सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Management information system (MIS in hindi)

What is Management Information Systems (MIS) in hindi ?

Introduction to management information system (MIS in hindi):-  बिजनेस प्रॉब्लम का समाधान प्राप्त करने के लिए युजर, तकनीक और प्रॉसीजर (procedure) एक साथ मिलकर  कार्य करते हैं। यूूूूजर तकनीक और प्रॉसीजर के सकलन को Information system कहते हैं।  

management information system definition :-

जब इनफॉर्मेशन सिस्टम में निहित सभी भाग एक अनुशासन (Discipline) विधि से किसी बिजनेस प्रॉब्लम को हल करते हैं तो इस प्रक्रिया को Management information system (MIS in hindi) कहते हैं।  
MIS कोई नवीन व्यवस्था नहीं है, कंप्यूटर के आगमन से पूर्व व्यवसाय की गतिविधियों का योजना निर्धारण और नियन्त्रण करने का कार्य इसी प्रकार की MIS विधि से ही सम्पन्न किया जाता था।  कंप्यूटर ने इस MIS व्यवस्था में नवीन आयामों  जैसे, गति (speed), शुद्धता (accuracy) और वृहद मात्रा में डेटा समापन को भी सम्मिलित कर दिया गया है। management, Information और system  को कंप्यूटर की सहायता से मिश्रित व्यावसायिक गतिविधियों को सम्पन्न किया जाता है।
 किसी ऑर्गेनाइजेशन की ऑपरेशनल (Operational) गतिविधियों में लागू किए जाने वाले इनफॉर्मेशन सिस्टम का विश्लेषण MIS के माध्यम से किया जाता है।  डिसीजन लेने के Information management  पद्धतियों का कंप्यूटरीकरण  किया जाता है, जिसे ऑटोमेशन कहते हैं।  व्यापार में अनेक  गतिविधियों को सम्पन्न करने के लिए विभिन्न निर्णय  लिए जाते हैं, इसे कंप्यूटर की सहायता से करना सरल और उचित रहता है।  निम्नलिखित Decision making (निर्णय करना) को सहायता और ऑटोमेशन प्रदान करने के लिए MIS का प्रयोग किया जाता है-
डिसीजन सपोर्ट सिस्टम ( Decision Support System )
● एक्सपर्ट सिस्टम ( Expert System )
● ऐक्जीक्यूटिव इन्फॉर्मेशन सिस्टम ( Executive Information System )

आरम्भ में बिजनेस , कम्प्यूटर्स को पे - रोल ( Payroll ) और लेखांकन जैसी प्रायोगिक कम्प्यूटिंग में प्रयुक्त किया जाता था । सेल्स , इनवेन्ट्री ( Inventory ) और डाटा प्रबन्धन के नवीन अनुप्रयोगों के आने से प्रबन्धकों को एक सुनियोजित व्यवस्था की आवश्यकता पड़ने लगी । इस नवीन व्यवस्था में उपजे अनुप्रयोगों को सम्पन्न करने के लिए MIS का प्रयोग किया जाता है ।

आजकल सभी संस्थाओं में निम्नलिखित नये अनुप्रयोग लागू किये जा रहे हैं ।
● डिसीजन सपोर्ट सिस्टम ( Decision Support System )
● एक्सपर्ट सिस्टम ( Expert System )
● ऐक्जीक्यूटिव इन्फॉर्मेशन सिस्टम ( Executive Information System )

सिस्टम को मैनेज करने वाले दक्ष लोगों से MIS सम्बन्धित होता है। कम्प्यूटर और प्रबन्धन में दक्ष व्यक्तियों और मेनफ्रेम कम्प्यूटर सिस्टम के समूह को MIS डिपार्टमेन्ट कहते हैं । MIS डिपार्टमेंट एक सेन्ट्रली कॉर्डिनेटेड सिस्टम ( Centrally - Coordinated System ) होता है ।
Management Information Systems (MIS)



Concept of management information system in hindi (MIS):- 

कम्प्यूटरीकृत सँस्था में इन्फॉर्मेशन को मैनेज करने के लिए MIS एक ऑटोमेशन पद्धति होती है । MIS के क्षेत्र ( Scope ) और उद्देश्य ( Purpose ) को विश्लेषित करने के लिए इसके प्रत्येक तत्व को परिभाषित किया जाना आवश्यक होता है । MIS प्रणाली में प्रमुख रूप से तीन घटक होते हैं - मैनेजमेंट , इन्फॉर्मेशन और सिस्टम । 

