सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

What is Algorithm in Hindi?

आज हम C language tutorial in hindi मे हम What is Algorithm in Hindi? (एल्गोरिथ्म क्या है) के बारे में जानकारी देते क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-

What is Algorithm in Hindi? (एल्गोरिथ्म क्या है) :-

Instructions का वह समूह जिसके द्वारा Problem का solution होगा , एल्गोरिथ्म ( Algorithm ) कहलाता है । जिस प्रकार किसी सीढ़ी के ऊपरी कसर पर पहुँचने के लिये हमें सीढ़ी के प्रत्येक कर्सर को एक - एक करके पार करना होता है , उसी प्रकार कम्प्यूटर को भी समस्या के समाधान तक पहुँचने के लिये एक - एक पद ( Step ) दिया जाता है । एल्गोरिथ्म ( Algorithm ) किसी समस्या के समाधान के लिए लॉजिक है।

Method of Algorithm in Hindi:-

1. Flow chart in hindi
2. Pseudocode in hindi

 1.फ्लो चार्ट या प्रवाह चित्र ( Flow chart in hindi) :-

किसी समस्या के समाधान के Steps का चित्र के रूप में प्रदर्शन फ्लो चार्ट ( Flow Chart ) कहलाता है । प्रोग्राम की विभिन्न क्रियाओं के प्रवाह को फ्लो चार्ट ( Flow Chart ) express करता है । फ्लो चार्ट ( Flow Chart ) में विभिन्न क्रियाओं ( Actions ) के लिये Sign होते हैं । इन Symbols को तीर के चिन्हों वाली Flow Lines की सहायता से जोड़ते हैं जिससे क्रियाओं की दिशा का पता चलता है । फ्लो चार्ट के मुख्य चिन्ह निम्न प्रकार हैं -

(A) इनपुट / आउटपुट चिन्ह ( Input / Output Symbol ) :-

यह समान्तर चतुर्भुज की आकृति का चिन्ह होता है । यह चिन्ह इनपुट या - आउटपुट क्रिया को व्यक्त करता है । 
जैसे और READ और WRITE या INPUT PRINT ।
इनपुट क्रिया ( Input Operation ) का अर्थ कम्प्यूटर में डाटा इनपुट करना है जबकि आउटपुट क्रिया ( Output Operation ) का अर्थ है स्क्रीन या अन्य किसी आउटपुट डिवाइस पर आउटपुट का छपना । इसमें कितनी भी लाइनें Enter हो सकती हैं किन्तु एक ही लाइन प्राप्त होती है ।

(B) टर्मिनल ( Terminal ) :-

यह अण्डाकार ( Oval ) चिन्ह होता है जो फ्लो चार्ट ( Flow Chart ) का प्रारम्भ और अन्त करने के लिये प्रयुक्त होता है ।
 इस चिन्ह में START शब्द लिखकर फ्लो चार्ट प्रारम्भ करते हैं और STOP शब्द लिखकर फ्लो चार्ट समाप्त करते हैं सभी फ्लो चार्टों में START और STOP टर्मिनल चिन्ह होना आवश्यक है । इसमें एक ही लाइन बाहर निकलती है और कितनी भी लाइनें Enter हो सकती हैं । 

(C) प्रक्रिया चिन्ह ( Processing Symbol ) :-

यह आयताकार चिन्ह होता है । इसमें डाटा पर प्रक्रिया ( Processing ) करने वाले निर्देश या सूत्र लिखते हैं । इसमें कितनी भी लाइनें Enter हो सकती हैं . किन्तु बाहर एक ही लाइन प्राप्त होती है ।
Check this link use full information - vietsn 

(D) फ्लो लाइन ( Flow Line ):-

ये तीर के चिन्ह वाली रेखाएँ होती हैं जो फ्लो चार्ट के सभी चिन्हों को परस्पर जोड़ती हैं और प्रक्रिया के प्रवाह की दिशा को बताती हैं ।  

(E) Decision Symbol :-

यह चिन्ह Logical Operation को व्यक्त करता है । इसके दो मुख्य भाग होते हैं :
( a ) शर्त या प्रश्न जो इस चिन्ह में लिखा जाता है ।
( b ) शर्त या प्रश्न का परिणाम व्यक्त करने की दो स्थितियाँ YES और NO . 
इस चिन्ह में एक फ्लो लाइन आकर मिलती है जबकि दो फ्लो लाइनें क्रमश : YES और NO के लिये बाहर निकलती हैं । Decision Symbol में हम Condition देते हैं जिन्हें हम तार्किक क्रियाएँ ( Logical Operations ) कहते हैं । तार्किक क्रियाओं को लिखने के लिये निम्नलिखित ऑपरेटर्स का उपयोग किया जाता है : -
= बराबर 
> से बड़ा है ( Greater than ) 
< से छोटा है ( Less than )
>= से बड़ा या बराबर है ( Greater than or Equal to)
<= से छोटा या बराबर है ( Less than or Equal to )
<> या ! = बराबर नहीं ( Not Equal to )

