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storage access in dbms

 आज हम computer in hindi मे storage access in dbms - dbms in hindi के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-

Storage access in dbms:-

Storage access in dbms मे विभिन्न फाइल्स में map किया जाने वाले डाटाबेस , underline ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा Organized किया जाता है । यह file disk पर tap backup के साथ Permanent form से स्थित होती हैं । प्रत्येक File fixed length वाली Storage units में विभाजित होती है जो block कहलाती है , Storage allocation और data transfer दोनों की ही units होती है।
एक block कई सारे डाटा item's को रख सकता है । block द्वारा included किया जाने वाला डाटा item's का सैट उपयोग किये जाने वाले Physical data organization के द्वारा निश्चित किया जाता है । हम ऐसा मानते हैं कि कोई भी डाटा item's दो या दो से अधिक block को नहीं रखता है । यह अनुमान अधिकतर डाटा Processing application के लिये वास्तविक होता है । डाटाबेस सिस्टम का मुख्य Objective disk और memory के मध्य block transfer की संख्या को न्यूनतम करना होता है । disk access को कम करने का एक तरीका मेन मैमोरी में अधिकतम blocks को रखना है । 
चूँकि सभी blocks को मेन मैमोरी मे रखना सही नहीं है इसलिये हमें blocks के स्टोरेज के लिये मेन मैमोरी में उपलब्ध space के division को Organized करने की आवश्यकता होती है । Buffer main memory का वह भाग होता है जो disk block की copy के स्टोरेज के लिये उपलब्ध होता है । यहां पर प्रत्येक block के डिस्क पर कॉपी को रखा जाता है परन्तु डिस्क पर उपस्थित copy block का version's हो सकती है जो बफर में उपस्थित version's से पुरानी होती है । buffer space के division के लिये उतरदायी सब system buffer manager कहलाता है ।

1. Buffer Manager in dbms: - 

डाटाबेस सिस्टम में उपस्थित program buffer manager पर resquest को तब bulit करती हैं जब उन्हे disk से block की आवश्यकता होती है । यदि buffer में block पहले से ही उपस्थित है तो buffer manager block के address को main memory मे से resquester के पास भेज देता है । यदि block buffer में नहीं है तो buffer manager द्वारा सबसे पहले block के लिये buffer में space को Split किया जाता है । यह block disk पर केवल तभी लिखे जाते हैं जब ये Modify किये जा चुके हों । ईसके बाद Buffer manager requested block में डिस्क से buffer तक पढे जाते हैं और मेन मैमोरी से resquester के पास block address को भेजते हैं । Buffer manager के Internal action उन programs के लिये Transparent होते हैं जो Disk-block request को issue करते हैं । 
यदि आप ऑपरेटिंग सिस्टम concept को अच्छी प्रकार से जानते है तो एक बात को अवश्य ध्यान में रखना चाहिये कि buffer manager एक Virtual memory manager से अधिक कुछ भी नहीं होता है । एक अन्तर यह भी है कि डाटाबेस का आकार मशीन के हार्डवेयर address space से काफी बडा हो सकता है , इसलिये memory address सभी डिस्क ब्लॉक्स को एड्रैस करने के लिये उपयुक्त नहीं होता है । इसके अतिरिक्त , डाटाबेस सिस्टम को अच्छी प्रकार से ऑपरेट करने के लिये buffer managers को Complex virtual memory management scheme के स्थान पर अधिक प्रभावशाली निम्न तकनीकों का उपयोग करना चाहिये । 

2.Buffer Replacement Strategy in dbms :- 

यदि बफर में कोई भी रूम खाली नहीं है तो एक ब्लॉक बफर सेremove कर दिया जाना चाहिये । अधिकतर ऑपरेटिंग सिस्टम LRU स्कीम बफर से remove किया जाता है । यह सरल सी Approach Database Application के लिये विकसित की जा सकती है । 

3.Pinned Blocks in dbms:-

Crashes सेRecover करने योग्य डाटाबेस सिस्टम के लिये , उस समय को Restricted करना आवश्यक होता है जब ब्लॉक को डिस्क पर लिखा जाता है । 
उदाहरण के लिये- अधिकतर रिकवरी सिस्टम को ऐसे ब्लॉक की आवश्यकता होती है जो कि ब्लॉक को अपडेट करने के दौरान डिस्क पर लिखे जाते हैं । ऐसा ब्लॉक जिसे डिस्क पर लिखने की आज्ञा नहीं दी जाती है उसे पिन्ड ( Pinned ) कहा जाता है यद्यपि ऑपरेटिंग सिस्टम pinned blocks को सपोर्ट नहीं करते हैं । 

4. Forced Output of Blocks in dbms:- 

कभी कभी ऐसी स्थिति भी उत्पन्न होती है जिसमें यह आवश्यक होता है कि ब्लॉक को डिस्क पर लिखा जाये । इस प्रकार से ब्लॉक को लिखना ब्लॉक का Forced output कहलाता है । 

5. Buffer Replacement Policies in dbms:-

Blocks के लिये Replacement Strategy का objective डिस्क के एक्सेस को minimum करना होता है । सामान्य objective वाले programs के लिये यह अनुमान लगाना संभव नहीं है कि कौन - सा Block reference किया जायेगा । इसलिये ऑपरेटिंग सिस्टम ब्लॉक reference पुराने तरीके को उपयोग करते हैं । यदि किसी ब्लॉक को replace किया जा सकता है तो Reference block को भी replace किया जाता है । यह Approach LRU Block Replacement Scheme कहलाती हैं । 
LRU ऑपरेटिंग सिस्टम में Acceptable Replacement Scheme होती है । फिर भी डाटाबेस सिस्टमऑपरेटिंग सिस्टम की तुलना में Future reference के patterns का अनुमान लगाने में अधिक योग्य होता है । यूजर डाटाबेस सिस्टम से कई सारे step को included करने की रिक्वैस्ट करता है । डाटाबेस सिस्टम , अक्सर यह निर्धारित करने में योग्य होता है कि भविष्य में किस ब्लॉक की आवश्यकता हो सकती है । एक आदर्श ​​Database - Block Replacement Strategy उन सभी डाटाबेस ऑपरेशन्स की जानकारी की आवश्यकता होती है जो परफॉर्म हो चुके हैं और जो भविष्य में परफॉर्म किये जाने हैं । ऐसी कोई भी strategy नहीं है जो इन सभी को अकेले ही हैण्डल कर सके । buffer managervद्वारा ब्लॉक Replacement के लिये उपयोग की जाने वाली strategy कुछ facters से प्रभावित होती है ।

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