सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

file system vs dbms in hindi । Differences between

 आज हम file management system (FMS) in hindi और डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (DBMS in hindi)

के बारे मे थोडा जानेगे और file system vs dbms in hindi (Differences between file management system (FMS) and database management systems (DBMS in hindi) के बारे मे जानेगे क्या होता है तो चलिए शुरु करते हैं:-

File management system in hindi:-

आम तौर पर हमें कम्प्यूटर में जो भी Data लिखना होता है वह किसी ना किसी रूप में एक file में store होता है । इन फाइलों के managment system को file managment system कहते हैं । 
इन फाइलों को जब पुनः open किया जाता है तो इनमें store ( सम्पूर्ण डेटा ) डेटा हमारे समक्ष प्रदर्शित हो जाता है । यदि हमें सम्पूर्ण Data के बजाय Data का वह भाग या सूचना जो किसी विशेष condition को पूरा करती हों यदि ऐसी सूचना प्रयोगकर्ता को चाहिए तो FMS उसे उपलब्ध नहीं करा सकता , क्योंकि वह file managment system के द्वारा छांटी नहीं जा सकती ।

Data base management system in hindi (DBMS in hindi):-

स्टोर किये गये Data में से यदि हमें किसी विशेष कंडीशन को पूरा करने वाला Data चाहिए तो यह file management system  के द्वारा सम्भव नहीं है इसलिए इसे प्राप्त करने के लिये डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम का implementation किया गया है । 
वैसे तो file management system डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम की अपनी - अपनी खूबियां हैं । दोनों को प्रयोग करने का क्षेत्र भिन्न है । परन्तु फिर भी file management system  तथा डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में कुछ अन्तर हैं-

file system vs dbms in hindi (डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम vs फाइल सिस्टम):-

1. डेटा को स्टोर करने की केन्द्रीयकृत approach :-

File management system (FMS in hindi)के अन्तर्गत Data विभिन्न फाइलों में अलग - अलग store होता है अर्थात् data बिखरा हुआ रहता है । FMS में Data को store करने के लिये किसी भी Centerlized approch को follow नहीं किया जाता है , जबकि डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में data को एक ही centeral location पर store किया जाता है । 

2. Data Redundancy in hindi : - 

File management system (FMS) के अन्तर्गत data reduduncy बहुत अधिक मात्रा में होती है । redundancy से अभिप्राय अतिरिक्त information से है जो दोबारा repeat हो रही हो । FMS में एक ही तरह की सूचना अलग - अलग physical location पर repeat होती है जबकि डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम  में Redundancy बहुत कम होती है क्योंकि इसमें Data Base centerlized होता है ।

3. Querries को अनउपयुक्त तरीके से Handling करना:-

Querries को अनउपयुक्त तरीके से Handling करना FMS में queries को बनाने व उसे पेश करने के लिये एक अतिरिक्त file बनाई जाती है जबकि डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में clients के द्वारा दी गई Querries को proper तरीके से handle किया जाता है । 

4. Data complexity :-

FMS के अन्तर्गत data बहुत ही जटिल तरीके से store किया जाता है । FMS में data को store करने के लिये कोई भी प्रबंधित तरीका नहीं है इससे data की जटिलता ( complexity ) बढ़ जाती है , जबकि डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में data को store करने के लिए विशिष्ट तरीकों को चुना जाता है । जैसे कि relational , Hierarchi cal , network etc. इनसे data complexity कम होती है ।

5. Data inconsistancy :-

FMS में एक ही प्रकार का data अलग - अलग files में store किया जाता है जिससे data में inconsistancy ( अनुरूपता ) हो सकती है जैसे कि यदि किसी एक record की कुछ values को change करना हो तथा उस record से सम्बन्धित information चार भागों में चार अलग - अलग जगह पर store हो तो उसमें बदलाव करने के लिये चारो जगह बदलाव करना पड़ेगा , जबकि डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में डेटा transaction  होने के बाद तथा transaction प्रारम्भ होने से पूर्व दोनों स्थितियों में consis tent रहता है । केवल transaction के दौरान data inconsistent स्थिति में आ जाता है । 

6. Update Problem :-

यदि FMS में हमें कोई data update करना हो तो उस data से सम्बन्धित files में updation किया जाता है । जिससे data consistence स्थिति में आता है , जबकि डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में इसके लिये Database को centerlized रूप में store किया जाता है । 

7. Application Cost :-

FMS में लगातार updation करते रहने से application की कीमत बढ़ जाती है , जबकि डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में ऐसा नहीं होता है । 

8. Data Integrity in hindi :-

File management system (FMS) में डेटा की integrity ( सम्पूर्णता ) को बनाये रखने के लिये किसी विशिष्ट प्रकार के नियम को follow नहीं किया जाता है क्योंकि इसमें constraint लगाने का system नहीं होता है , जबकि डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में कुछ constraints system जैसे कि primary key , unique key इत्यादि को follow किया जाता है । 