(F) कनेक्टर ( Connector ):-

 फ्लो चार्ट यदि कागज पर एक पृष्ठ से बड़ा हो जाता है तो उसे अगले पृष्ठ पर Continue करने के लिये कनेक्टर प्रयुक्त किये जाते हैं । ये वृत्ताकार चिन्ह होते हैं । 

(G) Annotation Symbol :-

 यदि प्रोग्रामर किसी क्रिया ( Operation ) के बारे में टिप्पणी लिखना चाहता है । जिससे प्रोग्राम की प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा तो इसके लिये टिप्पणी चिन्ह ( Annotation Symbol ) का उपयोग करके उसके दायीं ओर क्रिया से सम्बन्धित टिप्पणी लिख सकता है ।

2. स्यूडोकोड ( Pseudocode in hindi):-

किसी समस्या के समाधान के Steps को प्रोग्रामर अपनी भाषा  में Pointwise लिखता है , इसे स्यूडोकोड ( Pseudocode ) कहते हैं अर्थात् प्रोग्राम्स के लॉजिक का अपनी स्वयं की भाषा में Pointwise पदों का समूह स्यूडोकोड ( Pseudocode ) कहलाता है । स्यूडोकोड प्रोग्रामिंग के समय कोडिंग में एक फ्रेमवर्क प्रदान करता है जिससे कोडिंग में सरलता रहती है ।

(A) Input या Accept  या Read:-

उदाहरण :- Input Salary 
                Read Name 
                Accept Name

(B) Print या Display या Write:-

उदाहरण:- Print Commission
               Display Average
              Write Name 
Pseudocode को Start से प्रारम्भ व End से समाप्त करते हैं ।

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Recovery technique in dbms । रिकवरी। recovery in hindi

 आज हम Recovery facilities in DBMS (रिकवरी)   के बारे मे जानेगे रिकवरी क्या होता है? और ये रिकवरी कितने प्रकार की होती है? तो चलिए शुरु करतेे हैं- Recovery in hindi( रिकवरी) :- यदि किसी सिस्टम का Data Base क्रैश हो जाये तो उस Data को पुनः उसी रूप में वापस लाने अर्थात् उसे restore करने को ही रिकवरी कहा जाता है ।  recovery technique(रिकवरी तकनीक):- यदि Data Base पुनः पुरानी स्थिति में ना आए तो आखिर में जिस स्थिति में भी आए उसे उसी स्थिति में restore किया जाता है । अतः रिकवरी का प्रयोग Data Base को पुनः पूर्व की स्थिति में लाने के लिये किया जाता है ताकि Data Base की सामान्य कार्यविधि बनी रहे ।  डेटा की रिकवरी करने के लिये यह आवश्यक है कि DBA के द्वारा समूह समय पर नया Data आने पर तुरन्त उसका Backup लेना चाहिए , तथा अपने Backup को समय - समय पर update करते रहना चाहिए । यह बैकअप DBA ( database administrator ) के द्वारा लगातार लिया जाना चाहिए तथा Data Base क्रैश होने पर इसे क्रमानुसार पुनः रिस्टोर कर देना चाहिए Types of recovery (  रिकवरी के प्रकार ):- 1. Log Based Recovery 2. Shadow pag

Query Optimization in hindi - computers in hindi 

 आज  हम  computers  in hindi  मे query optimization in dbms ( क्वैरी ऑप्टीमाइजेशन) के बारे में जानेगे क्या होता है और क्वैरी ऑप्टीमाइजेशन (query optimization in dbms) मे query processing in dbms और query optimization in dbms in hindi और  Measures of Query Cost    के बारे मे जानेगे  तो चलिए शुरु करते हैं-  Query Optimization in dbms (क्वैरी ऑप्टीमाइजेशन):- Optimization से मतलब है क्वैरी की cost को न्यूनतम करने से है । किसी क्वैरी की cost कई factors पर निर्भर करती है । query optimization के लिए optimizer का प्रयोग किया जाता है । क्वैरी ऑप्टीमाइज़र को क्वैरी के प्रत्येक operation की cos जानना जरूरी होता है । क्वैरी की cost को ज्ञात करना कठिन है । क्वैरी की cost कई parameters जैसे कि ऑपरेशन के लिए उपलब्ध memory , disk size आदि पर निर्भर करती है । query optimization के अन्दर क्वैरी की cost का मूल्यांकन ( evaluate ) करने का वह प्रभावी तरीका चुना जाता है जिसकी cost सबसे कम हो । अतः query optimization एक ऐसी प्रक्रिया है , जिसमें क्वैरी अर्थात् प्रश्न को हल करने का सबसे उपयुक्त तरीका चुना