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ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकोल/ इंटरनेट प्रोटोकोल(TCP/ IP)

 ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकोल/ इंटरनेट प्रोटोकोल(TCP/IP) क्या होता है:- TCP( ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकोल):- इस प्रोटोकॉल का काम भेजो जाने वाले मैसेज (sending message) को छोटे-छोटे डाटा ग्रामों (Datagrams) में विभाजित (Divide) कर उन्हें आगे संचालित करना होता है तथा प्राप्त करने वाले मैसेज (Receiving massage) के डेटा ग्रामों को जोड़कर वास्तविक संदेश (Original message) बनाना होता है। जब भी संदेश को डेटा ग्रामो में विभाजित कर आगे भेजा जाता है तो वह किसी क्रम(Order) में नहीं होते हैं मतलब वे 1 यूनिट (unit) के रूप में संचारित ना होकर अलग अलग संदेश के डाटा ग्रामों के साथ समूह(Group) में संचारित होते हैं। अत: TCP को यह पहचान करना होता है कि कौन सा डाटा ग्राम किस संदेश से संबंधित है। इस कार्य(function) को डिमल्टीप्लेक्सिंग (demultiplexing) कहते हैं। डाटा ग्राम की पहचान करने के लिए संचार से पहले एक हेडर लगा दिया जाता है, जिसमें वह सूचना(Information) होती है, जिसके आधार पर डेटा ग्रामों(Data grams) की पहचान होती है। IP( इंटरनेट प्रोटोकोल):- TCP प्रोटोकॉल, डाटा ग्रामो (Data grams) म

IEEE 802.11

IEEE 802.11 क्या होता है?( हिंदी में) IEEE 802.11 वायरलेस लेन को implement करने के लिए एक स्टैंडर्ड स्टैंडर्ड्स का समूह है। सबसे पहले बनाया गया स्टैंडर्ड समूह 802.11 था जिसे सन 1997 में बनाया गया था। यह वायरलेस लेन की आवश्यकताओं, भौतिक स्ट्रक्चर  व सेवाओं आदि की व्याख्या करता है।  इसका मुख्य लक्ष्य  साधारण वायरलेस लैन बनाना होता है, जो कि समय bounded व asynchronous सेवाएं प्रदान करें। डिसटीब्युटेड सिस्टम में कई सारे BSS (basic service set) जुड़े होते हैं जो मिलकर एक बड़े नेटवर्क का निर्माण करते हैं जिसे ESS (extended service set) कहा जाता है। इसमें डिस्ट्रीब्यूटेड सिस्टम को पोर्टल के माध्यम से दूसरे लेन से जोड़ा जा सकता है। IEEE 802.11 में BSS एक  दूसरे पर निर्भर नहीं करते हैं, इसीलिए इन्हें IBSS (independent basic service set) कहा जाता है।IBSS कई सारे स्टेशनों  के बने होते हैं, तथा ये स्टेशन आपस में सीधे जुड़े होते हैं  इसमें  एक्सेस प्वाइंट की आवश्यकता  नहीं होती है तथा डाटा एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन पर स्थानांतरित होता है। Standards of IEEE 802.11 family IEEE का प्रा

SQL

SQL का इतिहास :-  SQL - Structured Query Language की उत्पत्ति हमें 1970 के दशक में वापस ले जाती है। इसे IBM लैबोरेट्रीज में, नया डाटाबेस सॉफ़्टवेयर बनाया गया था। यह डेटा को मैनेज करने के लिए, SQL लैग्‍वेज बनाई गई थी।सबसे पहले इसे SEQUEL कहा जाता था,लेकिन इसे बाद में से सिर्फ SQL में बदल दिया गया था। SQL का परिचय:- इसे SQL या सीक्वल के नाम से भी जाना जाता है। परंतु एसक्यूएल का पूरा नाम स्ट्रक्चर स्ट्रक्चर्ड क्वेरी लैंग्वेज (Structured Query Language) है। यह एक डेटाबेस सॉफ्टवेयर है जो की रिलेशन डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के अनुसार  डेटाबेस का  प्रबंधन  करता है।   यह डाटा  को संग्रहित करने, Query (प्रश्न) करके  आवश्यक डाटा को देखने,  डाटा को अपडेट करने  के तथा  डिलीट करने  आदि के कार्य  करने में  सक्षम है।   यह लगभग  सभी प्रकार के  प्रयोग कर्ताओं द्वारा  प्रयोग  की जाती है। इसे DBA (Database Administrator), DBP (Data base Programmer) तथा अन्य  प्रयोग कर्ताओं के द्वारा  भी प्रयोग की जाती है। यह एक  सर्वर tool है।  यह SQL स्टेटमेंट को पहचान कर  उसे रन करके  प्राप्त आउटपुट  को सुव्