9. Multiple files को एक साथ प्रदर्शित करना ( referential in tegrity ) :-

File management system (FMS) में दो files को या उससे अधिक files के डेटा जो कि आपस में सम्बन्धित हों उनको एक साथ प्रदर्शित नहीं किया जा सकता और ना ही उन files ierarchi का आपस में relation बनाया जाता है , जबकि डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में एक Table को दूसरी Table के साथ Connect किया जा सकता है तथा इसे follow करने के लिये referential integrity का use किया जाता है ।

10. Monitaring Managments ( संचालन प्रबंध):-

FMS में store data में कोई भी activity जैसे कि नया data insert करना , edit करना , delete करना , आदि की details को अलग से नहीं लिखा जाता है , जबकि डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में file किसने बनाई , कब बनाई , कब modify की , file को access कब किया गया आदि की जानकारी भी store की जाती है।

11. Multi user :-

FMS के अन्तर्गत एक समय में केवल एक user write ( insert ) कर सकता है । जब किसी file में write operation start होता है तो सम्पूर्ण file lock हो जाती है , जबकि डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में client server architecture के द्वारा एक बार में से अधिक user एक ही table पर data insert कर सकते हैं । 

12. Security ( सुरक्षा ) :-

FMS के अन्तर्गत security features सीमित होते हैं जो कि operating system द्वारा प्रदान किये जाते हैं , जबकि डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में विशेष प्रकार से कुछ अतिरिक्त features दिये हुये होते हैं जैसे कि : Privileges , user managment , profile 

13. Disaster Managment :-

FMS के अन्तर्गत file के data का back up लेने तथा data के recovery की तकनीकें बहुत ही कम या कमजोर होती हैं , जबकि डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम में backup की तकनीके तथा recovery की कई तकनीकें होती हैं ।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Recovery technique in dbms । रिकवरी। recovery in hindi

 आज हम Recovery facilities in DBMS (रिकवरी)   के बारे मे जानेगे रिकवरी क्या होता है? और ये रिकवरी कितने प्रकार की होती है? तो चलिए शुरु करतेे हैं- Recovery in hindi( रिकवरी) :- यदि किसी सिस्टम का Data Base क्रैश हो जाये तो उस Data को पुनः उसी रूप में वापस लाने अर्थात् उसे restore करने को ही रिकवरी कहा जाता है ।  recovery technique(रिकवरी तकनीक):- यदि Data Base पुनः पुरानी स्थिति में ना आए तो आखिर में जिस स्थिति में भी आए उसे उसी स्थिति में restore किया जाता है । अतः रिकवरी का प्रयोग Data Base को पुनः पूर्व की स्थिति में लाने के लिये किया जाता है ताकि Data Base की सामान्य कार्यविधि बनी रहे ।  डेटा की रिकवरी करने के लिये यह आवश्यक है कि DBA के द्वारा समूह समय पर नया Data आने पर तुरन्त उसका Backup लेना चाहिए , तथा अपने Backup को समय - समय पर update करते रहना चाहिए । यह बैकअप DBA ( database administrator ) के द्वारा लगातार लिया जाना चाहिए तथा Data Base क्रैश होने पर इसे क्रमानुसार पुनः रिस्टोर कर देना चाहिए Types of recovery (  रिकवरी के प्रकार ):- 1. Log Based Recovery 2. Shadow pag

method for handling deadlock in hindi

आज हम  computer course in hindi  मे हम   method for handling deadlock in hindi  के बारे में जानकारी देते क्या होती है तो चलिए शुरु करते हैं- method for handling deadlock in hindi:- deadlock  को बचाने या हटाने के लिये हमें protocol  का प्रयोग करना पड़ सकता है और जब हम यह fixed कर लें कि सिस्टम को deadlock की state में नहीं जायेगा । हम सिस्टम को deadlock की state में पहचान करने एवं recover करने के लिए जाने दे सकते है । हम सारी परेशनियों को एक साथ हटा सकते हैं , और सिस्टम में फिर दुबारा से deadlock मौजूद नहीं होगा । यह solution कई ऑपरेटिंग सिस्टम एवं UNIX के द्वारा use में लिया जाता है , यह fix करने के लिये कि deadlock कभी नहीं होगा , सिस्टम को या तो  deadlock  बचाव scheme का use करना पड़ेगा या फिर deadlock को हटाने की scheme का use करना पड़ेगा । एक methods का set है जो यह fix करता है कि स्थिति में से एक को sald नहीं किया जा सकता । यह method को रोकते हैं Constraining के द्वारा resource की जरूरत पड़ती है । दूसरी तरफ , deadlock को हटाने की जरूरत पड़ती है ऑपरेटिंग सिस्टम की advanced addition