सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

public key encryption in hindi

आज हम computers in hindi मे public key encryption in hindi - e commerce in hindi के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- 

meaning encryption in hindi:-

Encrypt एक तकनीक है जिससे डेटा अथवा संदेश को form में बदला जाता है जिससे उसकी गोपनीयता बनी रहती है । encryption एक तकनीक होती है । जिसमें किसी भी तरह की व्यक्तिगत जानकारी को गोपनीय व सुरक्षित रखा जा सकता है । Encrypt तकनीक का उपयोग ई - मेल में किया जाता है । क्योंकि ई मेल के द्वारा कई प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारी तथा फाइलों व डॉक्यूमेंट्स का आदान प्रदान किया जाता है । सामान्यत : ई - मेल में एनक्रेप्शन विधि का उपयोग किया जाता है ।

public key encryption in hindi:-

Public key encryption को E - Commerec के अन्तर्गत जब कोई Transation किया जाता है तो इसके लिये नेटवर्क का प्रयोग किया जाता है । नेटवर्क पर किसी भी प्रकार का Safe communcation करने के लिये Cryptographic का प्रयोग किया जाता है । Cryptopraphic System के अन्तर्गत Encryption तथा Decryption करने के लिये Public key तथा Private key का प्रयोग किया जाता है । इन दोनों Keys के आधार पर Cryptographic System कार्य करता है । 
Publie key का प्रयोग उन users के द्वारा किया जाता है जो Communication के दौरान Message भेज रहे है तथा जिस user को Message प्राप्त हो रहा है वह Private Key का प्रयोग करता है ।

Example of public key encryption in hindi:-

यदि दीपक भावना को कोई Secure Message भेजना चाहे तो वह Message को encrypt करने के लिये भावना की Public key का प्रयोग करेगा तथा उस Message को encrypt करने के लिये भावना के द्वारा private key का प्रयोग किया जायेगा । 
यह कह सकते है कि Private key तथा Public key दोनों ही एक दूसरे से संबंधित है । किसी भी Message को Encrypt करने के लिये Public Key का प्रयोग किया जाता है तथा उस Message को encrypt करने के लिये Public key उस से संबंधित Private Key का ही प्रयोग किया जाता है । Public Key तथा Private Key दोनों ही Cryptographic system का महत्वपूर्ण अंश है। 
वर्तमान में Public Key system जैसे कि PGP ( Pretty Good Privacy ) बहुत ही प्रचलित है जो कि इन्टरनेट के द्वारा सूचना प्रसारण के लिये प्रचलित है यह बहुत सुरक्षित होता है तथा अपेक्षाकृत सरल भी होता है इसमें केवल यह ध्यान रखा जाना चाहिये कि जिस व्यक्ति को संदेश भेजा जा रहा है , संदेश को encrypt करने के लिये संदेश प्राप्तकर्ता की Public Key का प्रयोग किया जायेगा ।

difference between private key and public key encryption:-

जैसा कि हम जानते हैं कि Private Key तथा Public key दोनों ही Cryptographic system का महत्वपूर्ण भाग हैं परन्तु फिर भी इनमें कुछ अन्तर पाये गये है -
Public Key 
1. इसका प्रयोग संदेश  Sendar अर्थात संदेश भेजने वाले के द्वारा किया जाता है । 
2. सामान्यत : इसका प्रयोग संदेश को encrypt करने के लिये किया जाता है । 
Private key
1. इसका प्रयोग संदेश Recipient अर्थात संदेश प्राप्त करने वाले के द्वारा किया जाता है । 
2 . इसका प्रयोग संदेश की decrypt करने के लिये किया जाता है ।

Importane of Public Key in E - Commerce:-

1 . Secuse Electronic communication: -

ई - कॉमर्स में Communication के लिये किसी बड़े तथा खुले नेटवर्क का प्रयोग किया जाता है । जिसमें सुरक्षा कम होती है तथा वह संदेश किसी attacker के द्वारा access किया जा सकता है जिसे वह information leak हो सकती है । संदेश को नेटवर्क पर सुरक्षित भेजने के लिये Public key Cryptography का प्रयोग किया जाता है। 

2. Encryption and Decryption : - 

Public Key के द्वारा encrypt किये गये message को उसी से संबंधित private Key के द्वारा ही Decrpyit किया जा सकता है अत : किसी attacker के द्वारा वह संदेश access किया जायेगा तो वह उस संदेश को Decprite करके पढ़ नहीं पायेगा जिससे हमारी infomation leak नहीं होगी क्योंकि encrypt किया गया संदेश पढ़ने योग्य स्थिति में नहीं होगा । 

3. Easy to Use : - 

इस प्रकार की Cryptographic तकनीक प्रयोग में आसान होती है क्योंकि इसमें गणित्तिय समीकरण / गणनाओं का प्रयोग किया जाता है जिसे कम्प्यूटर द्वारा आसानी से encrypt कर अन्य observer , attackers से सुरक्षित रखा जाता है तथा मैसेज का गन्तव्य स्थान के पहुँचने के पश्चात् उसे आसानी से decrypt भी किया जाता है ।