मैनेजमेन्ट ( MANAGEMENT ) :-
संस्थागत ऑपरेशन्स को प्लान , आर्गेनाइज , इनिशियेट और कंट्रोल करने के लिए मैनेजर द्वारा सम्पन्न किये जाने वाले कार्यों को मैनेजमेंट कहते हैं । स्ट्रेटेजीज ( Starategies ) और लक्ष्यों ( Goals ) को निर्धारित करके वे प्लान तैयार करते हैं । ऑपरेशनल प्लान के लिए आवश्यक कार्यों को मैनेजर व्यवस्थित करते हैं और कर्मचारियों के अनुसार व्यवस्था को लागू करते हैं । मैनेजर कार्य की प्रगति की जाँच करने के लिए परफॉर्मन्स स्टैण्डर्ड ( Performance Standard ) का निर्धारण करते हैं । | MIS किसी बिजनेस के कार्यों की प्लानिंग , ऑर्गेनाइजिंग और कन्ट्रोलिंग की आवश्यकता को पूर्ण करता है।

इन्फॉर्मेशन ( INFORMATION ):-
 डाटा असिद्ध तथ्य होते हैं । इन्फॉर्मेशन सिस्टम में डाटा पर प्रक्रिया करके इन्फॉर्मेशन प्राप्त की जाती है । डाटा और इन्फॉर्मेशन में विभेद करना हमारे उद्देश्य की पूर्ति के लिए आवश्यक होती है । डाटा एक असिद्ध तथ्य होते हैं जिन्हें । डिसीजन सपोर्ट सिस्टम के लिए प्रक्रिया के उपरान्त रिकॉर्ड के रूप में संग्रहित करके रखा जाता है । 
डिसीजन मैकिंग और भविष्यवाणी के लिए स्टोर्ड रिकॉर्ड में से डाटा रिट्रीव करके उसे प्रॉसेस करने पर प्राप्त परिणाम को इन्फॉर्मेशन कहते हैं ।

सिस्टम्स ( SYSTEMs ):-
 एक उद्देश्य ( Common Objective ) पूर्ण करने के लिए प्रयुक्त भागों ( Elements ) के समूह को सिस्टम कहते हैं । एक बड़े सिस्टम में अनेक सबसिस्टम ( Subsystem ) उपस्थित हो सकते हैं । आर्गेनाइजेशन एक सिस्टम होता है । और इसके निम्नलिखित भाग सबसिस्टम होते हैं -
( i ) डिविजन ( Division ) ,
( ii ) डिपार्टमेन्ट ( Department ) ,
( iii ) फंक्श न ( Function ) ,
 ( iv ) यूनिट ( Unit )

Type of management information system:- 

विभिन्न संगठनों में प्रबन्धन कार्य एक सुनियोजित अवस्था में सम्पन्न किया जाता है । कम्पनी में कार्यरत सभी स्तरों के प्रबन्धक निश्चित सूचना को प्राप्त करके निर्णय लेते हैं और कार्य संपादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं । माइक्रो कम्प्यूटिंग सॉफ्टवेयर और वित्तीय डाटाबेस के आगमन से प्रबन्धक सुनियोजित MIS में कार्य करते हैं । इस परिवेश में इन्फॉर्मेशन सिस्टम महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । इन्फॉर्मेशन सिस्टम प्रमुख रूप से दो प्रकार के होते हैं-
 ( i ) इन्फॉर्मेशन रिर्पोटिंग सिस्टम ( Infor mation Reporting System ) , 
( ii ) डिसीजन सपोर्ट सिस्टम ( Decision Support System )

1. इन्फॉर्मेशन रिपोटिंग सिस्टम ( INFORMATION REPORTING SYSTEM ):-
Management information system (MIS) का सबसे पहला रूप इन्फॉर्मेशन रिपोर्टिंग सिस्टम था । इसमें पूर्व चयनित सूचना का प्रबन्धन होता है । इस । सिस्टम में पूर्वनिर्धारित ( Preplanned ) सूचना के आधार पर निर्णय लिये जाते हैं । इस सिस्टम में इन्फॉर्मेशन को कम्प्यूटर से प्राप्त किया जाता है । उदाहरणार्थ , हमारे बैंक एकाउण्ट का मासिक स्टेटमेंट इस सिस्टम से प्राप्त एक रिपोर्ट होती है ।इसके अलावा इनवेन्ट्री की रिपोर्ट भी इन्फॉर्मेशन रिपोर्टिंग सिस्टम से प्राप्त सूचना का उदाहरण है |
 2.डिसीजन सपोर्ट सिस्टम ( DECISION SUPPORT SYSTEMS ):-
सन् 1970 के दशक में कई प्रकार की रिपोर्ट तैयार करने का कार्य दिया गया जिनकी प्रबन्धकों को प्रायः आवश्यकता पड़ती थी । इस प्रकार के सिस्टम उच्च स्तर के प्रबन्धकों के लिए अत्यधिक उपयोगी साबित हुए । इस विचार से कम्प्यूटर उद्योग ने डिसीजन सपोर्ट सिस्टम ( DSS ) को विकसित किया ।
MIS के इन्फॉर्मेशन रिपोर्टिंग सिस्टम निश्चित और पूर्व निर्धारित सूचना प्रदान करते हैं । लेकिन DSS की  सहायता से प्रबन्धक स्वयं का इन्फॉर्मेशन सिस्टम तैयार कर सकता है । DSS में डाटा सुव्यस्थित करने और सूचना  संग्रहण के लिए विभिन्न प्रकार के टूल्स ( Tools ) उपस्थित होते हैं जिनकी सहायता से प्रबंधक सूचना संकलन  करता है ।

