सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

normalization in hindi | normalization in dbms in hindi

आज हम Normalization in dbms in hindi के बारे मे जानेगे Normalization क्या होता है? और types of Normal form in dbms (डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम) के बारे मे जानेगे क्या होते हैं तो चलिए शुरु करते हैं :-

Normalization in hindi (Normalization क्या होता है?) :-

जटिल data structure को साधारण data structure में परिवर्तित करने की प्रक्रिया Normalization कहलाती है । इस प्रक्रिया में विभिन्न Relations जिनमें Complexity हो उन्हें अलग - अलग भागों में विभाजित किया जाता है । 

normal form in dbms in hindi:-

Normalization को विभिन्न steps में पुरा किया जाता है । इसका प्रत्येक step एक Normal form in dbms (डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टमसे सम्बन्धित होता है । Normal form किसी Relation की वह स्थिति होती है जिसे attribute के Relationship से सम्बन्धित नियमों को लागू करके प्राप्त करते है।

Types of normal form in dbms:-

2. Second Normal Form in dbms (डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम)  in hindi 
3. Third Normal Form in dbms (डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम)  in hindi 
4. Boyce Codd Normal Form in dbms (डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम) in hindi 

1. First Normal form in dbms in hindi: -

 एक Relation तब तक   होता है जब सिर्फ व सिर्फ उसे कोई भी Multivalued attribute न हो । 
St. rollno .

partial functional dependency in dbms:-

partial functional dependency in dbms (डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम) जिसमें एक या अधिक Non Key attribute ( जैसे Name , Add etc ) का कुछ भाग ( अर्थात् कुछ attributes ) ही Primary Key पर Functionally depanded हो । 

2. Second Normal form in dbms in hindi: -

एक Relation second normal form in dbms (डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम)  में तब होता है जब वह सिर्फ और सिर्फ प्रथम नॉर्मल फॉर्म में हो और प्रत्येक नॉन Key attribute primary Key attributed पर पूरी तरह से functional depend हो ।

Transitive dependancy in dbms :-

दो या अधिक Non Key attribute के बीच यदि Functional dependancy हो तो वह Transitive dependency in dbms (डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम) कहलाती है । 

3. Third Normal Form in dbms in hindi: -

एक रिलेशन Third Normal form में तब होता है जब वह Second Normal from में हो । तथा कोई Transitive dependancy नही हो । 

Functional Dependancy :-

किन्हीं दो attributes या दो attributes के समूह के बीच के Constraint को Functional depandancy कहा जाता है । एक attributes या attributes का समूह जिसके द्वारा Relation की प्रत्येक line की अद्वितीय रूप से पहचाना जा सके इसे Candidate Key कहा जाता है ।

4. Boyce Codd Normal Form in dbms in hindi (BCNF) :-

दो प्रसिद्ध वैज्ञानिक RF Boyce तथा EF Codd ने Thirt Normal form का एक सक्षक्त रूप प्रतिपादित ( devlop ) किया इसे Three and half NF भी कहा जाता है । इसमें relation third Normal Form में होना आवश्यक है तथा Relation में प्रत्येक deteminet Candidate Key हो तो इस स्थिति को BCNF कहा जाता है । यह स्थिति बहुत कम देखने को मिलती है ।

Multivalues Dependancy:-

जब किसी Relation ' R ' में कम से कम तीन attribue जैसे ( A , B , C ) अवश्य हो व A की प्रत्येक Value के लिये B की से अधिक Values हो व साथ ही C की भी एक से अधिक Values हो । जबकि एक B की सभी Values व C की सभी Values एक -दूसरे से पूर्णतः स्वतन्त्र हो । तब इस घटनाक्रम को Multivalued depandency कहते है ।

5. Forth Normal Form in dbms in hindi:-

एक Relation forth Normal Form in dbms (डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टममें होगा सिर्फ और सिर्फ तब जबकि वह BCNF में हो । उसमें कोई भी Multivalued attributed ना हो । इसके अन्तर्गत Multivalues वाले attributes पूर्ण रूप से स्वतन्त्र होंगे ।

6. Fifth Normal Form in dbms in hindi:-

वास्तव में fifth normal form in dbms एक Joint dependany की विचारधारा है ( Consept है ) जैसा हम अभी तक जानते है कि किसी Complex Relationship को Simple करना हो तो उसे छोटे - छोटे भागों में विभाजित किया जाता है परन्तु एक सीमा के बाद उन Relations को और भागों में बांटा नही जा सकता है । इस Consept को Fifth Normal form in dbms कहा गया है । इसमें ध्यान यह रखना है की विघटन इस प्रकार किया जाये कि कोई सूचना lost ना हो ।

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Recovery technique in dbms । रिकवरी। recovery in hindi

 आज हम Recovery facilities in DBMS (रिकवरी)   के बारे मे जानेगे रिकवरी क्या होता है? और ये रिकवरी कितने प्रकार की होती है? तो चलिए शुरु करतेे हैं- Recovery in hindi( रिकवरी) :- यदि किसी सिस्टम का Data Base क्रैश हो जाये तो उस Data को पुनः उसी रूप में वापस लाने अर्थात् उसे restore करने को ही रिकवरी कहा जाता है ।  recovery technique(रिकवरी तकनीक):- यदि Data Base पुनः पुरानी स्थिति में ना आए तो आखिर में जिस स्थिति में भी आए उसे उसी स्थिति में restore किया जाता है । अतः रिकवरी का प्रयोग Data Base को पुनः पूर्व की स्थिति में लाने के लिये किया जाता है ताकि Data Base की सामान्य कार्यविधि बनी रहे ।  डेटा की रिकवरी करने के लिये यह आवश्यक है कि DBA के द्वारा समूह समय पर नया Data आने पर तुरन्त उसका Backup लेना चाहिए , तथा अपने Backup को समय - समय पर update करते रहना चाहिए । यह बैकअप DBA ( database administrator ) के द्वारा लगातार लिया जाना चाहिए तथा Data Base क्रैश होने पर इसे क्रमानुसार पुनः रिस्टोर कर देना चाहिए Types of recovery (  रिकवरी के प्रकार ):- 1. Log Based Recovery 2. Shadow pag

window accessories kya hai

  आज हम  computer in hindi  मे window accessories kya hai (एसेसरीज क्या है)   -   Ms-windows tutorial in hindi   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- window accessories kya hai (एसेसरीज क्या है)  :- Microsoft Windows  कुछ विशेष कार्यों के लिए छोटे - छोटे प्रोग्राम प्रदान करता है इन्हें विण्डो एप्लेट्स ( Window Applets ) कहा जाता है । उनमें से कुछ प्रोग्राम उन ( Gadgets ) गेजेट्स की तरह के हो सकते हैं जिन्हें हम अपनी टेबल पर रखे हुए रहते हैं । कुछ प्रोग्राम पूर्ण अनुप्रयोग प्रोग्रामों का सीमित संस्करण होते हैं । Windows में ये प्रोग्राम Accessories Group में से प्राप्त किये जा सकते हैं । Accessories में उपलब्ध मुख्य प्रोग्रामों को काम में लेकर हम अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कार्यों को सम्पन्न कर सकते हैं ।  structure of window accessories:- Start → Program Accessories पर click Types of accessories in hindi:- ( 1 ) Entertainment :-   Windows Accessories  के Entertainment Group Media Player , Sound Recorder , CD Player a Windows Media Player आदि प्रोग्राम्स उपलब्ध होते है