोटाइप में store रहते हैं ।

( 3 ) string.h:-

 इस हैडर फाइल में String functions के प्रोटोटाइप और परिभाषा store रहती हैं । स्ट्रिंग फंक्शन , करेक्टरों के समूह - स्ट्रिंग को Manipulate करते हैं जैसे दो शब्दों को जोड़ना ( Mr. + Ram = Mr. Ram ) , दो शब्दों की तुलना करना , किसी बड़े शब्द में से कुछ अक्षरों को छाँटना आदि ।

( 4 ) math.h:-

 इस फाइल में गणितीय क्रियाओं से सम्बन्धित फंक्शनों के प्रोटोटाइप और परिभाषाएँ store रहती है । गणितीय जैसे बीजगणित और Trignometric के कार्य करने के लिये विभिन्न फंक्शन C ++ भाषा करती है ।

Standard function in hindi:-

इन मानक फंक्शनों को Built in Function के नाम से भी जाना जाता है । क्योंकि ये पूर्व निर्मित होते हैं और C ++ भाषा के कम्पाइलर के साथ लाइब्रेरी में होते हैं । 

( 1 ) isalnum ( ):-

इस फंक्शन का Prototype ctype .h हैडर फाइल में store होता है । इस फंक्शन में दिया जाने वाला Argument एक करेक्टर का Integer Value होता है ।

( 2 ) isalpha ( ):- 

इस फंक्शन का प्रोटोटाइप भी ctype.h हैडर फाइल में store होता है । यह फंक्शन किसी दिये गये करेक्टर को जाँचता है कि वह वर्णमाला का अक्षर ( A Z अथवा a - z ) है अथवा नहीं । isalpha ( ) फंक्शन में दिया जाने वाला आर्ग्यूमेन्ट किसी Character का इंटीजर टाइप मान होता है। 

( 3 ) isdigit ( ):-

इस फंक्शन का प्रोटोटाइप ctype.h हैडर फाइल में संग्रहीत होता है । यह फंक्शन दिये गये करेक्टर को जाँचता है कि वह कोई 0 से 9 तक का अंक है अथवा नहीं । इस फंक्शन में आर्ग्यूमेन्ट के रूप में करेक्टर का इंटीजर मान दिया जाता है ।

( 4 ) islower ( ):-

 इस फंक्शन का प्रोटोटाइप ctype.h हैडर फाइल में store होता है । यह फंक्शन किसी करेक्टर के case का पता लगाता है कि वह lower case है अथवा नहीं । इस फंक्शन में दिया जाने वाला आर्ग्यूमेन्ट किसी करेक्टर का इंटीजर मान होता है ।

( 5 ) isupper ( ) :-

यह फंक्शन किसी करेक्टर के case जाँचता है और non zero मान देता है यदि करेक्टर upper case में हो तो non - zero मान देता है । इस फंक्शन का प्रोटोटाइप भी ctype.h हैडर फाइल में उपस्थित होता है । इस फंक्शन का आर्ग्यूमेंट किसी करेक्टर का इंटीजर मान होना चाहिये ।

( 6 ) tolower ( ):-

 यह एक Case conversion function है जो किसी करेक्टर जो बड़ी वर्णमाला में है को छोटी वर्णमाला के करेक्टर में बदलता है ।

( 7 ) toupper ( ) :-

यह फंक्शन किसी lower case करेक्टर को Upper Case करेक्टर में परिवर्तित करता है ।

( 8 ) strcpy ( ):-

 इस फंक्शन का प्रोटोटाइप string.h हैडर फाइल में store होता है । यह एक String manipulation function है । यह एक स्ट्रिंग की दूसरी स्ट्रिंग में Copy तैयार कर देता है । इस फंक्शन की कॉपी की क्रिया स्ट्रिंग में Null करेक्टर की उपस्थिति पर जाकर समाप्त होती है । 

( 9 ) strcat ( ) :-

यह फंक्शन एक स्ट्रिंग के अन्त में दूसरी स्ट्रिंग को जोड़ता है , परिणामी नई स्ट्रिंग में करेक्टरों की संख्या ( स्ट्रिंग की लम्बाई ) , दोनों स्ट्रिंगों के करेक्टरों के योग के बराबर होती है ।

( 10 ) strlen ( ):-

इस फंक्शन का प्रोटोटाइप string . h हैडर फाइल में उपस्थित होता है । यह फंक्शन किसी दी गई स्ट्रिंग में करेक्टरों की संख्या की गणना करके उस स्ट्रिंग की लम्बाई ज्ञात करता है । यह स्ट्रिंग में उपस्थित \ o के अलावा सभी करेक्टरों की गिनती करता है । इस फंक्शन में Argument string type दिया जाता है और आर्ग्यूमेंट की संख्या एक ही होती है ।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ms excel functions in hindi