4. High Protection: - 

ई - कॉमर्स के अंतर्गत जब कोई Transaction किया जाता है तो इसके लिए information का सुरक्षित रहना आवश्यक होता है अत : इन Cryptographic तकनीकों / keys का उपयोग करके हम अपने Transaction / information को  Protect कर सकते हैं । 
ई - कॉमर्स का उपयोग एक बड़े नेटवर्क के माध्यम से किया जाता है जिस पर सूचना व Transaction का सुरक्षित होना अति आवश्यक है । अन्तर्राष्ट्रीय Transaction में कई सूचना ऐसी होती है जिन्हें गुप्त रखा जाना आवश्यक होता है तथा विभिन्न attackers उन जानकारी पर दृष्टि बनाए रखते है तथा उनका उसका दुरूप्रयोग करते हैं । 
ऐसी स्थिति में अपने संदेश व Transaction को गुप्त व सुरक्षित रखने के लिए cryptographic system का प्रयोग किया जाता है जिससे हम अपने व्यापारिक क्षेत्र को सुरक्षित बना सकते हैं तथा अपनी सूचनाओं को गुप्त व सुरक्षित रख सकते हैं । इसके लिए cryptographic system का प्रयोग अत्यन्त महत्वपूर्ण है , जो कि encryption / Decryption को Public key तथा Private key के द्वारा सम्पन्न करता है ।



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

half adder and full adder in hindi

  आज हम  computer in hindi  मे  आज हम half adder and full adder in hindi - computer system architecture in hindi   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं-   के बारे में जानकारी देगे क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- half adder and full adder in hindi:- 1. half adder in hindi 2. full adder in hindi  1. Half adder in hindi:- half adder  सबसे basic digital arithmetic circuit 2 binary digits का जोड़ है।  एक combination circuit जो दो bits के arithmetic जोड़ को display करता है उसे half adder कहा जाता है।   half adder के इनपुट variable को Augend और addend bits कहा जाता है। आउटपुट योग और Carrie को बदलता है। दो आउटपुट variable Specified करना आवश्यक है क्योंकि 1 + 1 का योग बाइनरी 10 है, जिसमें दो अंक हैं। हम दो इनपुट वेरिएबल्स के लिए x और y और दो आउटपुट वेरिएबल के लिए S (योग के लिए) और C (कैरी के लिए) असाइन करते हैं। C output 0 है जब तक कि दोनों इनपुट 1 न हों। S आउटपुट योग के कम से कम महत्वपूर्ण बिट ...

महाकुंभ-आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिकता की यात्रा

महाकुंभ-आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिकता की यात्रा-1:- कुंभ मेला दुनियां में आस्था और आध्यात्मिकता की सबसे असाधारण अभिव्यक्तियों में से एक है, जो भारतीय संस्कृति और धर्म के शाश्वत सार को दर्शाता है। यह हिंदू परंपराओं में गहराई से निहित एक पवित्र तीर्थयात्रा है, जहाँ लाखों भक्त, साधु- सन्त (पवित्र पुरुष), विद्वान् और साधक ईश्वर में अपनी सामूहिक आस्था का उत्सव मनाने के लिए एकत्र होते हैं। जहां राष्ट्रीय एकात्मता और सामाजिक समरसता के सहज दर्शन होते हैं।* यह स्मारकीय आयोजन महज धार्मिक उत्सव की सीमाओं से परे जाकर भक्ति, सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक जागृति के जीवंत संगम के रूप में विकसित होता है। महाकुंभ-आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिकता की यात्रा-2:- चार पवित्र स्थानों- हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन - पर चक्रीय रूप से आयोजित होने वाला कुंभ मेला सत्य और मोक्ष की शाश्वत खोज का प्रतीक है। इन स्थानों को मनमाने ढंग से नहीं चुना जाता है; वे प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों और आकाशीय संरेखण से आंतरिक रूप से जुड़े हुए हैं, जो इन पर्वों को गहन आध्यात्मिक महत्त्व देते हैं। प्रत्येक स्थल नदियों या तीर...

शिक्षक का व्यवहार कैसा होना चाहिए? (What should be the behaviour of a teacher?)

 शिक्षक का व्यवहार कैसा होना चाहिए:-  शिष्य एवं शिक्षक के बीच शिष्टाचार-1:- एक विद्यार्थी अपने शिक्षक से ज्ञान प्राप्त कर जीवन में अग्रसर होता है, अपने जीवन का निर्माण करता है। जो विद्यार्थी अच्छे गुणों को ग्रहण कर शिष्टाचारी बनकर जीवन- पथ पर आगे बढ़ता है; जीवन में उच्च पद, सम्मान आदि प्राप्त करता है और उसको समाज में एक आदर्श व्यक्तित्व का दर्जा प्राप्त होता है। दूसरी ओर वह शिष्य है, जो अशिष्ट है। वह इस दुनियां में आता है और चला जाता है। उसका जीवन कीड़े-मकोड़े की तरह होता है- अर्थात् उनका कोई अस्तित्व नहीं होता। वह निरुद्देश्य जीवन जीते मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। जहाँ एक ओर विद्यार्थियों को अपने गुरुजनों, शिक्षकों के साथ सम्मानजनक उचित व्यवहार करना चाहिए, वहीं दूसरी ओर शिक्षकों को भी अपने शिष्यों, विद्यार्थियों के सम्मान का उचित ध्यान रखना चाहिए, अर्थात् दोनों का एक-दूसरे के प्रति शिष्टाचार आवश्यक है।  शिष्य एवं शिक्षक के बीच शिष्टाचार-2:- विद्यार्थी को अपना कार्य स्वयं करना चाहिए, न कि अपने माता-पिता अथवा अभिभावक पर निर्भर होना चाहिए। जो विद्यार्थी अपना कार्य स्वयं कर...