आज हम computer course in hindi मे हम Interprocess communication in hindi के बारे में बताएगें तो चलिए शुरु करते हैं-
Interprocess communication in hindi:-
Interprocess Communication यह modern operating system एक process से दूसरी को communications करने के लिये कई features भी available करवाते हैं । जिससे communications management की range एक event के simple signals से लेकर एक queue system में से massages के गुजरने तक होती है । यहाँ पर इसके इस part में हम इन्हीं techniques का analysis करते है ।
1. Signals और share की गई फाइल मतलब पाइप और message passing
2. share की गई मेमोरी और डायनेमिक डाटा एक्सचेंज ( DDE )
3. Object linking और embedding ( OLE )
इस तरह की communication system का सबसे सरल रूप एक process से दूसरी का signal है और जो उस event की पूरा को point करता है , जिस पर दूसरी process इंतजार कर रही है । इसे synchronization भी जाना जाता है और Synchronizing Processes के objective के लिए semaphore भी internal processes के मध्य communication system का एक Channel है । unix systems में internal processes की features हैं । unix systems VIPC ( inter-process communication system ) package semaphore , message passing और shadow memory को कवर करके एक uniform interface का use , services का एक set के रूप में provide करता है ।
यह माइक्रोसाफ्ट विन्डोज सिस्टम में DDE और OLE techniques को use किया जाता है और DDE से दो running window applications के बीच data transfer किया जा सकता है , जबकि OLE mechanism का अधिक complex set होता है , जो shared object ' का use कर separate program के micro integration को यह बनाता है।
1. Mutual Execlusion:-
इस theory के द्वारा resource या तो free होता है या एक समय में एक ही प्रोसेस द्वारा use किया जा सकता है । system के resource का mutual exclusion आसानी से किया भी जा सकता है , क्योंकि इनका access operating system में focuse होता है । और logical resources में Mutual Exclusion System में focuse होता है । logical resources में mutual exclusion problem को organized करने के लिये कई method use में लाया जाता है।
2. Critical Section Region :-
इसमें ऐसी state , जहाँ कई process समान data को concurrently access और manipulate करती हैं और execution का outcome उस special order पर dependent होता है , जिसमें access होता है और इसे रेस ( RACE ) कंडिशन कहा जाता है । इस race condition को mutual execution की help से हटाया जा सकता है । यहाँ ध्यान देने योग्य एक important facts यह है कि interprocess categories की capacity process के केवल कुछ fixed parts पर ही obvious होती है , और जहाँ critical manipulation किये गए हैं । इस प्रकार , इन process से कोई नुकसान नहीं होता है । इन critical points पर precautions जाती हैं । इसमें Interprocess Complication के सेन्सिटिव प्रोसेसे रिजन को Critical Region / Section कहा जाता है और जब अपने Critical Section में एक process execute हो रही होती है , तो दूसरी प्रोसेस को execute होने की permission नहीं होती है । इस प्रकार , प्रोसेस द्वारा Critical Section का execution mutually exclusive होता है।
3. Conditional Critical Region:-
conditional critical region हमें synchronization तथा mutual exclusion को पहचानने में help करता है । इसे उदाहरण के लिए Region Shared Data, Do Begin Await Condition, Action की help से हम share data के exclusive access में कोई भी action कर सकते हैं और जहाँ Condition two हो एवं मल्टि प्रोसेसर के साथ use करने के लिए एक Concurrent Programming Language में conditional critical region का use किया जाता । यह कि दो प्रोसेसेस् कुछ resource को share कर रही हैं और इसकेप्रत्येक का एक Critical Region Code है । हमें critical region पर यह तय करते हुए guard entry की आवश्यकता होती है और कि जब एक प्रोसेस अपने region में प्रवेश कर चुकी है और तो दूसरी को तब तक इंतजार करना होगा , जब तक पहली बार नहीं हो जाती । इसमें एक गेट ( gate ) के गुण होते हैं हम जिसे एक समय में केवल एक ही प्रोसेस के लिए खोला जा सकता है ।
इसे एक सिंपल वेरियेबल gate_open द्वारा समझे और जिसे दो प्रोसेस द्वारा share किया गया है और TRUE अथवा FALSE वेल्यू हो सकती हैं । gate_open प्रारंभिक तौर पर TRU में स्थापित किया जाता है । प्रत्येक प्रोसेस के लिये कोड की आउट लाइन इस प्रकार होती है ।
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