  आज हम  computer in hindi  मे ms excel functions in hindi(एमएस एक्सेल में फंक्शन क्या है)   -   Ms-excel tutorial in hindi   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- ms excel functions in hindi (एमएस एक्सेल में फंक्शन क्या है):- वर्कशीट में लिखी हुई संख्याओं पर फॉर्मूलों की सहायता से विभिन्न प्रकार की गणनाएँ की जा सकती हैं , जैसे — जोड़ना , घटाना , गुणा करना , भाग देना आदि । Function Excel में पहले से तैयार ऐसे फॉर्मूले हैं जिनकी सहायता से हम जटिल व लम्बी गणनाएँ आसानी से कर सकते हैं । Cell Reference में हमने यह समझा था कि फॉर्मूलों में हम जिन cells को काम में लेना चाहते हैं उनमें लिखी वास्तविक संख्या की जगह सरलता के लिए हम उन सैलों के Address की रेन्ज का उपयोग करते हैं । अत : सैल एड्रेस की रेन्ज के बारे में भी जानकारी होना आवश्यक होता है । सैल एड्रेस से आशय सैल के एक समूह या श्रृंखला से है । यदि हम किसी गणना के लिए B1 से लेकर  F1  सैल को काम में लेना चाहते हैं तो इसके लिए हम सैल B1 , C1 , D1 , E1 व FI को टाइप करें या इसे सैल Address की श्रेणी के रूप में B1:F1 टाइ

window accessories kya hai

  आज हम  computer in hindi  मे window accessories kya hai (एसेसरीज क्या है)   -   Ms-windows tutorial in hindi   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- window accessories kya hai (एसेसरीज क्या है)  :- Microsoft Windows  कुछ विशेष कार्यों के लिए छोटे - छोटे प्रोग्राम प्रदान करता है इन्हें विण्डो एप्लेट्स ( Window Applets ) कहा जाता है । उनमें से कुछ प्रोग्राम उन ( Gadgets ) गेजेट्स की तरह के हो सकते हैं जिन्हें हम अपनी टेबल पर रखे हुए रहते हैं । कुछ प्रोग्राम पूर्ण अनुप्रयोग प्रोग्रामों का सीमित संस्करण होते हैं । Windows में ये प्रोग्राम Accessories Group में से प्राप्त किये जा सकते हैं । Accessories में उपलब्ध मुख्य प्रोग्रामों को काम में लेकर हम अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कार्यों को सम्पन्न कर सकते हैं ।  structure of window accessories:- Start → Program Accessories पर click Types of accessories in hindi:- ( 1 ) Entertainment :-   Windows Accessories  के Entertainment Group Media Player , Sound Recorder , CD Player a Windows Media Player आदि प्रोग्राम्स उपलब्ध होते है

report in ms access in hindi - रिपोर्ट क्या है

  आज हम  computers in hindi  मे  report in ms access in hindi (रिपोर्ट क्या है)  - ms access in hindi  के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-  report in ms access in hindi (रिपोर्ट क्या है):- Create Reportin MS - Access - MS - Access database Table के आँकड़ों को प्रिन्ट कराने के लिए उत्तम तरीका होता है , जिसे Report कहते हैं । प्रिन्ट निकालने से पहले हम उसका प्रिव्यू भी देख सकते हैं ।  MS - Access में बनने वाली रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ :- 1. रिपोर्ट के लिए कई प्रकार के डिजाइन प्रयुक्त किए जाते हैं ।  2. हैडर - फुटर प्रत्येक Page के लिए बनते हैं ।  3. User स्वयं रिपोर्ट को Design करना चाहे तो डिजाइन रिपोर्ट नामक विकल्प है ।  4. पेपर साइज और Page Setting की अच्छी सुविधा मिलती है ।  5. रिपोर्ट को प्रिन्ट करने से पहले उसका प्रिन्ट प्रिव्यू देख सकते हैं ।  6. रिपोर्ट को तैयार करने में एक से अधिक टेबलों का प्रयोग किया जा सकता है ।  7. रिपोर्ट को सेव भी किया जा सकता है अत : बनाई गई रिपोर्ट को बाद में भी काम में ले सकते हैं ।  8. रिपोर्ट बन जाने के बाद उसका डिजाइन बदल