सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

javascript variables in hindi

 आज हम javascript full course in hindi मे हम javascript variables in hindi के बारे में जानकारी देते क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- 

javascript variables in hindi:-

कम्प्यूटर की मेमोरी ऐसी स्थिति जिसमें वैल्यू को किसी नाम से store व manipulate किया जा सके , वेरियेबल कहलाती है । javascript loosely typed होती है इसलिए इसका एक ही वेरियेबल विभिन्न प्रकार का डाटा store कर सकता है । 
जावास्क्रिप्ट में किसी वेरियेबल को डिक्लेयर करने के लिए var स्टेटमेन्ट का प्रयोग किया जाता है । इन वेरियेबल्स में declaration के समय अथवा बाद में वैल्यूज़ assign की जा सकती है ।

var statement syntax:-

var variable [ = value ] [ , variable2 [ = value2 ] , ... ] 
variable : उस वेरियेबल का नाम जिसे declare किया जाना है । 
value : वेरियेबल को assign किया जाने वाला मान
स्टेटमेन्ट में use assignment operator ( = ) वेरियेबल को initial value प्रदान करता वेरियेबल के declaration के लिए var कीवर्ड का प्रयोग optional है , इसका प्रयोग किये बिना भी वेरियेबल declare किया जा सकता है । 
जावास्क्रिप्ट भाषा case sensitive होती है इसलिए वेरियेबल के एक ही नाम को स्थिति में लिखने पर ये समान नहीं माने जाते हैं । 

Local and Global Variables in hindi:-

वेरियेबेल की स्क्रिप्ट और फंक्शन में उपलब्धता को वेरियेबल का स्कोप कहते हैं । वेरियेबल का स्कोप इस पर निर्भर करता है कि वह किस स्थान पर डिफाइन किया गया है । वेरियेबल का स्कोप वह सीमा या क्षेत्र है जिसमें कि उसका declaration और qssignment सम्भव है ।

Global Variables in hindi:-

ग्लोबल वेरियेबल वह वेरियेबल होता है जिसे फंक्शन से बाहर var कोवर्ड युक्त स्टेटमेन्ट से declare किया गया हो , यह ग्लोबल वेरियेबल किसी भी विण्डो में चल रही जावास्क्रिप्ट से axis किया जा सकता है । 

local variable in hindi:-

लोकल वेरियेबल ऐसा वेरियेबल होता है जिसे किसी फंक्शन में है और } ब्रेकेट के मध्य की सीमा में declare किया जाता है , अर्थात् लोकल वेरियेबल किसी फंक्शन की बाऊन्ड्री में ही declare व use किये जाते हैं । 

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

half adder and full adder in hindi

  आज हम  computer in hindi  मे  आज हम half adder and full adder in hindi - computer system architecture in hindi   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- half adder and full adder in hindi:- 1. half adder in hindi 2. full adder in hindi  1. Half adder in hindi:- half adder  सबसे basic digital arithmetic circuit 2 binary digits का जोड़ है।  एक combination circuit जो दो bits के arithmetic जोड़ को display करता है उसे half adder कहा जाता है।   half adder के इनपुट variable को Augend और addend bits कहा जाता है। आउटपुट योग और Carrie को बदलता है। दो आउटपुट variable Specified करना आवश्यक है क्योंकि 1 + 1 का योग बाइनरी 10 है, जिसमें दो अंक हैं। हम दो इनपुट वेरिएबल्स के लिए x और y और दो आउटपुट वेरिएबल के लिए S (योग के लिए) और C (कैरी के लिए) असाइन करते हैं। C output 0 है जब तक कि दोनों इनपुट 1 न हों। S आउटपुट योग के कम से कम महत्वपूर्ण बिट ...

महाकुंभ-आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिकता की यात्रा

महाकुंभ-आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिकता की यात्रा-1:- कुंभ मेला दुनियां में आस्था और आध्यात्मिकता की सबसे असाधारण अभिव्यक्तियों में से एक है, जो भारतीय संस्कृति और धर्म के शाश्वत सार को दर्शाता है। यह हिंदू परंपराओं में गहराई से निहित एक पवित्र तीर्थयात्रा है, जहाँ लाखों भक्त, साधु- सन्त (पवित्र पुरुष), विद्वान् और साधक ईश्वर में अपनी सामूहिक आस्था का उत्सव मनाने के लिए एकत्र होते हैं। जहां राष्ट्रीय एकात्मता और सामाजिक समरसता के सहज दर्शन होते हैं।* यह स्मारकीय आयोजन महज धार्मिक उत्सव की सीमाओं से परे जाकर भक्ति, सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक जागृति के जीवंत संगम के रूप में विकसित होता है। महाकुंभ-आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिकता की यात्रा-2:- चार पवित्र स्थानों- हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन - पर चक्रीय रूप से आयोजित होने वाला कुंभ मेला सत्य और मोक्ष की शाश्वत खोज का प्रतीक है। इन स्थानों को मनमाने ढंग से नहीं चुना जाता है; वे प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों और आकाशीय संरेखण से आंतरिक रूप से जुड़े हुए हैं, जो इन पर्वों को गहन आध्यात्मिक महत्त्व देते हैं। प्रत्येक स्थल नदियों या तीर...

शिक्षक का व्यवहार कैसा होना चाहिए? (What should be the behaviour of a teacher?)

 शिक्षक का व्यवहार कैसा होना चाहिए:-  शिष्य एवं शिक्षक के बीच शिष्टाचार-1:- एक विद्यार्थी अपने शिक्षक से ज्ञान प्राप्त कर जीवन में अग्रसर होता है, अपने जीवन का निर्माण करता है। जो विद्यार्थी अच्छे गुणों को ग्रहण कर शिष्टाचारी बनकर जीवन- पथ पर आगे बढ़ता है; जीवन में उच्च पद, सम्मान आदि प्राप्त करता है और उसको समाज में एक आदर्श व्यक्तित्व का दर्जा प्राप्त होता है। दूसरी ओर वह शिष्य है, जो अशिष्ट है। वह इस दुनियां में आता है और चला जाता है। उसका जीवन कीड़े-मकोड़े की तरह होता है- अर्थात् उनका कोई अस्तित्व नहीं होता। वह निरुद्देश्य जीवन जीते मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। जहाँ एक ओर विद्यार्थियों को अपने गुरुजनों, शिक्षकों के साथ सम्मानजनक उचित व्यवहार करना चाहिए, वहीं दूसरी ओर शिक्षकों को भी अपने शिष्यों, विद्यार्थियों के सम्मान का उचित ध्यान रखना चाहिए, अर्थात् दोनों का एक-दूसरे के प्रति शिष्टाचार आवश्यक है।  शिष्य एवं शिक्षक के बीच शिष्टाचार-2:- विद्यार्थी को अपना कार्य स्वयं करना चाहिए, न कि अपने माता-पिता अथवा अभिभावक पर निर्भर होना चाहिए। जो विद्यार्थी अपना कार्य स्वयं कर...