Ahilya Bai Holkar story part-2

 पुण्यश्लोका लोकमाता अहल्यादेवी होलकर-2:-

Ahilya Bai Holkar story in hindi


  • केवल अपने राज्य में ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण देश के "मंदिरों की पूजन-व्यवस्था और उनके आर्थिक प्रबंधन'' पर भी उन्होंने विशेष ध्यान दिया। बद्रीनाथ से रामेश्वरम तक और द्वारिका से लेकर पुरी तक "विधर्मी आक्रमणकारियों द्वारा क्षतिग्रस्त मंदिरों का उन्होंने पुनर्निर्माण" करवाया। 
  • प्राचीन काल से चलती आयी और आक्रमण काल में "खंडित हुई तीर्थयात्राओं में उनके कामों से नवीन चेतना आयी।"
  • इन वृहद कार्यों के कारण ही उन्हें 'पुण्यश्लोक' की उपाधि मिली। संपूर्ण भारतवर्ष में फैले हुए इन पवित्र स्थानों का विकास वास्तव में उनकी राष्ट्रीय दृष्टि का परिचायक है।
  • पुण्यश्लोका देवी अहिल्याबाई की जयंती के 300 वें वर्ष के पावन अवसर पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन् करते हुए समस्त सनातन समाज बंधु-भगिनी इस पर्व पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में मनोयोग से सहभाग करें। उनके दिखाये गए सादगी, चारित्र्य, धर्मनिष्ठा और  राष्ट्रीय स्वाभिमान के मार्ग पर अग्रसर होना ही उन्हें सच्ची श्रध्दांजलि होगी।

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