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जम्मू कश्मीर अधिमिलन के महानायक महाराजा हरि सिंह की जयंती पर शत्-शत् नमन - 23 सितंबर 1895 जानिए कौनसे औरंगजेब को चुनौति देते हुए राणा राज सिंह जी मेवाड़ में श्रीनाथ जी की प्रतिष्ठा करवाई। -Maharaja Hari Singh

Maharaja Hari Singh:-  "औरंगजब मुगल साम्राज्य का सबसे क्रूर शासक था। उसने मेवाड़ के आस्था के केंद्र श्रीनाथजी मंदिर पर आक्रमण किया था। मेवाड़ के कई अन्य मंदिरों का भी विध्वंस किया। मेवाड़ में सनातन धर्म से संबंधित केंद्रों को महाराणा राज सिंह का संरक्षण था, जिससे औरंगजेब ने भारी विद्वेष किया था। मेवाड़ सहित समूचे भारत के इतिहास के संदर्भ में औरंगजेब की छवि क्रूर व पक्षपाती शासक की थी।" इतिहासकार प्रो चन्द्रशेखर शर्मा ने दैनिक भास्कर को वक्तव्य दिया।

The Importance of a Mother (माँ का महत्त्व)

 माँ का महत्त्व:- आपको मुक्ति दिलानेवाले ऊँचे से ऊँचे भगवान् ने इसी धरती पर मानव के रूप में जन्म लिया है। यह भारत केवल मनुष्यों की जननी नहीं है। यह देवों की भी जननी है। इसकी सेवा विश्व-जननी की सेवा है। इसकी सेवा है, तो बाकी कुछ नहीं चाहिए। एक बार देवताओं के बीच प्रतियोगिता हुई, वे कौन से देव हैं, जिनका वाहन जल्दी दौड़ता है? सब लोग अपना-अपना वाहन लेकर आ गए। कार्तिकेयजी अपने मोर को लेकर आ गए। इंद्र अपने ऐरावत पर बैठकर और विष्णुजी गरुड़ लेकर आ गए। सबने मिलकर शिवजी को रेफरी बनाया और कहा, “शिव-पार्वती, आप बैठकर देखिए, कौन पहले आता है।” वहाँ गणेशजी भी आ गए। अब गणेशजी का शरीर तो मोटा है। सब लोगों ने कहा, “अरे! आप इतने मोटे हैं। आपका वाहन तो चूहा है, वह क्या दौड़ेगा? आप यहाँ क्या करने आए हैं?” तो गणेशजी ने कहा, “हम भी प्रतियोगिता में आए हैं।” प्रतियोगिता शुरू हो गई, सब लोग दौड़ लगाने चले गए। पूरी पृथ्वी का चक्कर लगाकर आना था। गणेशजी देखते रहे। *सब लोग दूर चले गए, तब उन्होंने माता पार्वती की तीन प्रदक्षिणा की और बैठ गए।* सब देव वापस आए। जब पूछा गया कि कौन जीता, तो शिवजी ने कहा, “गणेशजी जीते...