वेबसाइट को उनके कंटेंट के आधार पर दो भागों में विभाजित किया जा सकता है । ऐसी वेबसाइट जो हमारा हमेशा समान पेज प्रस्तुत करें वह स्टैटिक वेबसाइट्स होती है, तथा ऐसी वेबसाइट्स जो दिए गए इनपुट के आधार पर उचित डाटा प्रस्तुत करें वह डायनेमिक वेबसाइट कहलाती है।
अन्य शब्दों में यह कहा जाता है सकता है की जो वेब पेज समय, यूजर, आदि के संदर्भ में बदलता रहता हो, उसे डायनेमिक वेब पेज कहा जाता है। इसके विपरीत जो पेज उपरोक्त प्रत्येक परिस्थिति में समान रहे वह स्टैटिक कहलायेगा। डायनेमिक वेब पेज के लिए सामान्य डेटाबेस तथा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का प्रयोग किया जाता है ।यूूूजर की आवश्यकता के अनुसार प्रोग्राम डाटा बेस में उचित डाटा को प्रस्तुत कर देता है। डायनेमिक वेबसाइट के दो भागों में विभाजित किया गया है।
1. क्लाइंट साइड स्क्रिप्टिंग
2.सर्वर साइड स्क्रिप्टिंग
इसी प्रकार जिस वेबसाइट पर यूजर इंटर एक्शन के बिना कंटेंट बदलता रहता हो, वह एक्टिव वेबसाइट कहलाती है। ऐसी वेबसाइट पर सामान्य एमीनेशन, &जावा एप्लेट आदि के माध्यम से कंटेंट को प्रदर्शित किया है।
आज हम Recovery facilities in DBMS (रिकवरी) के बारे मे जानेगे रिकवरी क्या होता है? और ये रिकवरी कितने प्रकार की होती है? तो चलिए शुरु करतेे हैं- Recovery in hindi( रिकवरी) :- यदि किसी सिस्टम का Data Base क्रैश हो जाये तो उस Data को पुनः उसी रूप में वापस लाने अर्थात् उसे restore करने को ही रिकवरी कहा जाता है । recovery technique(रिकवरी तकनीक):- यदि Data Base पुनः पुरानी स्थिति में ना आए तो आखिर में जिस स्थिति में भी आए उसे उसी स्थिति में restore किया जाता है । अतः रिकवरी का प्रयोग Data Base को पुनः पूर्व की स्थिति में लाने के लिये किया जाता है ताकि Data Base की सामान्य कार्यविधि बनी रहे । डेटा की रिकवरी करने के लिये यह आवश्यक है कि DBA के द्वारा समूह समय पर नया Data आने पर तुरन्त उसका Backup लेना चाहिए , तथा अपने Backup को समय - समय पर update करते रहना चाहिए । यह बैकअप DBA ( database administrator ) के द्वारा लगातार लिया जाना चाहिए तथा Data Base क्रैश होने पर इसे क्रमानुसार पुनः रिस्टोर कर देना चाहिए Types of recovery ( रिकवरी के प्रकार ):- 1. Log Based Recovery 2. Shadow pag
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