Advantages of management information system (MIS):- 

 प्रबन्धन की महत्वपूर्ण तकनीक MIS ऑर्गेनाइजेशन प्रगति को तीव्र बना देती है । प्रबन्धन के लिए MIS में निवेश करने पर कम्पनी को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं - 
1) प्रतिस्पर्धा में सहायता ( Core Competency Support ) , 
2) वितरित चैनल प्रबन्धन का विकसित रूप ( Enhanced Distribution Channel Management ) , 
3 ) ब्राँड इक्विटी में वृद्धि ( Increased Brand Equity ) , 
4) उत्पादन प्रक्रिया में वृद्धि ( Boost Production Processes ) 
5) आउटपुट स्तर में लचीलापन(Flexibility in Output Level) 
 6) कम्प्यू टर आधारित डिजाइन ( Computer Aided Design ) 7) ई - कॉमर्स में विस्तार ( Expansion in E - cornrnerce )
 8) स्थायित्व से परिपूर्ण ( Leverage Stability )
 9) बी 2 बी कॉमर्स के लाभ ( Benefits of B2B Commerce)।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Query Optimization in hindi - computers in hindi 

 आज  हम  computers  in hindi  मे query optimization in dbms ( क्वैरी ऑप्टीमाइजेशन) के बारे में जानेगे क्या होता है और क्वैरी ऑप्टीमाइजेशन (query optimization in dbms) मे query processing in dbms और query optimization in dbms in hindi और  Measures of Query Cost    के बारे मे जानेगे  तो चलिए शुरु करते हैं-  Query Optimization in dbms (क्वैरी ऑप्टीमाइजेशन):- Optimization से मतलब है क्वैरी की cost को न्यूनतम करने से है । किसी क्वैरी की cost कई factors पर निर्भर करती है । query optimization के लिए optimizer का प्रयोग किया जाता है । क्वैरी ऑप्टीमाइज़र को क्वैरी के प्रत्येक operation की cos जानना जरूरी होता है । क्वैरी की cost को ज्ञात करना कठिन है । क्वैरी की cost कई parameters जैसे कि ऑपरेशन के लिए उपलब्ध memory , disk size आदि पर निर्भर करती है । query optimization के अन्दर क्वैरी की cost का मूल्यांकन ( evaluate ) करने का वह प्रभावी तरीका चुना जाता है जिसकी cost सबसे कम हो । अतः query optimization एक ऐसी प्रक्रिया है , जिसमें क्वैरी अर्थात् प्रश्न को हल करने का सबसे उपयुक्त तरीका चुना

acid properties in dbms - computers in hindi

 आज हम computers in hindi के अन्दर Properties of Transaction (acid properties in dbms) के बारे मे जानेगे क्या होता है तो चलिए शुरु करते हैं:- Properties of Transaction ( कार्यसम्पादन के गुण ) (ACID in hindi) :- Atomicity , Consistency , Isolation , Durability - ACID सामान्यत : किसी transaction की 4 प्रॉपर्टीज़ होती हैं-  1. Atomicity  2. Consistency  3. Isolation  4. Durability  1. Atomicity transaction :-   Atomicity transaction की प्रॉपर्टी के द्वारा यह comfirm किया जाता है की transaction   के द्वारा किए जाने वाले सभी ऑपरेशन पूर्ण होंगे या उनमें से एक भी execute नहीं होगा । इसमें transaction के प्रत्येक ऑपरेशन को एक अकेली यूनिट की भांति व्यवहार किया जाता है । आइए इसे एक example की सहायता से समझते हैं। acid properties with example :-  यदि प्रथम ऑपरेशन सफल पूर्ण हो जाए तथा द्वितीय ऑपरेशन पर आते ही transaction असफल अर्थात् फेल हो जाए तो ऐसी स्थिति में प्रथम ऑपरेशन भी rollback हो जाएगा । Atomicity को transaction manager के द्वारा नियंत्रित किया जाता है । transaction manager डेटाबेस